जबलपुर। पब्लिक ट्रांसपोर्ट (Public transport) को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट सिटी योजना (smart city plan) के तहत पब्लिक साइकिल शेयरिंग (public bicycle sharing) सुविधा शुरू की गई थी. इस सुविधा ने एक साल के भीतर ही दम तोड़ दी. हालांकि, इस योजना को जबलपुर वासियो ने खूब सराहा भी था, पर कुछ असामाजिक तत्त्वों के कारण कंपनी को करोड़ों रुपए का घाटा उठाना पड़ा. जिसके बाद कंपनी ने इस योजना को बंद कर दिया. वहीं इस योजना के फेल होने पर कांग्रेस (Congress) ने लाल फीताशाही पर सवाल खड़े किए हैं.
दिसंबर 2018 में शुरू हुई थी योजना
जबलपुर स्मार्ट सिटी के साथ पी.पी मोड़ पर हीरो साइकिल कंपनी ने दिसंबर, 2018 में पब्लिक साइकिल शेयरिंग (public bicycle sharing) योजना शुरू की थी, कंपनी ने 450 साइकिल के साथ अपनी योजना को यहां साकार करना चाहा. लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने इस योजना को एक साल में बन्द होने की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया, आलम यह हुआ कि दिसंबर 2019 को कंपनी ने अपनी साइकिल उठाई और चलती बनी.
साइकिल के बाद स्टैंड भी गायब
पब्लिक साइकिल शेयरिंग के आने से लोग काफी खुश थे. एक जानकारी के मुताबिक 450 साइकिलों को खड़ा करने के लिए 45 साइकिल स्टेशन बनाए गए थे, पर साइकिलों के स्टेशन से हटने के बाद चोरों ने साइकिल स्टैंड को ही चुरा लिया, जो भी समान स्टैंड पर लगा था धीरे-धीरे चोरों ने उसे भी गायब कर लिया. जानकारी के मुताबिक हीरो कंपनी को करीब ढाई करोड़ रु का इसमें नुकसान हुआ था.
अधिकारियों की लापरवाही के चलते बंद हुई साइकिल
पब्लिक साइकिल शेयरिंग (public bicycle sharing) योजना के बंद होने पर कांग्रेस ने स्मार्ट सिटी के अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं, पूर्व निगम नेता प्रतिपक्ष राजेश सोनकर ने आरोप लगाया है कि आम जनता के लिए यह योजना काफी अच्छी थी, इससे न सिर्फ पर्यावरण सुधरता बल्कि साइकिल चलाने से लोगों की सेहत भी अच्छी रहती पर स्मार्ट सिटी की निगरानी न होने के कारण महज एक साल में यह योजना बंद हो गई.
साइकिल स्टैंड भी हो गए गायब
जबलपुर शहर में करीब 450 साइकिलों को खड़ा करने के लिए शहर के अलग अलग स्थानों पर करीब 45 स्टेशन बनाए थे. चोरों ने पहले यहां से साइकिल गायब की और उसके बाद साइकिल स्टैंड, आज यहां पर सिर्फ सफेद पत्थर ही पड़े हुए हैं, साइकिल स्टैंड में कहीं अतिक्रमण हो गया है तो कही चोरो ने पूरे स्टैंड को ही गायब कर दिया है, जानकारी के मुताबिक 1 साल में 60 हजार यूजर्स ने साइकिल यूज की थी.
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फिर से साइकिल शेयरिंग का टेंडर
साल 2019 में बंद हुई पब्लिक साइकिल शेयरिंग को एक बार पुनः शुरू करने में जबलपुर स्मार्ट सिटी जुटा हुआ है. सीईओ निधि सिंह राजपूत का कहना है कि हीरो कंपनी ने पब्लिक-पार्टनर मोड़ पर साइकिल शेयरिंग की शुरुआत की पर किसी कारण के चलते बंद हो गई, जिसके लिए पुनः टेंडर जारी किए जा रहे हैं.
क्या करार हुआ था
जबलपुर स्मार्ट सिटी का हीरो कंपनी के साथ प्रति माह का करार हुआ था, जिसमें की स्मार्ट सिटी कंपनी को जगह देता. इसके एवज में हीरो कंपनी प्रति माह 10 हजार रु देती, लेकिन यह योजना ज्यादा दिन नही चल पाई, हालांकि स्मार्ट सिटी ने कंपनी के 5 लाख रुपए की डिपॉजिट मनी जब्त कर ली थी.