जबलपुर। जबलपुर में रहस्यमय ढंग से गायब हुई डेढ़ साल की बच्ची का अब भी कुछ पता नहीं चल सका है. मासूम के गायब होने के 18 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं, जबकि जबलपुर पुलिस की कई टीमें बच्ची की तलाश में दिन रात जुटी हुई हैं, लेकिन उन्हें बच्ची का कोई भी सुराग अब तक नहीं लगा है. ऐसे में जबलपुर पुलिस परिजनों का नार्को टेस्ट कराने की तैयारी कर रही है.
दरअसल, 18 दिन पहले जबलपुर के भैरव नगर में एक घर से उसकी डेढ़ साल की मासूम बेटी 16 जनवरी को अचानक रहस्यमय ढंग से गायब हो गई थी. जब वह अपने माता-पिता के साथ सो रही थी, तभी अज्ञात आरोपी उसे उठाकर ले गया, जिसके बाद सोनू वाल्मीकि ने घर से बच्ची के गायब होने की शिकायत तिलवारा थाना पुलिस से की थी.
शिकायत के बाद तिलवारा पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर देविका की तलाश शुरू कर दी, लेकिन प्रदेश की सबसे तेज पुलिस होने का दावा करने वाली जबलपुर पुलिस मासूम का अब तक पता नहीं लगा सकी है. लापता बच्ची की तलाश में जबलपुर पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच, एफएसएल और डॉग स्क्वाड की टीम के साथ मुखबिरों की मदद तो ले ली रही है, इसके अलावा रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाले जाने के साथ ही भैरव नगर की सीवर लाइन को भी साफ करवा कर देखा गया है.
इस मामले में बच्ची के परिजनों के शक के आधार पर लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई, लेकिन उसे ऐसा कोई क्लू नहीं मिल पाया. 18 दिन बाद भी परिजनों के पास फिरौती के लिए कोई डिमांड नहीं आई है, जिसके बाद घटना का रिक्रिएशन भी कराया गया है, ताकि उनके आधार पर कुछ ऐसा उसके हाथ लग सके, जिससे मासूम तक पहुंचा जा सके. लेकिन उसे उसमें भी कोई सफलता नहीं मिली. हालांकि, पुलिस अधिकारी दावा कर रहे हैं कि वह जल्द बच्ची को ढूढ़ निकालेगें. जैसे-जैसे समय गुजरता जा रहा है. वैसे वैसे लापता मासूम के परिवार की चिंता और बढ़ती जा रही है.
अब पुलिस परिजनों का नार्को टेस्ट करा ये पता करना चाह रही है कि देविका के गायब होने की जो कहानी परिजनों ने उसे बताई है, आखिर उसमें कितनी सच्चाई है. देखना है कि प्रदेश में सबसे तेज होने का दावा करने वाली पुलिस इस मासूम को कब तक तलाश पाती है.