जबलपुर। शुक्रवार की देर रात एनआईए ने जबलपुर में कई जगहों पर छापामार कार्रवाई कर 14 लोगों को हिरासत में लिया है. दिल्ली और भोपाल से आई टीम 14 लोगों को भोपाल लेकर गई है. इसमें अधिवक्ता नईम खान को हिरासत में लिया है. अधिवक्ता नईम खान अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम के मामले में पैरवी कर चुके हैं. वहीं मध्य प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य उस्मानी भी शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार जिन लोगों को एनआईए ने अपनी गिरफ्त में लिया है वह किसी एक व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े हुए थे. टेरर फंडिग के संदेह के चलते ये कार्रवाई की गई है. जबलपुर पुलिस के 100 से ज्यादा जवान और अधिकारी एनआईए की टीम के साथ शहर के इन ठिकानों पर मुस्तैद रहे.
एडवोकेट उस्मानी भी संदेह के घेरे में: जबलपुर से 14 लोगों को एनआईए ने हिरासत में लिया है इन 14 लोगों में सबसे ज्यादा चर्चा एडवोकेट ए उस्मानी की है. एडवोकेट उस्मानी मध्य प्रदेश बार काउंसिल के निर्वाचित सदस्य हैं. उस्मानी के परिवार के दो अन्य सदस्यों को हिरासत में लिया गया है. इसमें एक 17 साल का लड़का भी शामिल है. जानकारी के अनुसार एक व्हाट्सएप ग्रुप में जो लड़के चैटिंग करते थे उसी को आधार बनाकर एनआईए ने छापामार कार्रवाई की है. सिविल लाइन इलाके में रहने वाले एडवोकेट नईम खान को भी एनआईए ने नोटिस दिया है और उन्हें 15 दिनों के भीतर अपना जवाब देने का वक्त दिया गया है. घंटाघर के पास से एक परिवार के दो लड़कों को एनआईए द्वारा ले जाने की खबर है इसी परिवार की तीन लड़कियों की भी सूचना नहीं मिल रही है.
गुप्त रूप से चल रही कार्रवाई: पुलिस पूरी कार्रवाई को गुप्त ढंग से अंजाम दे रही है, यहां तक की मीडिया को भी इस छापे की कार्रवाई को कवरेज करने की अनुमति नहीं दी गई है. बताया जा रहा है कि दिल्ली में दर्ज एक FIR के कनेक्शन में जबलपुर पहुंची, जिसके बाद जबलपुर पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था के लिए साथ लेकर छापेमार कार्रवाई की गई. इस दौरान NIA और ATS की टीम ने कई जगह से अवैध हथियार और आपत्तिजनक लिट्रेचर बरामद किए है, इसके साथ ही बताया जा रहा है कि 14 लोगों को भी टीम ने गिरफ्तार किया है. फिलहाल जांच में टेरर फंडिंग और युवाओं को बरगलाने का भी एंगल सामने आया है
ओमती क्षेत्र में ही रहने वाले मोहम्मद शाहिद को भी एनआईए की टीम ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था लेकिन सुबह उसे छोड़ दिया. मोहम्मद शाहिद सब्जी व्यापारी है और मोहम्मद शाहिद की मां अफसाना का कहना है कि वह ऐसे किसी काम में शामिल नहीं है जिसके लिए पुलिस उसे हिरासत में ले हालांकि अफसाना ने बताया कि मोहम्मद शाहिद के साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं हुई. कानून के जानकारों का कहना है कि एनआईए किसी भी संदिग्ध को 15 दिनों तक रिमांड में रखकर पूछताछ कर सकती है.
पूर्व में हुए छापेमार कार्रवाईयों से इसका कनेक्शन: पुलिस के सूत्रों का कहना है कि बाहर से आई हुई इन्वेस्टिगेशन टीम के सपोर्ट के लिए स्थानीय पुलिस को बुलाया गया था, इसलिए यहां पर पुलिस आई है. प्रदेश में इसके पहले भी कई स्थानों पर एनआईए के छापे हुए हैं, इस छापे को भी उन्हीं से जोड़कर देखा जा रहा है. फिलहाल मामले में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, पुलिस मामले में जल्द ही खुलासा कर सकती है.