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अनलॉक के बाद भी मॉल में कारोबार हुआ लॉक, शॉपिंग के लिए नहीं पहुंच रहे लोग

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Published : Oct 13, 2020, 10:06 AM IST

अनलॉक होने के बाद भी जबलपुर जिले के मॉल्स में सन्नाटा पसरा हुआ है. जहां कोरोना वायरस के खौफ के चलते लोगों का आना जाना पूरी तरह से शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में मॉल के फूड जोन, गेम जोन के अन्य दुकानदार ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं.

Lack of customers in the mall
मॉल में ग्राहकों की कमी

जबलपुर। कोरोनाकाल ने सभी के जीवन को प्रभावित किया है. जिसका असर अनलॉक होने के बाद भी देखने को मिल रहा है. सभी क्षेत्रों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें से एक शॉपिंग मॉल भी है. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते मार्च से ही जबलपुर जिले में शॉपिंग मॉल्स बंद कर दिए गए थे, करीब छह माह बीत जाने के बाद भी मॉल्स में लोगों का आना-जाना पूरी तरह शुरू नहीं हुआ है.

अनलॉक के बाद भी मॉल में ग्राहकों की कमी

कोरोना का खौफ जारी

भारत सरकार ने कारोबार को धीरे-धीरे पटरी पर लाने के लिए कोरोना गाइडलाइन के साथ दुकान, रेस्टोरेंट, मॉल और बार आदि को खोलने की अनुमति दी है. इसके बावजूद लोगों में कोरोना का खौफ देखा जा रहा है. जबलपुर के एक मॉल में लगभग साढ़े तीन सौ कर्मचारी काम किया करते थे, लेकिन मॉल के मैनेजर का कहना है कि आधे से ज्यादा कर्मचारी दुकान पर ही नहीं लौटे. दुकानें जरूर खुली हुई हैं, लेकिन जहां कभी भीड़ हुआ करती थी, वहां अब इक्का दुक्का ही लोग नजर आते है.

15 अक्टूबर से खुलेंगे सिनेमा हॉल्स

15 अक्टूबर के बाद प्रशासन ने सिनेमा हॉल्स को भी खोलने की अनुमति दे दी है. इन सिनेमा हॉल्स के खुल जाने से ना केवल सरकार को राजस्व में फायदा होगा, बल्कि सिनेमा हॉल्स में काम करने वाले कर्मचारियों को भी दोबारा से काम मिलेगा. मॉल में बने गेम जोन की बात करें, तो गेम जोन में बच्चे तो पहुंच रहे है, लेकिन बंद पड़ी मशीनों की वजह से उन्हें गेम जोन का पूरा मजा नहीं मिल पा रहा है.

फूड जोन का भी हाल बेहाल

यही हाल फूड जोन का भी है, दुकानें खुली हुई हैं, लेकिन खरीददार नदारद हैं. इस दौरान मॉल पहुंचे लोगों का कहना है कि कोरोनाकाल के पहले वे महीने में कई बार मॉल आते थे और खूब मजे करते थे, लेकिन अब कोरोना वायरस की वजह से कई महीनों के बाद मॉल आए हैं. ऐसे में ग्राहकों को मॉल में घूमते हुए भी कोरोना संक्रमण का डर सता रहा है.

ये भी पढ़े- विजया राजे सिंधिया की जन्म शताब्दी पर ₹100 का सिक्का जारी

जबलपुर में है दो मॉल

अनलॉक होने के बाद भी बड़े शोरूम वाले दुकानदार काफी घाटे में है, लेकिन किसी को ये समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वे करें भी तो क्या करें. देखा जाए तो जबलपुर में ज्यादा मॉल कल्चर नहीं है और शहर में ज्यादातर बड़े बाजार ही हैं. जबलपुर में दो बड़े मॉल हैं, जिनमें मल्टीप्लेक्स शोरूम, गेम जोन और दूसरी सुविधाएं हैं.

सुपर मार्केट से भी ग्राहकों की बेरूखी

मॉल के साथ ही जबलपुर के कई सुपर बाजारों में भी कोरोना वायरस का असर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. जो कोरोना वायरस की वजह से ग्राहकों की बेरुखी से गुजर रहे हैं, इनमें कुछ सरकारी क्षेत्र के सुपरमार्केट हैं और कुछ निजी क्षेत्र के, हालांकि लॉकडाउन और कोरोना वायरस का असर छोटे किराना व्यापारियों पर कम पड़ा है.

शहर की चौपाटी हुई बेनूर

लॉकडॉउन और कोरोना संक्रमण का असर जबलपुर की चौपाटी पर भी पड़ा है. सिविक सेंटर चौपाटी, सदर चौपाटी और विजयनगर चौपाटी में लोग ग्राहकों के लिए तरस रहे हैं, जहां कभी पैर रखने की जगह नहीं होती थी, वहां अब एक दो दुकानों पर गिनती के ग्राहक ही नजर आ रहे हैं. लॉकडाउन के खत्म होने के बाद अनलॉक होने पर भी महानगर की संस्कृति वापस नहीं लौटी है.

ये भी पढ़े- जब कियोस्क सेंटर पर लटका रहेगा ताला, तो राजधानी से कैसे हटेगा प्लास्टिक का बोलबाला..?

छोटे शहरों और बड़े शहरों में बुनियादी फर्क होता है, जहां शहर के लोग घरों से ज्यादा बाजारों में मौज मस्ती करते नजर आते हैं, लेकिन कोरोना वायरस ने लोगों की मौज मस्ती पर भी विराम लगा दिया है. कोरोना वायरस की वजह से मॉल्स को बहुत नुकसान हुआ है. ऐसे में सभी को बस कोरोना वायरस के खत्म होने का इंतजार है, जिससे सभी लोग एक फिर से अपनी सामान्य जिंदगी जी सकें.

जबलपुर। कोरोनाकाल ने सभी के जीवन को प्रभावित किया है. जिसका असर अनलॉक होने के बाद भी देखने को मिल रहा है. सभी क्षेत्रों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें से एक शॉपिंग मॉल भी है. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते मार्च से ही जबलपुर जिले में शॉपिंग मॉल्स बंद कर दिए गए थे, करीब छह माह बीत जाने के बाद भी मॉल्स में लोगों का आना-जाना पूरी तरह शुरू नहीं हुआ है.

अनलॉक के बाद भी मॉल में ग्राहकों की कमी

कोरोना का खौफ जारी

भारत सरकार ने कारोबार को धीरे-धीरे पटरी पर लाने के लिए कोरोना गाइडलाइन के साथ दुकान, रेस्टोरेंट, मॉल और बार आदि को खोलने की अनुमति दी है. इसके बावजूद लोगों में कोरोना का खौफ देखा जा रहा है. जबलपुर के एक मॉल में लगभग साढ़े तीन सौ कर्मचारी काम किया करते थे, लेकिन मॉल के मैनेजर का कहना है कि आधे से ज्यादा कर्मचारी दुकान पर ही नहीं लौटे. दुकानें जरूर खुली हुई हैं, लेकिन जहां कभी भीड़ हुआ करती थी, वहां अब इक्का दुक्का ही लोग नजर आते है.

15 अक्टूबर से खुलेंगे सिनेमा हॉल्स

15 अक्टूबर के बाद प्रशासन ने सिनेमा हॉल्स को भी खोलने की अनुमति दे दी है. इन सिनेमा हॉल्स के खुल जाने से ना केवल सरकार को राजस्व में फायदा होगा, बल्कि सिनेमा हॉल्स में काम करने वाले कर्मचारियों को भी दोबारा से काम मिलेगा. मॉल में बने गेम जोन की बात करें, तो गेम जोन में बच्चे तो पहुंच रहे है, लेकिन बंद पड़ी मशीनों की वजह से उन्हें गेम जोन का पूरा मजा नहीं मिल पा रहा है.

फूड जोन का भी हाल बेहाल

यही हाल फूड जोन का भी है, दुकानें खुली हुई हैं, लेकिन खरीददार नदारद हैं. इस दौरान मॉल पहुंचे लोगों का कहना है कि कोरोनाकाल के पहले वे महीने में कई बार मॉल आते थे और खूब मजे करते थे, लेकिन अब कोरोना वायरस की वजह से कई महीनों के बाद मॉल आए हैं. ऐसे में ग्राहकों को मॉल में घूमते हुए भी कोरोना संक्रमण का डर सता रहा है.

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जबलपुर में है दो मॉल

अनलॉक होने के बाद भी बड़े शोरूम वाले दुकानदार काफी घाटे में है, लेकिन किसी को ये समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वे करें भी तो क्या करें. देखा जाए तो जबलपुर में ज्यादा मॉल कल्चर नहीं है और शहर में ज्यादातर बड़े बाजार ही हैं. जबलपुर में दो बड़े मॉल हैं, जिनमें मल्टीप्लेक्स शोरूम, गेम जोन और दूसरी सुविधाएं हैं.

सुपर मार्केट से भी ग्राहकों की बेरूखी

मॉल के साथ ही जबलपुर के कई सुपर बाजारों में भी कोरोना वायरस का असर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. जो कोरोना वायरस की वजह से ग्राहकों की बेरुखी से गुजर रहे हैं, इनमें कुछ सरकारी क्षेत्र के सुपरमार्केट हैं और कुछ निजी क्षेत्र के, हालांकि लॉकडाउन और कोरोना वायरस का असर छोटे किराना व्यापारियों पर कम पड़ा है.

शहर की चौपाटी हुई बेनूर

लॉकडॉउन और कोरोना संक्रमण का असर जबलपुर की चौपाटी पर भी पड़ा है. सिविक सेंटर चौपाटी, सदर चौपाटी और विजयनगर चौपाटी में लोग ग्राहकों के लिए तरस रहे हैं, जहां कभी पैर रखने की जगह नहीं होती थी, वहां अब एक दो दुकानों पर गिनती के ग्राहक ही नजर आ रहे हैं. लॉकडाउन के खत्म होने के बाद अनलॉक होने पर भी महानगर की संस्कृति वापस नहीं लौटी है.

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छोटे शहरों और बड़े शहरों में बुनियादी फर्क होता है, जहां शहर के लोग घरों से ज्यादा बाजारों में मौज मस्ती करते नजर आते हैं, लेकिन कोरोना वायरस ने लोगों की मौज मस्ती पर भी विराम लगा दिया है. कोरोना वायरस की वजह से मॉल्स को बहुत नुकसान हुआ है. ऐसे में सभी को बस कोरोना वायरस के खत्म होने का इंतजार है, जिससे सभी लोग एक फिर से अपनी सामान्य जिंदगी जी सकें.

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