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सामुदायिक भवन बन बदमाशों का अड्डा, अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

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Published : Sep 14, 2020, 1:18 PM IST

जबलपुर के शहपुरा में आदिवासियों के लिए एक सामुदायिक भवन बनाया गया था, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण अब यह भवन सटोरियों का अड्डा बन गया है.

irregularities in community hall
अनियमितता की भेंट चढ़ा सामुदायिक भवन

जबलपुर। शहपुरा ब्लॉक में आदिवासियों की सुविधाओं के लिए आदिवासी विभाग ने ग्राम पंचायत को 6 लाख रुपए से सामुदायिक भवन बनाने के लिए दिए थे. इन पैसों से सामुदायिक भवन तो बना लेकिन उस भवन में कई अनिमियताएं पाई गईं, जिसका नतीजा ये हुआ कि सामुदायिक भवन एक साल में जर्जर हालत में पहुंच गया है. आलम ये है कि लाखों खर्च होने के बावजूद भवन में न तो दरवाजा है और न हीं खिड़की. जबकि यहा अब बदमाशों का जमावड़ा लगने लगा है.

irregularities in community hall
नहीं हुई सफाई

दीवारों में आ गए क्रैक

6 लाख रुपए की लागत से भवन तो बनकर तैयार हो गया है. लेकिन इस भवन की दीवारों में एक साल में क्रैक आ गए. यहां न तो दरवाजे हैं और न हीं खिड़कियां. सामुदायिक भवन निर्माण में यह फर्जीवाड़ा बरगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली बिजौरी ग्राम पंचायत में किया गया है.

irregularities in community hall
सटोरियों का बना अड्डा

ग्रामीणों ने लगाए आरोप

सरपंच सचिव ने आदिवासी विभाग के आदेश पर 6 लाख का सामुदायिक भवन तो तैयार कराया पर उसमें भ्रष्टाचार की छाप छोड़ दी. वहीं ग्रामीण आदिवासियों का आरोप है कि जब सामुदायिक भवन तैयार हो रहा था. उस वक्त लग रहा था कि सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पूरा सामुदायिक भवन जुआरी शराबियों और सटोरियों के लिए इस्तेमाल हो रहा है, जबकि आदिवासियों के सामूहिक कार्यक्रम और शादी आयोजन के लिए भवन तैयार किया गया था. वहीं सरपंच सचिव ने पूरे मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है.

ये भी पढे़ं- जबलपुर में मिले कोरोना के 227 नए मरीज, संख्या पहुंची 6441

तहसीलदार ने दिए जांच का आश्वासन

बहरहाल पूरे मामले में तहशीलदार राजेश सिंह का कहना है कि अगर ग्राम पंचायत बिजौरी में सामुदायिक भवन में दरवाजा और खिड़की नहीं लगाए गए हैं तो ये गंभीर अनिमियता है. इसकी जानकारी लेकर जांच कराई जाएगी. इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

जबलपुर। शहपुरा ब्लॉक में आदिवासियों की सुविधाओं के लिए आदिवासी विभाग ने ग्राम पंचायत को 6 लाख रुपए से सामुदायिक भवन बनाने के लिए दिए थे. इन पैसों से सामुदायिक भवन तो बना लेकिन उस भवन में कई अनिमियताएं पाई गईं, जिसका नतीजा ये हुआ कि सामुदायिक भवन एक साल में जर्जर हालत में पहुंच गया है. आलम ये है कि लाखों खर्च होने के बावजूद भवन में न तो दरवाजा है और न हीं खिड़की. जबकि यहा अब बदमाशों का जमावड़ा लगने लगा है.

irregularities in community hall
नहीं हुई सफाई

दीवारों में आ गए क्रैक

6 लाख रुपए की लागत से भवन तो बनकर तैयार हो गया है. लेकिन इस भवन की दीवारों में एक साल में क्रैक आ गए. यहां न तो दरवाजे हैं और न हीं खिड़कियां. सामुदायिक भवन निर्माण में यह फर्जीवाड़ा बरगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली बिजौरी ग्राम पंचायत में किया गया है.

irregularities in community hall
सटोरियों का बना अड्डा

ग्रामीणों ने लगाए आरोप

सरपंच सचिव ने आदिवासी विभाग के आदेश पर 6 लाख का सामुदायिक भवन तो तैयार कराया पर उसमें भ्रष्टाचार की छाप छोड़ दी. वहीं ग्रामीण आदिवासियों का आरोप है कि जब सामुदायिक भवन तैयार हो रहा था. उस वक्त लग रहा था कि सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पूरा सामुदायिक भवन जुआरी शराबियों और सटोरियों के लिए इस्तेमाल हो रहा है, जबकि आदिवासियों के सामूहिक कार्यक्रम और शादी आयोजन के लिए भवन तैयार किया गया था. वहीं सरपंच सचिव ने पूरे मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है.

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तहसीलदार ने दिए जांच का आश्वासन

बहरहाल पूरे मामले में तहशीलदार राजेश सिंह का कहना है कि अगर ग्राम पंचायत बिजौरी में सामुदायिक भवन में दरवाजा और खिड़की नहीं लगाए गए हैं तो ये गंभीर अनिमियता है. इसकी जानकारी लेकर जांच कराई जाएगी. इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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