जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में स्टेनोग्राफर तथा सहायक ग्रेड तीन की भर्ती में आरक्षण लागू किए जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट के जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस एमएस भटटी ने सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा है कि नियुक्तियां याचिका के अंतिम आदेश के अधीन रहेंगी. युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
परिणामों पर आपत्ति : याचिकाकर्ता राजीव सिंह व अन्य पांच की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट ने स्टेनोग्राफर व सहायक ग्रेड तीन के भर्तियों के प्रथम चरण का परिणाम घोषित किया है. परिणाम घोषित करने में कम्युनल आरक्षण लागू करते हुए वर्गवार मेरिट लिस्ट तैयार की गयी है. सामान्य वर्ग के अभ्यार्थी को 77 अंक मिलने पर चयनित किया गया है, जबकि ओबीसी वर्ग के अभ्यार्थियों को 79 से 81 अंक पाने वाले अभ्यार्थियों को चयन से वंचित कर दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला : याचिका में कहा गया था कि सर्वोच्च न्यायालय ने इंद्रा साहनी वाले प्रकरण में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि अनराक्षित वर्ग के मेरिटोरियल अभ्यार्थिओं कर चयन सामान्य वर्ग में किया जाए. याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किए. युगलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को परीक्षा के अगले चरण में शामिल करने के निर्देश दिये हैं. याचिका में हाईकोर्ट के रजिस्टार जनरल, मुख्य सचिव विधि विभाग तथा सामान्य प्रशासन विभाग को अनावेदक बनाया गया है. याचिकाकर्ता की तरफ से रामेश्वर सिंह ठाकुर ने पैरवी की.
(Recruitment of Stenographer and Assistant) (Recruitment of Stenographer under High Court)