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MP High Court : कोर्ट की LIVE Telecast की रिकॉर्डिंग छेड़छाड़ के बाद करते हैं वायरल, हाईकोर्ट में सुनवाई

न्यायालय की लाइव टेलीकास्ट की रिकॉर्डिंग करने के बाद विभिन्न सोशल नेटवर्टिंग साइट में अपलोड किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. याचिका में कहा गया है कि रिकॉर्डिंग में छेड़छाड़ कर उसे सोशल मीडिया में अपलोड किया जाता है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सुनवाई की. (live telecast tampering of court viral) (Hearing in High Court)

Recording of live telecast of court
कोर्ट की लाइव टेलीकास्ट की रिकॉर्डिंग छेड़छाड़
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Published : Aug 2, 2022, 8:16 PM IST

जबलपुर। इंदौर के अधिवक्ता डॉ. अमन शर्मा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश में हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के लाइव टेलाकास्ट की सेवा प्रारंभ की गयी है. सेवा प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य ये है कि न्यायालय की कार्यवाही सभी संबंधित पक्षकार व लोग देख सकें. न्यायालय की कार्यवाही के लाइव टेलीकास्ट को रिकॉर्ड कर अन्य सोशल मीडिया में टेलीकास्ट किया जा रहा है.

रिकॉर्डिंग के साथ छेड़छाड़ : इतना ही नहीं, रिकॉर्डिंग के साथ छेड़छाड़ की जाती है. पूरी रिकॉर्डिंग नहीं दिखाकर सिर्फ कुछ अंश ही प्रकाशित करते हैं. इसके कारण पूरी सच्चाई सामने नहीं आती और अर्थ का अनर्थ निकले जाने लगता है. ऐसा करना न्यायालय की छवि धूमिल करने जैसा है.

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युगलपीठ ने आदेश जारी किया : याचिका में केन्द्रीय सूचना एव प्रसारण मंत्रालय, फेसबुक,यू-टूयूब, इंट्राग्राम व वाटसअप को अनावेदक बनाया गया था. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट रजिस्टरी ने अनावेदक नहीं बनाये जाने पर आपत्ति उठाई. इसके बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अभिनव धानोदकर ने पैरवी की. (live telecast tampering of court viral) (Hearing in High Court)

जबलपुर। इंदौर के अधिवक्ता डॉ. अमन शर्मा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश में हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के लाइव टेलाकास्ट की सेवा प्रारंभ की गयी है. सेवा प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य ये है कि न्यायालय की कार्यवाही सभी संबंधित पक्षकार व लोग देख सकें. न्यायालय की कार्यवाही के लाइव टेलीकास्ट को रिकॉर्ड कर अन्य सोशल मीडिया में टेलीकास्ट किया जा रहा है.

रिकॉर्डिंग के साथ छेड़छाड़ : इतना ही नहीं, रिकॉर्डिंग के साथ छेड़छाड़ की जाती है. पूरी रिकॉर्डिंग नहीं दिखाकर सिर्फ कुछ अंश ही प्रकाशित करते हैं. इसके कारण पूरी सच्चाई सामने नहीं आती और अर्थ का अनर्थ निकले जाने लगता है. ऐसा करना न्यायालय की छवि धूमिल करने जैसा है.

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युगलपीठ ने आदेश जारी किया : याचिका में केन्द्रीय सूचना एव प्रसारण मंत्रालय, फेसबुक,यू-टूयूब, इंट्राग्राम व वाटसअप को अनावेदक बनाया गया था. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट रजिस्टरी ने अनावेदक नहीं बनाये जाने पर आपत्ति उठाई. इसके बाद युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अभिनव धानोदकर ने पैरवी की. (live telecast tampering of court viral) (Hearing in High Court)

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