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ई-टेंडरिंग घोटाले के आरोपियों को जमानत नहीं, जानिये हाईकोर्ट ने अर्जी पर क्या कहा - mp news

जबलपुर हाईकोर्ट ने ई-टेंडरिंग घोटाले से जुड़े पांच आरोपियों की जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया.  हाईकोर्ट के जस्टिस आरके दुबे ने मामले को गंभीर बताते हुए अर्जी खारिज की.

जबलपुर हाईकोर्ट
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Published : Jun 26, 2019, 5:19 AM IST

जबलपुर। ई-टेंडरिंग घोटाले से जुड़े पांच आरोपियों की जमानत के आवेदनों को जबलपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के जस्टिस आरके दुबे ने आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज करते हुऐ कहा कि मामला गंभीर है और अभी जांच जारी है इसलिए आरोपियों को जमानत नहीं दी जा सकती.

ई-टेंडरिंग घोटाले के आरोपियों को जमानत नहीं

आरोपी एमपीएसईडीसी के ओएसडी नंदकिशोर ब्रह्म, ऑस्मो कंपनी के एमडी विनय चौधरी और वरुण चतुर्वेदी, ऑस्मो कंपनी के मार्केटिंग डायरेक्टर सुमित गोलवलकर और एंट्रोल रोल कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट मनोहर की जमानत खारिज की गई है.

यह था मामला

शिवराज सरकार के दौरान ई टेंडरिंग का घोटाले को अंजाम दिया गया था. घोटाले में गिरफ्तार आरोपियों पर आरोप है कि इन लोगों ने कई टेंडरों को लीक करके नीलामी को प्रभावित किया और दूसरी कंपनियों और एजेंसियों के रेट्स उन कंपनियों और लोगों को दे दिए जो नीलामी में शामिल थे. इसमें कुछ सॉफ्टवेयर इंजीनियर सॉफ्टवेयर कंपनी के दूसरे अधिकारी शामिल थे.

हालांकि इस घोटाले की जानकारी शिवराज सरकार के कई मंत्रियों और अधिकारियों को थी. फिर भी जिम्मेदार चुप रहे. इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रही है और यह गिरफ्तारियां भी पुलिस के इसी विभाग की जांच के बाद की थीं.

जबलपुर। ई-टेंडरिंग घोटाले से जुड़े पांच आरोपियों की जमानत के आवेदनों को जबलपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के जस्टिस आरके दुबे ने आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज करते हुऐ कहा कि मामला गंभीर है और अभी जांच जारी है इसलिए आरोपियों को जमानत नहीं दी जा सकती.

ई-टेंडरिंग घोटाले के आरोपियों को जमानत नहीं

आरोपी एमपीएसईडीसी के ओएसडी नंदकिशोर ब्रह्म, ऑस्मो कंपनी के एमडी विनय चौधरी और वरुण चतुर्वेदी, ऑस्मो कंपनी के मार्केटिंग डायरेक्टर सुमित गोलवलकर और एंट्रोल रोल कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट मनोहर की जमानत खारिज की गई है.

यह था मामला

शिवराज सरकार के दौरान ई टेंडरिंग का घोटाले को अंजाम दिया गया था. घोटाले में गिरफ्तार आरोपियों पर आरोप है कि इन लोगों ने कई टेंडरों को लीक करके नीलामी को प्रभावित किया और दूसरी कंपनियों और एजेंसियों के रेट्स उन कंपनियों और लोगों को दे दिए जो नीलामी में शामिल थे. इसमें कुछ सॉफ्टवेयर इंजीनियर सॉफ्टवेयर कंपनी के दूसरे अधिकारी शामिल थे.

हालांकि इस घोटाले की जानकारी शिवराज सरकार के कई मंत्रियों और अधिकारियों को थी. फिर भी जिम्मेदार चुप रहे. इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रही है और यह गिरफ्तारियां भी पुलिस के इसी विभाग की जांच के बाद की थीं.

Intro:ई टेंडरिंग घोटाले में गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों की जमानत जबलपुर हाई कोर्ट ने खारिज की शिवराज सरकार के दौरान हुआ था कि टेंडरिंग का घोटाला


Body:जबलपुर ई टेंडरिंग घोटाले से जुड़े पांच आरोपियों की जमानत आवेदनों को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है एमपीएसईडीसी के ओएसडी नंदकिशोर ब्रह्म ऑस्मो कंपनी के एमडी विनय चौधरी और वरुण चतुर्वेदी कंपनी के मार्केटिंग डायरेक्टर सुमित गोलवलकर और एंट्रोल रोल कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट मनोहर की जमानत खारिज कर दी गई है

गौरतलब है की शिवराज सरकार के दौरान ई टेंडरिंग का घोटाले को अंजाम दिया गया था इस घोटाले में जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उन पर आरोप है कि इन लोगों ने कई टेंडरों को लीक करके नीलामी को प्रभावित किया है और दूसरी कंपनियों और एजेंसियों के रेट्स उन कंपनियों और लोगों को दे दिए जो नीलामी में शामिल थे और इसके जरिए अपनी चाही गई कंपनियों को करोड़ों रुपए के ठेके दिलवाए गए इसमें कुछ सॉफ्टवेयर इंजीनियर सॉफ्टवेयर कंपनी के दूसरे अधिकारी शामिल थे

हालांकि इस घोटाले की जानकारी शिवराज सरकार के कई मंत्रियों और अधिकारियों को थी उसके बावजूद आखिर यह जिम्मेदार चुप क्यों थे यह एक बड़ा सवाल है और अब तक इन लोगों के खिलाफ मुकदमा क्यों दर्ज नहीं किया गया है इस मामले में अब तक आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रही है और यह गिरफ्तारियां भी पुलिस के इसी विभाग की जांच के बाद की गई थी


Conclusion:हाई कोर्ट के जस्टिस आरके दुबे ने आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज की है हाई कोर्ट का कहना है कि मामला गंभीर है और अभी जांच जारी है इसलिए अभी आरोपियों को जमानत नहीं दी जा सकती
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