ETV Bharat / state

MP में RAIN: मध्य प्रदेश में कम बारिश से सूखने लगी धान और सोयाबीन की फसल

इस वर्ष जबलपुर में कम बारिश से किसानों की धान की फसल सूखने लगी है. धान के साथ सोयाबीन की फसल भी सूखने की कगार पर है. हालांकि अनुमान लगाया जा रहा है कि 17 तारीख से 19 तारीख तक अच्छी बारिश होगी.

Paddy and soybean crops started drying up due to less rain
कम बारिश से सूखने लगी धान और सोयाबीन की फसल
author img

By

Published : Aug 3, 2021, 7:22 PM IST

Updated : Aug 3, 2021, 7:45 PM IST

जबलपुर। जिले में अभी तक सामान्य से 17% कम बारिश हुई है, ऐसा पहली बार हुआ है कि जुलाई के महीने में इतनी कम बारिश हुई हो. अब इस सूखे का असर नजर आने लगा है. मौसम विभाग का कहना है कि जबलपुर जिले में सामान्य से कम बारिश हुई है. मौसम विभाग ने आगामी दिनों में अच्छी बारिश की संभावना जताई है. लेकिन अभी तक की स्थिति में जिले में कम बारिश हुई है.

कम बारिश से सूखने लगी धान और सोयाबीन की फसल

दो प्रकार से होती है धान की खेती

इन दिनों दो किस्म के धान लगाई जा रही है. एक किस्म की खेती में धान के पौधे को खेत में रोपा जाता है. पौधों को खेत में पानी भरकर उसमें लगाया जाता है. इसके लिए पूरे खेत को पानी से भरना पड़ता है, लेकिन पानी कम होने की वजह से सही ढंग से पौधा नहीं लग पा रहा है. धान लगाने का दूसरा तरीका छिड़काव वाली बोवनी होती है. इसमें धान के खेत में सीधे बीच बिखेर दिए जाते हैं. बारिश के पानी से ये बीच पौधों का रूप लेते है. कम बारिश के चलते इस विधि में भी पौधे कमजोर पड़ गए.

धान की नर्सरी हो गई है ज्यादा दिन की, तो रोपाई के समय इन अहम बातों का रखें ध्यान

सोयाबीन की फसल भी हो सकती है बर्बाद

एक बार यदि शुरुआत में ही फसलों पर कम बारिश का असर हो गया तो यह पूरे सीजन में पनप नहीं पाएंगे. इसका असर उत्पादन पर पड़ेगा. कई लोगों को तो दोबारा बोवनी करने की जरूरत भी सामने आने लगी है. केवल धान ही नहीं बल्कि सोयाबीन की फसल भी बर्बाद होने की स्थिति में है.

जबलपुर। जिले में अभी तक सामान्य से 17% कम बारिश हुई है, ऐसा पहली बार हुआ है कि जुलाई के महीने में इतनी कम बारिश हुई हो. अब इस सूखे का असर नजर आने लगा है. मौसम विभाग का कहना है कि जबलपुर जिले में सामान्य से कम बारिश हुई है. मौसम विभाग ने आगामी दिनों में अच्छी बारिश की संभावना जताई है. लेकिन अभी तक की स्थिति में जिले में कम बारिश हुई है.

कम बारिश से सूखने लगी धान और सोयाबीन की फसल

दो प्रकार से होती है धान की खेती

इन दिनों दो किस्म के धान लगाई जा रही है. एक किस्म की खेती में धान के पौधे को खेत में रोपा जाता है. पौधों को खेत में पानी भरकर उसमें लगाया जाता है. इसके लिए पूरे खेत को पानी से भरना पड़ता है, लेकिन पानी कम होने की वजह से सही ढंग से पौधा नहीं लग पा रहा है. धान लगाने का दूसरा तरीका छिड़काव वाली बोवनी होती है. इसमें धान के खेत में सीधे बीच बिखेर दिए जाते हैं. बारिश के पानी से ये बीच पौधों का रूप लेते है. कम बारिश के चलते इस विधि में भी पौधे कमजोर पड़ गए.

धान की नर्सरी हो गई है ज्यादा दिन की, तो रोपाई के समय इन अहम बातों का रखें ध्यान

सोयाबीन की फसल भी हो सकती है बर्बाद

एक बार यदि शुरुआत में ही फसलों पर कम बारिश का असर हो गया तो यह पूरे सीजन में पनप नहीं पाएंगे. इसका असर उत्पादन पर पड़ेगा. कई लोगों को तो दोबारा बोवनी करने की जरूरत भी सामने आने लगी है. केवल धान ही नहीं बल्कि सोयाबीन की फसल भी बर्बाद होने की स्थिति में है.

Last Updated : Aug 3, 2021, 7:45 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.