जबलपुर। ई-टेंडरिंग घोटाले से जुड़े पांच आरोपियों की जमानत के आवेदनों को जबलपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के जस्टिस आरके दुबे ने आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज करते हुऐ कहा कि मामला गंभीर है और अभी जांच जारी है इसलिए आरोपियों को जमानत नहीं दी जा सकती.
आरोपी एमपीएसईडीसी के ओएसडी नंदकिशोर ब्रह्म, ऑस्मो कंपनी के एमडी विनय चौधरी और वरुण चतुर्वेदी, ऑस्मो कंपनी के मार्केटिंग डायरेक्टर सुमित गोलवलकर और एंट्रोल रोल कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट मनोहर की जमानत खारिज की गई है.
यह था मामला
शिवराज सरकार के दौरान ई टेंडरिंग का घोटाले को अंजाम दिया गया था. घोटाले में गिरफ्तार आरोपियों पर आरोप है कि इन लोगों ने कई टेंडरों को लीक करके नीलामी को प्रभावित किया और दूसरी कंपनियों और एजेंसियों के रेट्स उन कंपनियों और लोगों को दे दिए जो नीलामी में शामिल थे. इसमें कुछ सॉफ्टवेयर इंजीनियर सॉफ्टवेयर कंपनी के दूसरे अधिकारी शामिल थे.
हालांकि इस घोटाले की जानकारी शिवराज सरकार के कई मंत्रियों और अधिकारियों को थी. फिर भी जिम्मेदार चुप रहे. इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा जांच कर रही है और यह गिरफ्तारियां भी पुलिस के इसी विभाग की जांच के बाद की थीं.