जबलपुर। अलग-अलग हाईटेक तरीकों से जनता को ठगने वाले साइबर ठगों ने अब गर्भवती महिलाओं और आंगनबाडी कार्यकर्ताओ को अपना शिकार बनाया है. इन साइबर ठगों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ को भी नहीं बख्शा. खास बात यह है कि ये साइबर ठग गर्भवती महिलाओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शासन की योजनाओं के नाम पर ही चूना लगा रहे हैं. देखिए एक रिपोर्ट
सरकार की योजनाओं के नाम पर ऐसे हो रही है ठगी
जबलपुर के अधारताल की रहने वाली लक्ष्मी बर्मन गर्भवती हैं. उन्हें कुछ दिन पहले एक अनजान नंबर से कॉल आई. कॉल में उन्हें प्रेगनेंट होने के समय सरकार की तरफ से दी जाने वाली 6 हजार रुपए की राशि मिलने का लालच दिया गया. कॉलर ने खुद को स्वास्थ्य अधिकारी बता कर उनसे उनकी पर्सनल डिटेल मांगी गई. जिसमें लक्ष्मी से आधार नंबर और बैंक खाते की जानकारी मांगी गई. लक्ष्मी थोड़ी होशियार थीं उन्होंने यह जानकारी देने से इनकार कर दिया और ठगे जाने से बच गईं. बाइट लक्ष्मी बर्मन,
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी आ रहे हैं फोन
दूसरा मामला कटरा आंगनबाड़ी में पदस्थ नेहा बिछुरिया का है. नेहा आंगनवाडी कार्यकर्ता हैं. ठगों ने स्वास्थ्य अधिकारी बनकर नेहा से उनके एरिया की गर्भवती महिलाओं की जानकारी मांगी. यहां भी प्रेगनेंट महिलाओं के आधारकार्ड डिटेल और बैंक डिटेल मांगा गया. नेहा ने जानकारी देने से मना किया तो उसे डिपार्टमेंटल इनक्वारी के नाम पर डराया गया, लेकिन नेहा डरीं नहीं और उन्होंने अपनी अधिकारियों को इसकी जानकारी दी.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने की कार्रवाई की मांग
ठगी के ऐसे अननोन कॉल्स से परेशान आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ की प्रदेशाध्यक्ष ने शासन से ठगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है. दूसरी तरफ राज्य साइबर सेल के अधिकारियों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और गर्भवती महिलाओं से अपील करते हुए कहा है वे किसी को भी अपने बैंक डिटेल से जुड़ी जानकारी न दें.
सावधान रहें, ठगों द्वारा ऐसे मांगी जा रही है जानकारी
केस नंबर-01
साइबर ठगों ने पिछले दिनों कटरा निवासी एक आशा कार्यकर्ता के मोबाइल पर कॉल किया. फोन करने वाले ने खुद को स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी बताते हुए क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं के मोबाइल नंबर, आधार कार्ड और बैंक डिटेल्स की जानकारी मांगी.आशा कार्यकर्ता ने मना किया तो उसे नौकरी से निकलवाने की धमकी भी दी गई, जिसकी शिकायत भी अधारताल थाना पुलिस में दर्ज कराई गई है.
केस नम्बर 2-
जबलपुर के ही रहने वाले विवेक की पत्नी योगिता प्रेगनेंट हैं. विवेक के फोन पर भी पिछले दिनों ठगों का फोन आया था. उनसे उनके बैंक खाते में 6400 रुपए का पेमेंट ट्रांसफर करने की बात कही गई. कहा गया कि लॉकडाउन में पेमेंट ऑनलाइन ही होगी इसलिए उनके मोबाइल पर एक एप्प भेजा गया है. उसे डाउनलोड करें और जो रजिस्ट्रेशन नंबर आए वह उन्हें दे दें, लेकिन विवेक ने ऐसा करने के इनकार कर दिया और वह ठगी का शिकार होने से बच गया.