जबलपुर। इस साल आयुध निर्माणी दिवस पर जबलपुर व्हीकल फैक्ट्री का नाम देश भर के सुरक्षा संस्थानों में कुछ अलग कामों के लिए लिया जाएगा, आमतौर पर केंद्रीय सुरक्षा संस्थान व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर का नाम सिर्फ वाहन बनाने वाली फैक्ट्री के लिए याद किया जाता था, पर अब व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर सेना के लिए वाहनों के साथ-साथ सारंग तोप बनाने का काम भी कर रही है, खास बात यह है कि सेना को व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर का काम इतना पसंद आया कि उन्होंने सारंग तोप बनाने का पूरा काम व्हीकल फैक्ट्री को ही दे दिया, वर्तमान में करीब 300 सारंग तोप बनाने का काम फैक्ट्री को मिला है.
सेना को सौंपी गई 40 तोप
व्हीकल फैक्ट्री जोकि बीते कई सालों से सेना के लिए वाहन बनाने का काम कर रही है, चाहे शक्तिमान रही हो या फिर स्टालियन या फिर बुलेट प्रूफ वाहन, इन तमाम वाहनों का निर्माण जबलपुर व्हीकल फैक्ट्री में होता आ रहा है, पर अब व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर वाहनों के अलावा सेना के लिए सारंग तोप बनाने का काम भी कर रही है, सेना ने व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर को करीब 300 सारंग तोप का ऑर्डर दिया है, जिसमें से अब तक करीब 40 सारंग तोप फैक्ट्री ने बनाकर सेना को हैंडओवर कर दिया है, व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर के महाप्रबंधक अतुल गुप्ता फैक्ट्री की इस उपलब्धि पर खासे खुश हैं.
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और अपग्रेड हुई सारंग तोप
व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर के महाप्रबंधक अतुल गुप्ता बताते हैं कि सारंग तोप को और अत्याधुनिक तरीके से अपग्रेड किया जा रहा है, व्हीकल फैक्ट्री के महाप्रबंधक की मानें तो पहले जहां सारंग तोप 130 कैलिबर की थी, वहीं उसकी ताकत बढ़ाते हुए अब 155 कैलिबर कर दिया गया है, जिससे इसकी मारक क्षमता पहले की अपेक्षा कई गुना बढ़ गई है.
लीड करने वाले अधिकारी को बोर्ड ने किया पुरस्कृत
व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर में जब से सारंग तोप बन रही है, तब से अब तक पूरी टीम को लीड करने वाले अधिकारी रामेश्वर मीणा को हाल ही में ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने आयुध भूषण पुरस्कार से नवाजा है, यह पुरस्कार सिर्फ व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर ही नहीं, बल्कि जबलपुर के लिए भी एक गौरव का विषय है.
व्हीकल फैक्ट्री में सारंग तो गन कैरिज में बनती है धनुष तोप
जबलपुर व्हीकल फैक्ट्री में जहां बड़ी संख्या में सारंग तोप बनाने का काम चल रहा है तो वहीं जबलपुर की ही गन कैरिज फैक्ट्री में धनुष तोप का निर्माण किया जा रहा है, धनुष तोप के बारे में बताया जाता है कि यह देश की सबसे शक्तिशाली तोप है, जिसकी मारक क्षमता बहुत अधिक है. ऐसे में कहा जा सकता है कि यह संस्कारधानी के लिए बहुत ही गौरव की बात है कि इस शहर में दो सुरक्षा संस्थान ऐसे हैं, जोकि सेना के लिए सबसे शक्तिशाली तोप का निर्माण कर रहे हैं.