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रेत कारोबारी ने लोकायुक्त को शपथ पत्र देने से किया इंकार, जानें क्या है वजह - पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा

तत्कालीन एसडीओपी एसएन पाठक का नोट गिनते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था. इसी मामले में रेत कारोबारी अमित अग्रवाल ने लोकायुक्त को शपथ पत्र देने से इंकार कर दिया है.

Omati Police Station
ओमती थाना
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Published : Feb 3, 2021, 9:02 PM IST

Updated : Feb 3, 2021, 10:50 PM IST

जबलपुर। पाटन के तत्कालीन एसडीओपी एसएन पाठक का नोट गिनते हुए वीडियो वायरल करने वाले रेत कारोबारी अमित अग्रवाल ने लोकायुक्त को शपथ पत्र देने से इंकार कर दिया है. इतना ही नहीं रेत कारोबारी ने यह भी दावा किया है कि उसके नाम और हस्तक्षर से फर्जी शपथ पत्र बनाकर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय भेजा गया है.

झूठा शपथ पत्र देने वाले अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराया मामला
भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति मामले की एफआईआर दर्ज कर एसएन पाठक की जांच में जुटी लोकायुक्त ने अब झूठा शपथ पत्र देने वाले अज्ञात के खिलाफ ओमती थाने में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कराया है. हस्ताक्षर के नमूने और बयान दर्ज करने के लिए ओमती पुलिस ने रेत कारोबारी अमित अग्रवाल को तलब किया है.

पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने हस्ताक्षर के नमूने जांच के लिए हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के पास भोपाल भेजने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अब कहा जा रहा है जांच के बाद पूरी कहानी सामने आ जायेगी.

शपथ पत्र देने से किया इंकार
हो चुकी है छापेमारीपाटन में एसडीओपी रहे एसएन पाठक के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामले में प्रकरण दर्ज कर चुकी है. लोकायुक्त कोर्ट ने पाठक को जेल भेज दिया था, जो वर्तमान में जमानत पर हैं. पाठक की चल-अचल संपत्ति का पता लगाने के लिए लोकायुक्त ने जबलपुर, भोपाल और बनारस स्थित उनके कई ठिकानों पर कार्रवाई की थी. उक्त कार्रवाई रेत कारोबारी अमित अग्रवाल के नाम पर की गई. अज्ञात आरोपियों की तलाश जारीधनवंतरी नगर निवासी अमित अग्रवाल के इंकार के बाद एफआईआर दर्ज कर ओमती पुलिस स्टाम्प विक्रेता की भी तलाशी कर रही है, ताकि पता लगाया जा सकें कि जिस स्टाम्प पर अग्रवाल के नाम शपथ पत्र बनाया गया था, वह किसके नाम और परिचय पत्र के आधार पर जारी किया गया था. हालांकि, पुलिस का कहना है कि शहर में स्टाम्प का अवैध कारोबार सामने आ चुका है.यह है पूरा मामलाराज्य पुलिस सेवा के अधिकारी डीएसपी एसएन पाठक वर्ष 2020 में पाटन संभाग में एसडीओपी रहे. उसी समय उनका एक वीडियो वायरल हुआ, जिससे सनसनी फैल गई थी. वीडियो में वे नोट गिनते हुए नजर आ रहे थे. आरोप लगाए गए कि अमित अग्रवाल के साथ रेत के अवैध कारोबार में लिप्त होकर उन्होंने लाखों रुपये कमाए. बता दें कि, अमित अग्रवाल ने ही अपने बेटे से वीडियो बनवाकर उसे वायरल कर दिया था.

जबलपुर। पाटन के तत्कालीन एसडीओपी एसएन पाठक का नोट गिनते हुए वीडियो वायरल करने वाले रेत कारोबारी अमित अग्रवाल ने लोकायुक्त को शपथ पत्र देने से इंकार कर दिया है. इतना ही नहीं रेत कारोबारी ने यह भी दावा किया है कि उसके नाम और हस्तक्षर से फर्जी शपथ पत्र बनाकर लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय भेजा गया है.

झूठा शपथ पत्र देने वाले अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराया मामला
भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति मामले की एफआईआर दर्ज कर एसएन पाठक की जांच में जुटी लोकायुक्त ने अब झूठा शपथ पत्र देने वाले अज्ञात के खिलाफ ओमती थाने में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कराया है. हस्ताक्षर के नमूने और बयान दर्ज करने के लिए ओमती पुलिस ने रेत कारोबारी अमित अग्रवाल को तलब किया है.

पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने हस्ताक्षर के नमूने जांच के लिए हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के पास भोपाल भेजने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अब कहा जा रहा है जांच के बाद पूरी कहानी सामने आ जायेगी.

शपथ पत्र देने से किया इंकार
हो चुकी है छापेमारीपाटन में एसडीओपी रहे एसएन पाठक के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामले में प्रकरण दर्ज कर चुकी है. लोकायुक्त कोर्ट ने पाठक को जेल भेज दिया था, जो वर्तमान में जमानत पर हैं. पाठक की चल-अचल संपत्ति का पता लगाने के लिए लोकायुक्त ने जबलपुर, भोपाल और बनारस स्थित उनके कई ठिकानों पर कार्रवाई की थी. उक्त कार्रवाई रेत कारोबारी अमित अग्रवाल के नाम पर की गई. अज्ञात आरोपियों की तलाश जारीधनवंतरी नगर निवासी अमित अग्रवाल के इंकार के बाद एफआईआर दर्ज कर ओमती पुलिस स्टाम्प विक्रेता की भी तलाशी कर रही है, ताकि पता लगाया जा सकें कि जिस स्टाम्प पर अग्रवाल के नाम शपथ पत्र बनाया गया था, वह किसके नाम और परिचय पत्र के आधार पर जारी किया गया था. हालांकि, पुलिस का कहना है कि शहर में स्टाम्प का अवैध कारोबार सामने आ चुका है.यह है पूरा मामलाराज्य पुलिस सेवा के अधिकारी डीएसपी एसएन पाठक वर्ष 2020 में पाटन संभाग में एसडीओपी रहे. उसी समय उनका एक वीडियो वायरल हुआ, जिससे सनसनी फैल गई थी. वीडियो में वे नोट गिनते हुए नजर आ रहे थे. आरोप लगाए गए कि अमित अग्रवाल के साथ रेत के अवैध कारोबार में लिप्त होकर उन्होंने लाखों रुपये कमाए. बता दें कि, अमित अग्रवाल ने ही अपने बेटे से वीडियो बनवाकर उसे वायरल कर दिया था.
Last Updated : Feb 3, 2021, 10:50 PM IST
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