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#Jabalpur का रसूखदार मोखा करता था नेताओं को फाइनेंस, मौके पर नहीं आया कोई बचाने

सरबजीत सिंह मोखा का ताल्लुख अपराध के साथ-साथ राजनीति से भी हैं. उस पर हमेशा से ही राजनेताओं का हाथ रहा हैं, लेकिन कुछ दिन पहले ही जब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला सामने आया, तो उसे बचाने कोई नहीं आया.

Sarabjit Singh Mokha
सरबजीत सिंह मोखा
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Published : May 14, 2021, 5:32 PM IST

Updated : May 14, 2021, 5:40 PM IST

जबलपुर। सरबजीत सिंह मोखा की कहानी में अपराध हैं, तो राजनीति भी हैं. सरबजीत पर राजनेताओं का आशीर्वाद हमेशा से ही रहा हैं, क्योंकि मोखा जबलपुर के कई नेताओं को फाइनेंस करता था, लेकिन जब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला सामने आया, तो मोखा को बचाने कोई नहीं आया.

सरबजीत सिंह मौखा विश्व हिंदू परिषद जिला अध्यक्ष

सरबजीत सिंह जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद का जिला अध्यक्ष था. कुछ दिन पहले ही जब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला सामने आया, तब विश्व हिंदू परिषद ने सरबजीत को पद से हटा दिया.

Sarabjit Singh Mokha
सरबजीत सिंह मोखा

हालांकि, जब वह विश्व हिंदू परिषद का जिला अध्यक्ष था, तब कई बड़े नेता उससे मिलने आते थे. इनमें से विश्व हिंदू परिषद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर प्रवीण तोगड़िया का भी नाम चर्चित हैं.

राम मंदिर के लिए चंदा

आरोपों के मुताबिक, सरबजीत के बड़े रसूख के पीछे एक बड़ी वजह यह है कि वह चंदा बहुत बांटता था. राम मंदिर के निर्माण के लिए उसने 2500000 रुपये का दान दिया. इसी तरीके से जबलपुर की रेड क्रॉस सोसायटी के लिए भी उसने 1000000 रुपये दान किए.

Sarabjit Singh Mokha
सरबजीत सिंह मोखा


नेताओं का फाइनेंसर
राजनीति में सक्रिय रहने वालों का कहना है कि शहर के कई नेताओं के लिए सरबजीत सिंह तिजोरी के जैसे था. चुनाव में नेताओं को मोखा बड़ा फंड देता था. इसलिए छोटे-मोटे मामलों में सरबजीत के ऊपर कभी आंच नहीं आती थी.

जब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला तूल पकड़े लगा, तो सबसे पहले विश्व हिंदू परिषद ने ही उसे पद से हटा दिया. कई नेताओं ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट से उसकी फोटो डिलीट कर दी. आज उसके साथ कोई खड़ा नहीं हैं.

नकली रेमडेसिविर मामले में जबलपुर पहुंची गुजरात पुलिस

सिटी अस्पताल संचालक सहित तीन हुए थे गिरफ्तार

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को गुजरात से लाकर मध्य प्रदेश में खपाने वाले सपन जैन को कुछ दिन पहले ही गुजरात पुलिस ने जबलपुर के आधारताल से गिरफ्तार किया था, जबकि मध्य प्रदेश पुलिस ने सरबजीत सिंह मोखा और देवेश चौरसिया को गिरफ्तार किया हैं. इन पर कार्रवाई भी की जा रही हैं.

Sarabjit Singh Mokha
सरबजीत सिंह मोखा

दो कार्टून में जबलपुर आए थे इंजेक्शन

23 अप्रैल और 28 अप्रैल को बस के माध्यम से इंदौर से रेमडेसिविर इंजेक्शन के दो कार्टून जबलपुर लाने की बात सामने आई थी. सरबजीत सिंह मोखा के कहे अनुसार देवेश चौरसिया उन्हें लेने के लिए गया था. कार्टून लेने के बाद देवेश चौरसिया ने सिटी अस्पताल लाकर सरबजीत सिंह मोखा के कक्ष में रख दिया था. दवाओं का भुगतान सपन जैन ने किया. इस सबंध में सिटी अस्पताल के पास कोई रिकॉर्ड नहीं था.

जबलपुर। सरबजीत सिंह मोखा की कहानी में अपराध हैं, तो राजनीति भी हैं. सरबजीत पर राजनेताओं का आशीर्वाद हमेशा से ही रहा हैं, क्योंकि मोखा जबलपुर के कई नेताओं को फाइनेंस करता था, लेकिन जब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला सामने आया, तो मोखा को बचाने कोई नहीं आया.

सरबजीत सिंह मौखा विश्व हिंदू परिषद जिला अध्यक्ष

सरबजीत सिंह जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद का जिला अध्यक्ष था. कुछ दिन पहले ही जब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला सामने आया, तब विश्व हिंदू परिषद ने सरबजीत को पद से हटा दिया.

Sarabjit Singh Mokha
सरबजीत सिंह मोखा

हालांकि, जब वह विश्व हिंदू परिषद का जिला अध्यक्ष था, तब कई बड़े नेता उससे मिलने आते थे. इनमें से विश्व हिंदू परिषद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर प्रवीण तोगड़िया का भी नाम चर्चित हैं.

राम मंदिर के लिए चंदा

आरोपों के मुताबिक, सरबजीत के बड़े रसूख के पीछे एक बड़ी वजह यह है कि वह चंदा बहुत बांटता था. राम मंदिर के निर्माण के लिए उसने 2500000 रुपये का दान दिया. इसी तरीके से जबलपुर की रेड क्रॉस सोसायटी के लिए भी उसने 1000000 रुपये दान किए.

Sarabjit Singh Mokha
सरबजीत सिंह मोखा


नेताओं का फाइनेंसर
राजनीति में सक्रिय रहने वालों का कहना है कि शहर के कई नेताओं के लिए सरबजीत सिंह तिजोरी के जैसे था. चुनाव में नेताओं को मोखा बड़ा फंड देता था. इसलिए छोटे-मोटे मामलों में सरबजीत के ऊपर कभी आंच नहीं आती थी.

जब नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का मामला तूल पकड़े लगा, तो सबसे पहले विश्व हिंदू परिषद ने ही उसे पद से हटा दिया. कई नेताओं ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट से उसकी फोटो डिलीट कर दी. आज उसके साथ कोई खड़ा नहीं हैं.

नकली रेमडेसिविर मामले में जबलपुर पहुंची गुजरात पुलिस

सिटी अस्पताल संचालक सहित तीन हुए थे गिरफ्तार

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को गुजरात से लाकर मध्य प्रदेश में खपाने वाले सपन जैन को कुछ दिन पहले ही गुजरात पुलिस ने जबलपुर के आधारताल से गिरफ्तार किया था, जबकि मध्य प्रदेश पुलिस ने सरबजीत सिंह मोखा और देवेश चौरसिया को गिरफ्तार किया हैं. इन पर कार्रवाई भी की जा रही हैं.

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सरबजीत सिंह मोखा

दो कार्टून में जबलपुर आए थे इंजेक्शन

23 अप्रैल और 28 अप्रैल को बस के माध्यम से इंदौर से रेमडेसिविर इंजेक्शन के दो कार्टून जबलपुर लाने की बात सामने आई थी. सरबजीत सिंह मोखा के कहे अनुसार देवेश चौरसिया उन्हें लेने के लिए गया था. कार्टून लेने के बाद देवेश चौरसिया ने सिटी अस्पताल लाकर सरबजीत सिंह मोखा के कक्ष में रख दिया था. दवाओं का भुगतान सपन जैन ने किया. इस सबंध में सिटी अस्पताल के पास कोई रिकॉर्ड नहीं था.

Last Updated : May 14, 2021, 5:40 PM IST
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