जबलपुर। जबलपुर में तापमान में लगातार नीचे गिर रहा है. ऐसे हालात में लोगों को अलाव की जरूरत महसूस हो रही है. शहर के रैन बसेरा, अस्पताल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों सहित कई स्थान ऐसे हैं, जहां लोग सड़कों पर ही रात गुजारते हैं. बावजूद इसके नगर निगम द्वारा कहीं भी अलाव नहीं जलाए जा रहे हैं. लोग खुद ही ठंड से बचने के लिए लकड़ियां जुटाकर आग जलाते हैं तब जाकर उनकी रात कटती है.
भीषण ठंड से बचने के लिए लोग अपने घरों में दुबके बैठे हैं. लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जिनके पास घर नहीं हैं और मजबूरन वे सड़कों किनारे या फिर रैन बसेरा में रात गुजारते हैं. कई लोग दूसरे शहरों से काम धंधे के लिए जबलपुर पहुंचते हैं, वे भी सड़कों के किनारे झोपड़ी या टेंट लगाकर जीवन जी रहे हैं. तो कहीं रातभर काम करने वाले लोग जागते रहते हैं.
नगर निगम के दावों की खुली पोल
नगर निगम द्वारा लोगों को ठंड से बचाने के लिए अलाव का इंतजाम किया जाता है. लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण के खतरे के कारण यह वैकल्पिक व्यवस्था भी ठंडी है. उद्यान विभाग के पास शहर के चुनिंदा स्थानों पर अलाव जलाने की जिम्मेदारी है. उद्यान विभाग प्रभारी आदित्य शुक्ला की मानें तो उन्होंने बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और शासकीय अस्पतालों में अलाव जलाने के लिए व्यवस्था की है. जब इन स्थानों पर जाकर जायजा लिया गया तो नगर निगम के दावों की पोल खुल गई. लोगों ने बताया कि नगर निगम द्वारा कहीं भी अलाव का इंतजाम नहीं किया गया है और वे खुद ही लकड़ियां जुटाकर आग जलाकर रात काट रहे हैं.