जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदकर मरीजों को लगवाने के आरोप में फंसे सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा के बचाव में बोलना नर्सिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र जामदार को महंगा पड़ गया है.विपक्ष लगातार डॉ. जामदार को घेरने में लगा हुआ है,हम आपको बता दे कि डॉ. जामदार आरएसएस के कार्यकर्ता सहित वरिष्ठ भाजपा नेता भी हैं.
NSUI ने किया डॉ. जामदार के अस्पताल का घेराव
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में जेल में बंद सरबजीत सिंह मोखा का डॉ. जामदार के द्वारा बचाव करने को लेकर एनएसयूआई ने उनके अस्पताल का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की.एनएसयूआई का आरोप है कि डॉ. जितेंद्र जामदार सरबजीत सिंह मोखा का बचाव कर रहे हैं.जबकि सरबजीत सिंह मोखा ने नकली इंजेक्शन खरीदकर न जाने कितने मरीजों को लगवाया. जिससे न जाने कितने मरीजों की जान तक चली गई है.
पुलिस से हुई NSUI कार्यकर्ताओं की झड़प
डॉ. जितेंद्र जामदार के अस्पताल का घेराव करने जा रहे NSUI के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गोल बाजार के पास ही रोक लिया. इस दौरान पुलिस से उनकी झड़प भी हुई .प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि डॉ. जामदार उस व्यक्ति का सपोर्ट कर रहे हैं जिसने न जाने कितने मरीजों की जान से खिलवाड़ किया है.
डॉ. जामदार की सफाई
एनएसयूआई के प्रदर्शन के बाद डॉ. जितेंद्र जामदार का कहना है कि जो भी आरोप मेरे ऊपर लगे हैं वे निराधार हैं और मेरे बयान को काट छांटकर बताया गया है.मैं ऐसे किसी भी अपराधी का सपोर्ट नहीं करता हूं जिसके ऊपर रासुका लगा हुआ हो. डॉ. जामदार ने ईटीवी भारत को बताया कि जो भी दोषी हो उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो. ये मैं पहले भी कह रहा था और अब भी कह रहा हूं.
पुलिस ने कार्यकर्ताओं को किया अरेस्ट
डॉक्टर जामदार अस्पताल का घेराव करने जा रहे एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बीच में ही रोककर गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने तमाम प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं के खिलाफ धारा 144 लगाई है और इनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गई है.
बहरहाल सरबजीत सिंह मोखा के बचाव में उतरे डॉ. जामदार के खिलाफ जिस तरह से प्रदर्शन विपक्ष कर रहा है उसको लेकर डॉ. जामदार बचाव की स्थिति में आ गए है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस मुद्दे को विपक्ष कितना भुना पाता है और डॉ. जामदार कैसे इस मामले से अपने आपको निकाल पाते हैं.