ETV Bharat / state

रेप, भ्रष्टाचार और टाडा के अपराधियों को न मिले पैरोल, जनहित याचिका में की मांग

जबलपुर हाईकोर्ट में मंगलवार को जेलों से कैदियों की पैरोल पर रिहाई को लेकर जनहित याचिका लगाई गई. याचिका में एक सामाजिक संस्था ने दुर्दांत अपराधियों को जमानत न देने की गुहार लगाई है.

jabalpur high court
जबलपुर हाईकोर्ट
author img

By

Published : Jun 29, 2021, 8:22 PM IST

जबलपुरः कोरोना वायरस के चलते जेलों से कैदियों को पैरोल पर रिहा करने के सरकार के फैसले को लेकर एक सामाजिक संस्था ने जनहित याचिक लगाई है. याचिका में संस्था ने दुर्दांत अपराधियों और बलात्कारियों को पैरोल पर रिहाई न देने की मांग की है.

जबलपुर हाईकोर्ट में लगाई याचिका.

सरकार ने जारी किया था सर्कुलर
बता दें कि, कोरोना वायरस की वजह से सरकार ने एक सर्कुलर निकाला था, जिसके तहत जेल में बंद कैदियों की तादाद को कम करने की बात कही गई है. ताकि कैदियों को कोरोना वायरस का संक्रमण न हो सके. इसी के विरोध में मंगलवार को जबलपुर की एक सामाजिक संस्था नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई है.

अपराधियों की पैरोल को लेकर लगाई याचिका
जनहित याचिका में संस्था ने मांग की है कि कोरोना वायरस की आड़ में दुर्दांत अपराधियों को भी पैरोल का फायदा मिल रहा है. यह खतरनाक है. संस्था ने कोर्ट से मांग की है कि बलात्कार और पॉक्सो एक्ट से जुड़े अपराधियों को पैरोल का फायदा नहीं देना चाहिए. इससे ऐसे अपराधी समाज में फिर से दुष्कर्म कर सकते हैं. इसके अलावा दुर्दांत अपराध, टाडा और भ्रष्टाचार अपराध में संलिप्त अपराधियों को नहीं छोड़ा जाना चाहिए.

MP की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी, कोरोना से बचा रही अस्थाई जेल

जेलों में तादाद से ज्यादा बंद हैं कैदी
दरअसल, मध्य प्रदेश की जेलों में तादाद से लगभग दोगुना ज्यादा कैदी बंद हैं. मध्य प्रदेश की जिलों की कुल क्षमता 28675 हैस लेकिन 7 मई 2021 की स्थिति में मध्य प्रदेश की जेलों में 45582 लोग बंद हैं. इसकी वजह से जेल के भीतर भी बीमारी फैलने का खतरा है. सरकार ने ज्यादा उम्र के कैदियों को और महिलाओं को छोड़ने का फैसला लिया था, लेकिन इसका फायदा कमजोर लोगों को मिलने की वजह बदमाशों को मिलने लगा है. बहरहाल, मामला कोर्ट में लंबित है. जनहित याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि इस मामले में कोर्ट अच्छा फैसला सुनाएगी.

जबलपुरः कोरोना वायरस के चलते जेलों से कैदियों को पैरोल पर रिहा करने के सरकार के फैसले को लेकर एक सामाजिक संस्था ने जनहित याचिक लगाई है. याचिका में संस्था ने दुर्दांत अपराधियों और बलात्कारियों को पैरोल पर रिहाई न देने की मांग की है.

जबलपुर हाईकोर्ट में लगाई याचिका.

सरकार ने जारी किया था सर्कुलर
बता दें कि, कोरोना वायरस की वजह से सरकार ने एक सर्कुलर निकाला था, जिसके तहत जेल में बंद कैदियों की तादाद को कम करने की बात कही गई है. ताकि कैदियों को कोरोना वायरस का संक्रमण न हो सके. इसी के विरोध में मंगलवार को जबलपुर की एक सामाजिक संस्था नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई है.

अपराधियों की पैरोल को लेकर लगाई याचिका
जनहित याचिका में संस्था ने मांग की है कि कोरोना वायरस की आड़ में दुर्दांत अपराधियों को भी पैरोल का फायदा मिल रहा है. यह खतरनाक है. संस्था ने कोर्ट से मांग की है कि बलात्कार और पॉक्सो एक्ट से जुड़े अपराधियों को पैरोल का फायदा नहीं देना चाहिए. इससे ऐसे अपराधी समाज में फिर से दुष्कर्म कर सकते हैं. इसके अलावा दुर्दांत अपराध, टाडा और भ्रष्टाचार अपराध में संलिप्त अपराधियों को नहीं छोड़ा जाना चाहिए.

MP की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी, कोरोना से बचा रही अस्थाई जेल

जेलों में तादाद से ज्यादा बंद हैं कैदी
दरअसल, मध्य प्रदेश की जेलों में तादाद से लगभग दोगुना ज्यादा कैदी बंद हैं. मध्य प्रदेश की जिलों की कुल क्षमता 28675 हैस लेकिन 7 मई 2021 की स्थिति में मध्य प्रदेश की जेलों में 45582 लोग बंद हैं. इसकी वजह से जेल के भीतर भी बीमारी फैलने का खतरा है. सरकार ने ज्यादा उम्र के कैदियों को और महिलाओं को छोड़ने का फैसला लिया था, लेकिन इसका फायदा कमजोर लोगों को मिलने की वजह बदमाशों को मिलने लगा है. बहरहाल, मामला कोर्ट में लंबित है. जनहित याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि इस मामले में कोर्ट अच्छा फैसला सुनाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.