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निजी स्कूलों की फीस वृद्धि के खिलाफ हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ में याचिका दायर - हाईकोर्ट

निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए जबलपुर के एक समाजसेवी संगठन ने हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ में याचिका दायर की.

याचिकाकर्ता
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Published : Mar 1, 2019, 11:09 PM IST

जबलपुर। निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए जबलपुर के एक समाजसेवी संगठन ने हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ में याचिका दायर की. याचिका में ये अपील की गई हैं कि निजी स्कूलों की फीस को लेकर सरकार ने जो कानून बनाया था, उसको सरकार लागू किया जाए और फीस वृद्धि पर लगाम लगाई जाए.

दरअसल, जबलपुर के एक समाजसेवी डॉक्टर पीजी नाज पांडे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर फीस पर रोक लगाने की मांग की है. इस साल भी सत्र खत्म होने वाला है और निजी स्कूलों की बढ़ी हुई फीस के नोटिस लोगों को मिल गए हैं. इस बात की शिकायत जबलपुर के एक समाज सेवी संगठन नागरिक उपभोक्ता मंच को की गई.

याचिकाकर्ता


नागरिक उपभोक्ता मंच ने इस मामले को एक बार फिर से मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के संज्ञान में लाया है. जिसमें हाईकोर्ट के सामने आवेदन किया गया है कि निजी स्कूलों की फीस को लेकर सरकार ने जो कानून बनाया था, उसको सरकार लागू करें और फीस वृद्धि पर लगाम लगाई जाए.


गौरतलब है कि पहले भी यह मामला हाईकोर्ट में उठाया जा चुका है. इसके बाद सरकार ने निजी स्कूलों में फीस वृद्धि को लेकर एक कानून बना दिया था और पिछले साल 2018 के लिए 10% तक फीस बढ़ाने की अनुमति दी थी. लेकिन यह अनुमति भी 1 साल के लिए थी. अब नया साल है और सरकार ने भी कोई नियम नहीं बनाए हैं तो हो सकता है कि निजी स्कूल 10% से ज्यादा फीस वृद्धि कर सकते हैं.

जबलपुर। निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए जबलपुर के एक समाजसेवी संगठन ने हाईकोर्ट की जबलपुर खंडपीठ में याचिका दायर की. याचिका में ये अपील की गई हैं कि निजी स्कूलों की फीस को लेकर सरकार ने जो कानून बनाया था, उसको सरकार लागू किया जाए और फीस वृद्धि पर लगाम लगाई जाए.

दरअसल, जबलपुर के एक समाजसेवी डॉक्टर पीजी नाज पांडे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर फीस पर रोक लगाने की मांग की है. इस साल भी सत्र खत्म होने वाला है और निजी स्कूलों की बढ़ी हुई फीस के नोटिस लोगों को मिल गए हैं. इस बात की शिकायत जबलपुर के एक समाज सेवी संगठन नागरिक उपभोक्ता मंच को की गई.

याचिकाकर्ता


नागरिक उपभोक्ता मंच ने इस मामले को एक बार फिर से मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के संज्ञान में लाया है. जिसमें हाईकोर्ट के सामने आवेदन किया गया है कि निजी स्कूलों की फीस को लेकर सरकार ने जो कानून बनाया था, उसको सरकार लागू करें और फीस वृद्धि पर लगाम लगाई जाए.


गौरतलब है कि पहले भी यह मामला हाईकोर्ट में उठाया जा चुका है. इसके बाद सरकार ने निजी स्कूलों में फीस वृद्धि को लेकर एक कानून बना दिया था और पिछले साल 2018 के लिए 10% तक फीस बढ़ाने की अनुमति दी थी. लेकिन यह अनुमति भी 1 साल के लिए थी. अब नया साल है और सरकार ने भी कोई नियम नहीं बनाए हैं तो हो सकता है कि निजी स्कूल 10% से ज्यादा फीस वृद्धि कर सकते हैं.

Intro:निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए जबलपुर के एक समाजसेवी संगठन ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में लगाई याचिका


Body:जबलपुर शिक्षा व्यापार बन रही है और स्कूल मुनाफे का धंधा निजी स्कूल हर साल फीस बढ़ा देते हैं इस साल भी सत्र खत्म होने वाला है और निजी स्कूलों की बढ़ी हुई फीस के नोटिस लोगों को मिल गए हैं और इस बात की शिकायत जबलपुर के एक समाज सेवी संगठन नागरिक उपभोक्ता मंच को की गई नागरिक उपभोक्ता मंच ने इस मामले को एक बार फिर से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के संज्ञान में लाया है और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका लगाई है जिसमें हाई कोर्ट के सामने आवेदन किया गया है कि निजी स्कूलों की फीस को लेकर सरकार ने जो कानून बनाया था उसको सरकार लागू करें और फीस वृद्धि पर लगाम लगाई जाए
गौरतलब है कि पहले भी यह मामला हाईकोर्ट में उठाया जा चुका है इसके बाद सरकार ने निजी स्कूलों में फीस वृद्धि को लेकर एक कानून बना दिया था और पिछले साल 2018 के लिए 10% तक फीस बढ़ाने की अनुमति दी थी लेकिन यह अनुमति भी 1 साल के लिए थी अब नया साल है और सरकार ने भी कोई नियम नहीं बनाए हैं तो हो सकता है कि निजी स्कूल 10% से ज्यादा फीस वृद्धि कर सकते हैं इसलिए समाज सेवी संस्था ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई है हाईकोर्ट में याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है


Conclusion:डॉक्टर पीजी नाज पांडे जनहित याचिका कर्ता
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