जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद फरोख्त में सिटी अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा का नाम सामने आने के बाद जहां पुलिस ने उस पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. वहीं विश्व हिंदू परिषद ने भी उन्हें संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
विहिप ने संगठन से किया बाहर
नकली इंजेक्शन की खरीद-फरोख्त मामले में विश्व हिंदू परिषद ने निजी अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा को संगठन के सभी दायित्वों से मुक्त कर दिया है. उनके खिलाफ ओमती थाना पुलिस ने कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. प्रांत मंत्री राजेश तिवारी ने उन्हें हर दायित्व से मुक्त कर दिया है. जानकारी के मुताबिक सरबजीत सिंह मोखा का नाम जैसे ही नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के लेनेदेन में आया तो लोगों में भारी आक्रोश उत्पन्न होने लगा. लोग अपनी प्रतिक्रिया तक जाहिर करने लगे.
विचार विमर्श करने के बाद लिया गया निर्णय
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री के अनुसार कोरोना संक्रमण की वजह से बैठक नहीं हो रही हैं. संगठन मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के साथ पूरे प्रकरण को लेकर विचार-विमर्श किया गया है, जिसके बाद निर्णय लिया गया है कि मोखा को सभी दायित्व से मुक्त किया जाए. सरबजीत सिंह मोखा जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद के नर्मदा जिला के अध्यक्ष था.
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नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन में आया था नाम
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में एफआईआर दर्ज हो जाने के बाद सिटी अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर ही है. चर्चा है कि पहले सीने में दर्द, फिर खुद को कोरोना पाॅजिटिव बताकर बचाव का रास्ता ढूंढने के बाद वह फरार हो गया. जानकारी के मुताबिक मोखा ने अब अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण भी ले ली है. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को जबलपुर प्रवास के दौरान साफ कह दिया है कि इस मामले में किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा.