जबलपुर। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने ब्लड डोनेशन को लेकर अप्रैल 2020 में सभी राज्यों को गाइडलाइन जारी की गई थी. इसे लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई है. जिसमें कहा गया है कि प्रदेश सरकार ब्लड डोनेशन को लेकर गाइडलाइन का पालन नहीं कर रही है. याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ से रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा गया है. जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 24 मई को तय की गई है.
दरअसल यह याचिका भोपाल निवासी डॉ योगेश्वर प्रसाद शुक्ला की तरफ से दायर की गई थी. जिसमें यह कहा गया कि अप्रैल 2020 में केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री ने सभी प्रदेशों को निर्देश जारी किए थे कि ई-पोर्टल रक्त कोष में उपलब्ध ब्लड और ब्लड डोनेट कैंप के संबंध में जानकारी उपलब्ध करवाएं, लेकिन प्रदेश सरकार इस पोर्टल में ब्लड कैंप और उपलब्धता के संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करा रही है. इसके अलावा रक्तदान के लिए किसी प्रकार का जागरूकता अभियान भी नहीं चलाया जा रहा है.
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गाइडलाइन में कहा गया है कि कोरोना वैक्सीकरण कराने वाला व्यक्ति 28 दिनों तक ब्लड डोनेट नहीं कर सकता है इस संबंध में फिर से 5 मई को वैक्सीनेशन के 14 दिन बाद व्यक्ति रक्तदान करने के संबंध में नई गाइड लाइन जारी की गई थी. इसका सरकार द्वारा किसी प्रकार का प्रचार-प्रसार नहीं किया गया है.
वहीं याचिका में यह भी कहा गया था कि सरकार द्वारा ब्लड बैंक को 50-60 यूनिट ब्लड रिजर्व रखने के निर्देश दिए हैं. याचिका में कहा गया था कि सरकार द्वारा रक्तदान के प्रति उदासीनता बरतने के कारण अन्य प्रदेश की तरह भविष्य में प्रदेश में भी ब्लड को लेकर समस्या हो सकती है. सबसे अधिक समस्या थैलेसिमिया और गर्भवती महिला को होगी. सुनवाई के दौरान सरकार ने रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा, जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने 24 मई को याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता रिषभ दुबे ने पैरवी की.