जबलपुर। प्रदेश सरकार स्कूली बच्चों को अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराने के भले ही लाख दांवे करे लेकिन छात्रों से स्कूल का टॉयलेट साफ करवाने की ये तस्सीरें उन दांवो की पोल खोलकर कर देती है. मामला जबलपुर की बरगी विधानसभा क्षेत्र के छपरा प्राथमिक शाला का है. यहां पढ़ाने वाली टीचर सारिका बस्त्रे स्कूल के बच्चों से टॉयलेट साफ कराती है.
टॉयलेट साफ करते इन बच्चों से जब पूछा गया है कि उन्हें यह काम करने के लिए किसने कहा था. तो उन्होंने जवाब दिया बड़ी मैडम ने उन्हें टॉयलेट साफ करने के लिए कहा है. बच्चों के साथ किए जा रहे इस व्यवहार के लिए जब जिला परियोजना अधिकारी से पूछा गया तो उनका जबाव अजीबो गरीब था.
जिला परियोजना अधिकारी ने कहा कि कई बार बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए इस तरह के कार्य करवाए जाते हैं, लेकिन इसमें शिक्षक भी सफाई करते हैं और आगे रहकर बच्चों को स्वच्छता के संबंध में सिखाते हैं. लेकिन यह बात समझ से परे है कि केवल दो बच्चों से ही स्वच्छता अभियान क्यो चलवाया जा रहा है. जब स्वच्छता का प्रशिक्षण ही दिया जा रहा था तो फिर स्कूल के शिक्षक और बाकी बच्चे कहां थे. इससे पहले भी बच्चों से सफाई कराने के मामले सामने आते रहे हैं.