जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार किसी भी थाने में एफआईआर दर्ज होने के 24 घंटे के अंदर एफआईआर की कॉपी को पुलिस पोर्टल पर अपलोड करना होता है. लेकिन मध्य प्रदेश के कई ज़िलो की पुलिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रही है, ये कहना है बैतूल के रहने वाले आदित्य का. और इसी को आदित्य ने हाईकोर्ट में चुनौती भी दी है. बैतूल के आदित्य की याचिका को हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है. चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस संजय द्विवेदी की युगलपीठ इस मामले की सुनवाई 10 जून को करेगी.
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हाईकोर्ट में दायर की याचिका
याचिकाकर्ता आदित्य ने पुलिस वेबसाइट पर बैतूल पुलिस की तरफ से एफआईआर की कॉपी अपलोड नहीं किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. याचिका में कहा गया है कि बैतूल पुलिस सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद भी बेवसाइट पर एफआईआर की कॉपी अपलोड नहीं कर रही है। आवेदक का कहना है कि नियमानुसार 24 घंटे के अंदर एफआईआर की प्रति बेवसाइट पर अपलोड होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है. मामले में याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदेश के महानगरों में इसका पालन तो हो रहा है, लेकिन अधिकांश जिलों इसका पालन नहीं हो रहा है। इस याचिका में प्रमुख सचिव, डीजीपी, आईजी होशंगाबाद और बैतूल एसपी को पक्षकार बनाया गया है। मामले में आवेदक की तरफ से अधिवक्ता अभिजीत अवस्थी ने पैरवी की.
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सुप्रीम कोर्ट का है आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को एफआईआर की कॉपी 24 घंटे के अंदर अपने पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश दिया है. हालांकि दुर्गम इलाकों के थानों के लिए ये समय 72 घंटे रखा गया है, क्योंकि यहां इंटरनेट की रफ्तार धीमी होती है. सुप्रीम कोर्ट ने आतंकवाद, उग्रवाद और यौन अपराध से जुड़े अपराधों की एफआईआर कॉपी को ऑनलाइन अपलोड करने से छूट दी है.