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फसलों के आंकलन में अधिकारी नहीं कर पाएंगे मनमानी, सेटेलाइट पकड़ेगा झूठ

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Published : Nov 11, 2019, 11:42 AM IST

फसलों के उत्पादन के आंकलन में सेटेलाइट का पहली बार सहारा लिया जाएगा. इसे स्मार्ट सैंपलिंग प्रक्रिया नाम दिया गया है. जबलपुर में इसकी शुरुआत धान की फसल से हो रही है.

फसलों के उत्पादन के आंकलन में सेटेलाइट का सहारा

जबलपुर। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने राज्य सरकार ने एक नई प्रकिया शुरू की है. जिसके तहत फसलों के उत्पादन और कटाई का आंकलन किया जाएगा. इसमें सेटेलाइट का सहारा लिया जा रहा है, जिसे स्मार्ट सैंपलिंग्स प्रकिया नाम दिया गया है, जबलपुर जिले में इसकी शुरूआत धान की फसल से होने वाली है.

फसलों के उत्पादन के आंकलन में सेटेलाइट का सहारा

अब तक ऐसी थी प्रक्रिया
इससे पहले अधिकारी खुद मौके पर जाकर अनुमान के मुताबकि नष्ट फसलों की सैंपलिंग करते थे और उपज का आंकलन भी अनुमानित तौर पर किया जाता है, इन्हीं आंकड़ों के अनुसार सरकार उत्पादन की रिपोर्ट भी तैयार करती थी, जिसकी वजह से पीड़ित किसानों नुकसान के बावजूद मदद नहीं मिल पाती थी, लेकिन अब नई प्रक्रिया से ये समस्या खत्म होने वाली है.

पायलट प्रोजेक्टर से आंकलन
सैंपलिंग में आने वाली सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार इन आंकडो़ं को ज्यादा सटीक बनाना चाहती है. स्मार्ट सैंपलिंग को पायलट प्रोजेक्टर के रूप में चलाया जा रहा है. इसी पायल प्रोजेक्ट् योजना में जबलपुर को भी शामिल किया गया है, इसके तहत सैटेलाइट से नक्शा और पॉइंट तय किए जाएंगे. इसके लिए अच्छी एवं औसत उपज वाले क्षेत्र भी चिन्हिंत किए जा रहे हैं.

सैटेलाइट के जरिए फसलों का आंकलन
सेटेलाइट के माध्यम से जिले की लगभग सभी तहसीलों में 6,158 पॉइंट किए गए हैं, यह पॉइंट खसरे हैं, जो सेटेलाइट से चित्र लेकर तय किए गए हैं. कृषि विभाग का अमला इन पॉइंट पर जाकर फसल की फोटो, किसान, गांव का नाम, तहसील, खसरा नंबर, किसान का मोबाइल नंबर,फसल की स्थिति खराब या अच्छी के साथ निर्धारित एरिया में फसल की कटाई कर उसकी तौल और कई महत्वपूर्ण जानकारियों को मोबाइल ऐप के जरिए भी अपडेट करेगा. इस काम की मॉनिटरिंग निजी एजेंसी करेगी.

इतनी फसल का जबलपुर में हुई उत्पादन
बात अगर जबलपुर की करें तो जिले में इस साल 1.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल की खेती की गई है, जबकि इस सीजन में चार लाख 96 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा का उत्पादन हुआ है. बीते सीजन में 1.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल लगी थी और 5 लाख 25 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा उत्पादन हुआ था.

पटवारी और कृषि विभाग के अधिकारी करेंगे सैंपल तैयार
इसके अलावा चना, मसूर, मटर, राई, अलसी और गन्ना की फसल का भी जिले में बड़ा रकवा है. हालांकि कृषि संचालनालय जिन खसरों में सर्वे करवा रहा है. उसकी सूची भी विभाग को दे दी है. कुल मिलाकर दो खसरों पर कृषि विस्तार अधिकारी और दो पर पटवारी सैंपल इन कर आंकड़ा एकत्रित करेंगे.

जबलपुर। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने राज्य सरकार ने एक नई प्रकिया शुरू की है. जिसके तहत फसलों के उत्पादन और कटाई का आंकलन किया जाएगा. इसमें सेटेलाइट का सहारा लिया जा रहा है, जिसे स्मार्ट सैंपलिंग्स प्रकिया नाम दिया गया है, जबलपुर जिले में इसकी शुरूआत धान की फसल से होने वाली है.

फसलों के उत्पादन के आंकलन में सेटेलाइट का सहारा

अब तक ऐसी थी प्रक्रिया
इससे पहले अधिकारी खुद मौके पर जाकर अनुमान के मुताबकि नष्ट फसलों की सैंपलिंग करते थे और उपज का आंकलन भी अनुमानित तौर पर किया जाता है, इन्हीं आंकड़ों के अनुसार सरकार उत्पादन की रिपोर्ट भी तैयार करती थी, जिसकी वजह से पीड़ित किसानों नुकसान के बावजूद मदद नहीं मिल पाती थी, लेकिन अब नई प्रक्रिया से ये समस्या खत्म होने वाली है.

पायलट प्रोजेक्टर से आंकलन
सैंपलिंग में आने वाली सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सरकार इन आंकडो़ं को ज्यादा सटीक बनाना चाहती है. स्मार्ट सैंपलिंग को पायलट प्रोजेक्टर के रूप में चलाया जा रहा है. इसी पायल प्रोजेक्ट् योजना में जबलपुर को भी शामिल किया गया है, इसके तहत सैटेलाइट से नक्शा और पॉइंट तय किए जाएंगे. इसके लिए अच्छी एवं औसत उपज वाले क्षेत्र भी चिन्हिंत किए जा रहे हैं.

सैटेलाइट के जरिए फसलों का आंकलन
सेटेलाइट के माध्यम से जिले की लगभग सभी तहसीलों में 6,158 पॉइंट किए गए हैं, यह पॉइंट खसरे हैं, जो सेटेलाइट से चित्र लेकर तय किए गए हैं. कृषि विभाग का अमला इन पॉइंट पर जाकर फसल की फोटो, किसान, गांव का नाम, तहसील, खसरा नंबर, किसान का मोबाइल नंबर,फसल की स्थिति खराब या अच्छी के साथ निर्धारित एरिया में फसल की कटाई कर उसकी तौल और कई महत्वपूर्ण जानकारियों को मोबाइल ऐप के जरिए भी अपडेट करेगा. इस काम की मॉनिटरिंग निजी एजेंसी करेगी.

इतनी फसल का जबलपुर में हुई उत्पादन
बात अगर जबलपुर की करें तो जिले में इस साल 1.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल की खेती की गई है, जबकि इस सीजन में चार लाख 96 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा का उत्पादन हुआ है. बीते सीजन में 1.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल लगी थी और 5 लाख 25 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा उत्पादन हुआ था.

पटवारी और कृषि विभाग के अधिकारी करेंगे सैंपल तैयार
इसके अलावा चना, मसूर, मटर, राई, अलसी और गन्ना की फसल का भी जिले में बड़ा रकवा है. हालांकि कृषि संचालनालय जिन खसरों में सर्वे करवा रहा है. उसकी सूची भी विभाग को दे दी है. कुल मिलाकर दो खसरों पर कृषि विस्तार अधिकारी और दो पर पटवारी सैंपल इन कर आंकड़ा एकत्रित करेंगे.

Intro:जबलपुर
किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने और खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए सरकार फसलों के उत्पादन और कटाई के आकलन के लिए पहली बार सैटेलाइट का सहारा लेने जा रही है। जिसे इस्मार्ट सेंपलिंग्स प्रक्रिया नाम दिया गया है।


Body:जबलपुर जिले में इसकी शुरुआत धान की फसल से होने वाली है। दरअसल अभी भी उत्पादन के लिए सेम्पलिंग की जाती थी और अनुमान से जिला मुख्यालय के द्वारा किसी भी खतरे पर सैंपलिंग के लिए कर्मचारियों को भेज दिया जाता है और उपज का आकलन अनुमानित तौर पर दिखा दिया जाता है।इन्हीं आंकड़ों के आधार पर सरकार अभी तक उत्पादन की रिपोर्ट तैयार करती है और इसी आधार पर कई बार आपदा के वक्त अनुमानित आंकड़ों के आधार पर ही नुकसान का अनुमान लगाकर सर्वे का काम भी कर दिया जाता है जिसकी वजह से पीड़ित किसानों को कई बार नुकसान के बावजूद भी आर्थिक मदद नहीं मिल पाती है। इन सभी बातों को देखते हुए सरकार इन आंकड़ों को ज्यादा सटीक बनाना चाहती है और स्मार्ट सैंपलिंग को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जा रहा है। और इसी पायलट प्रोजेक्ट योजना में जबलपुर को भी शामिल किया गया है जिसके तहत सेटेलाइट से नक्शा और पॉइंट तय किए जाएंगे और इसमें अच्छी एवं औसत उपज वाले क्षेत्र भी निकाले जा रहे हैं। सेटेलाइट के माध्यम से जिले की लगभग सभी तहसीलों में 6158 पॉइंट किए गए हैं यह पॉइंट खसरे हैं जो सेटेलाइट से चित्र लेकर तय किए गए हैं।


Conclusion:2000 में सैंपल की जानी है।कृषि विभाग का अमला इन पॉइंट पर जाकर फसल की फोटो,किसान,गांव का नाम,तहसील,खसरा नंबर, किसान का मोबाइल नंबर,फसल की स्थिति खराब या अच्छी के साथ निर्धारित एरिया में फसल की कटाई कर उसकी तौल और कई महत्वपूर्ण जानकारियों को मोबाइल ऐप के जरिए भी अपडेट करेगा।इस काम की मॉनिटरिंग निजी एजेंसी करेगी।बात अगर जबलपुर जिले की करें तो अभी जिले में इस साल 1.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल की खेती की गई है। जबकि इस सीजन में चार लाख 96 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा का उत्पादन हुआ है। जबकि बीते सीजन में 1.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल लगी थी और 5 लाख 25 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा उत्पादन हुआ था। इसके अलावा चना,मसूर,मटर, राई, अलसी और गन्ना की फसल का भी जिले में बड़ा रकवा है।हालांकि कृषि संचालनालय जिन खसरों में सर्वे करवा रहा है उसकी सूची भी विभाग को दे दी है। इनमें से दो खतरों पर कृषि विस्तार अधिकारी और दो पर पटवारी सैंपल इन कर आंकड़ा एकत्रित करेंगे
बाइट.1- एस.के निगम....... उप संचालक,कृषि विभाग,जबलपुर
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