जबलपुर। गढ़ा थाना इलाके में हुई युवक की हत्या के मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. वारदात की वजह का पुलिस ने जो खुलासा किया है, उसने सभी को हैरत में डाल दिया है.
पुलिस का कहना है कि तीजा की रात विवाद 2 गुटों के बीच हुआ था, लेकिन विवाद के वक्त वहां खड़ा होना ही गोलू विश्वकर्मा नाम के युवक को महंगा पड़ा. आरोपियों ने उस पर चाकू से इतना गहरा वार किया कि अत्यधिक खून बह जाने के चलते उसकी मौत हो गई. वारदात के बाद तुरंत एक्शन लेते हुए पुलिस ने 2 आरोपी गिरफ्तार कर लिया था और बहुत जल्द तीसरा आरोपी भी पकड़ा गया है. लगातार बढ़ रही ऐसी वारदातों पर भी पुलिस ने चौकाने वाला बयान दिया है.
पुलिस का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान कई लोगों के पास कुछ काम करने को नहीं है और अपनी फ्रस्ट्रेशन निकालने के लिए वह हिंसा करने पर उतारू हो जाते हैं. परिजनों का आरोप है घटना के बाद गोलू को वह मेडिकल कॉलेज लेकर गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें ऑक्सीजन ना होने की बात को लेकर प्राइवेट अस्पताल रेफर कर दिया. जिसके बाद परिजन उसे लेकर इधर उधर भटकते रहे जबतक बहुत देर हो चुकी थी, जहां गोलू की मौत हो गई.
परिजनों का कहना है कि सरकार मेडिकल अस्पताल की सुविधा के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन आज ऑक्सीजन ना मिलने से गोलू की मौत हो गई, जिसका जिम्मेदार परिजनों ने मेडिकल प्रबंधन को ठहराया है. बहरहाल बताया जा रहा है कि आरोपियों का पूर्व में भी रिकॉर्ड है, जिसकी हिस्ट्री तैयार कर इनको एनएसए की कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष पेश किया जाएगा.