ETV Bharat / state

डेंजर जोन में शामिल हुआ राकेश सिंह द्वारा गोद लिए गांव का सरकारी स्कूल, शिक्षा व्यवस्था है बदहाल

जिला कलेक्टर ने 15 सरकारी स्कूलों को चिन्हित कर डेंजर जॉन में रखा है. इन स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बदहाल है. डेंजर जोन के 15 सरकारी स्कूलों में जबलपुर सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के द्वारा गोद लिए गए कोहला गांव का सरकारी स्कूल भी है.

school of kohla Village  joins Danger Zone
राकेश सिंह द्वारा गोद लिए गांव का सरकारी स्कूल
author img

By

Published : Dec 28, 2019, 1:29 PM IST

जबलपुर। शिक्षा का स्तर सुधारने राज्य सरकार और जिला प्रशासन लाख कवायद कर रहा है, लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षा के हालात जस के तस बने हैं. साल 2018-19 में जबलपुर के सरकारी स्कूलों में दसवीं कक्षा का परिणाम महज 54 फीसदी रहा. स्टेट मेरिट में तो जिले में एक भी छात्र ने अपनी जगह टॉप टेन तक में नहीं बनाई थी, जबकि सिवनी, बालाघाट, नरसिंहपुर, कटनी, दमोह जैसे छोटे जिलों के छात्रों दम दिखाया था.

जबलपुर में शिक्षा व्यवस्था बदहाल

15 सरकारी स्कूलों को डेंजर जोन में रखा
बीते साल के रिजल्ट की पुनरावृत्ति इस वर्ष भी ना हो, इसे देखते हुए जबलपुर कलेक्टर ने 15 सरकारी स्कूलों को चिन्हित कर डेंजर जॉन में रखा है, जहां की शिक्षा का स्तर बिल्कुल निम्न था. डेंजर जोन के 15 सरकारी स्कूलों में जबलपुर सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के द्वारा गोद लिए गए कोहला गांव का सरकारी स्कूल भी है.

राकेश सिंह का गोद लिया गया गांव भी शामिल
कलेक्टर भरत यादव ने डेंजर जॉन के सभी 15 स्कूलों की निगरानी के लिए अपर कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को निर्देशित किया है. डेंजर जोन के ये वह 15 सरकारी स्कूल है, जहां पर कि बीते साल परीक्षा परिणाम 0 से 30% रहा है. गौर करने वाली बात यह है कि सांसद राकेश सिंह ने जिस कोहला गांव को गोद लिया है, उस गांव का हाई स्कूल भी डेंजर जोन में है. जहां का परीक्षा परिणाम ओसत के अनुरूप बिल्कुल नहीं था.

रिजल्ट बिगड़ने पर प्राचार्यों की खैर नहीं
जिला शिक्षा अधिकारी सुनील नेमा जल्द ही डेंजर जोन में शामिल स्कूलों के प्राचार्यों की बैठक लेकर अच्छी से अच्छी पढ़ाई किस तरह से हो सके इसकी रूपरेखा बनाने की तैयारी कर रहे हैं. साथ ही अगर इस वर्ष भी स्कूलों का परीक्षा परिणाम बिगड़ता है तो संबंधित स्कूलों के प्रिंसिपल और टीचर पर कार्रवाई की गाज गिरेगी.

जबलपुर। शिक्षा का स्तर सुधारने राज्य सरकार और जिला प्रशासन लाख कवायद कर रहा है, लेकिन सरकारी स्कूलों में शिक्षा के हालात जस के तस बने हैं. साल 2018-19 में जबलपुर के सरकारी स्कूलों में दसवीं कक्षा का परिणाम महज 54 फीसदी रहा. स्टेट मेरिट में तो जिले में एक भी छात्र ने अपनी जगह टॉप टेन तक में नहीं बनाई थी, जबकि सिवनी, बालाघाट, नरसिंहपुर, कटनी, दमोह जैसे छोटे जिलों के छात्रों दम दिखाया था.

जबलपुर में शिक्षा व्यवस्था बदहाल

15 सरकारी स्कूलों को डेंजर जोन में रखा
बीते साल के रिजल्ट की पुनरावृत्ति इस वर्ष भी ना हो, इसे देखते हुए जबलपुर कलेक्टर ने 15 सरकारी स्कूलों को चिन्हित कर डेंजर जॉन में रखा है, जहां की शिक्षा का स्तर बिल्कुल निम्न था. डेंजर जोन के 15 सरकारी स्कूलों में जबलपुर सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के द्वारा गोद लिए गए कोहला गांव का सरकारी स्कूल भी है.

राकेश सिंह का गोद लिया गया गांव भी शामिल
कलेक्टर भरत यादव ने डेंजर जॉन के सभी 15 स्कूलों की निगरानी के लिए अपर कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को निर्देशित किया है. डेंजर जोन के ये वह 15 सरकारी स्कूल है, जहां पर कि बीते साल परीक्षा परिणाम 0 से 30% रहा है. गौर करने वाली बात यह है कि सांसद राकेश सिंह ने जिस कोहला गांव को गोद लिया है, उस गांव का हाई स्कूल भी डेंजर जोन में है. जहां का परीक्षा परिणाम ओसत के अनुरूप बिल्कुल नहीं था.

रिजल्ट बिगड़ने पर प्राचार्यों की खैर नहीं
जिला शिक्षा अधिकारी सुनील नेमा जल्द ही डेंजर जोन में शामिल स्कूलों के प्राचार्यों की बैठक लेकर अच्छी से अच्छी पढ़ाई किस तरह से हो सके इसकी रूपरेखा बनाने की तैयारी कर रहे हैं. साथ ही अगर इस वर्ष भी स्कूलों का परीक्षा परिणाम बिगड़ता है तो संबंधित स्कूलों के प्रिंसिपल और टीचर पर कार्रवाई की गाज गिरेगी.

Intro:जबलपुर
शिक्षा का स्तर सुधारने राज्य सरकार और जिला प्रशासन लाख कवायद कर रहा है पर सरकारी स्कूलों में शिक्षा के हालात जस के तस बने है। साल 2018-19 में जबलपुर के सरकारी स्कूलों में दसवीं कक्षा का परिणाम महज 54 फ़ीसदी रहा। स्टेट मेरिट में तो जिले में एक भी छात्र ने अपनी जगह टॉप टेन तक में नहीं बनाई थी।


Body:जबकि सिवनी, बालाघाट,नरसिंहपुर,कटनी,दमोह जैसे छोटे जिले के छात्रों ने बाजी मार ली थी। बीते साल के रिजल्ट की पुनरावृत्ति इस वर्ष भी ना हो लिहाजा इसे देखते हुए जबलपुर कलेक्टर ने जिले के 15 सरकारी स्कूलों को चिन्हित कर डेंजर जॉन में रखा है जहां पर की शिक्षा का स्तर बिल्कुल निम्न था। इन डेंजर जोन के 15 सरकारी स्कूलों में जबलपुर सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के द्वारा गोद लिया कोहला गांव का सरकारी स्कूल भी है। कलेक्टर भरत यादव ने डेंजर जॉन के सभी 15 स्कूलों की निगरानी के लिए अपर कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को निर्देशित किया है।


Conclusion:डेंजर जोन के ये वह 15 सरकारी स्कूल है जहां पर कि बीते साल परीक्षा परिणाम 0 से 30% रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि सांसद राकेश सिंह ने जिस कोहला गांव को गोद लिया है उस गांव का हाई स्कूल भी डेंजर जोन में है जहां का परीक्षा परिणाम ओषत के अनुरूप बिल्कुल नहीं था। इधर जिला शिक्षा अधिकारी सुनील नेमा जल्द ही डेंजर जोन में शामिल स्कूलों के प्राचार्यो की बैठक लेकर अच्छी से अच्छी पढ़ाई किस तरह से हो सके इसकी रूपरेखा बनाने की तैयारी कर रहे हैं।साथ ही अगर इस वर्ष भी स्कूलों का परीक्षा परिणाम बिगड़ता है तो संबंधित स्कूलों के प्रिंसिपल और टीचर पर कार्यवाही की गाज गिरेगी।
बाइट.1- सुनील नेमा...... जिला शिक्षा अधिकारी,जबलपुर.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.