जबलपुर। जिले में अभी तक सामान्य से 17% कम बारिश हुई है, ऐसा पहली बार हुआ है कि जुलाई के महीने में इतनी कम बारिश हुई हो. अब इस सूखे का असर नजर आने लगा है. मौसम विभाग का कहना है कि जबलपुर जिले में सामान्य से कम बारिश हुई है. मौसम विभाग ने आगामी दिनों में अच्छी बारिश की संभावना जताई है. लेकिन अभी तक की स्थिति में जिले में कम बारिश हुई है.
दो प्रकार से होती है धान की खेती
इन दिनों दो किस्म के धान लगाई जा रही है. एक किस्म की खेती में धान के पौधे को खेत में रोपा जाता है. पौधों को खेत में पानी भरकर उसमें लगाया जाता है. इसके लिए पूरे खेत को पानी से भरना पड़ता है, लेकिन पानी कम होने की वजह से सही ढंग से पौधा नहीं लग पा रहा है. धान लगाने का दूसरा तरीका छिड़काव वाली बोवनी होती है. इसमें धान के खेत में सीधे बीच बिखेर दिए जाते हैं. बारिश के पानी से ये बीच पौधों का रूप लेते है. कम बारिश के चलते इस विधि में भी पौधे कमजोर पड़ गए.
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सोयाबीन की फसल भी हो सकती है बर्बाद
एक बार यदि शुरुआत में ही फसलों पर कम बारिश का असर हो गया तो यह पूरे सीजन में पनप नहीं पाएंगे. इसका असर उत्पादन पर पड़ेगा. कई लोगों को तो दोबारा बोवनी करने की जरूरत भी सामने आने लगी है. केवल धान ही नहीं बल्कि सोयाबीन की फसल भी बर्बाद होने की स्थिति में है.