जबलपुर। मध्य प्रदेश में मॉनसून एक बार फिर मेहरबान है प्रदेश में राजधानी सहित कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है. जबलपुर में पिछले 48 घंटों से जमकर बारिश हो रही है. बारिश का यह मौसम बंगाल की खाड़ी में बने हुए चक्रवात की वजह से बना है और 4 तारीख तक ऐसा मौसम रहेगा. अभी बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव के क्षेत्र के चलते प्रदेश के पूर्वी हिस्से में बारिश का दौर देखने को मिलेगा. प्रदेश में पिछले 48 घंटों में जबलपुर संभाग और शहडोल संभाग के जिलों में 11 इंच बारिश दर्ज की गई है. प्रदेश के 20 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है. प्रदेश के कई जिलो में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है. इस मौसम प्रणाली का असर धीरे-धीरे पूर्वी मध्य प्रदेश से उत्तरी मध्य प्रदेश की और बढ़ेगा, लेकिन अनेक जिलों में इसके प्रभाव से मध्यम गति से बारिश का दौर जारी रहेगा.
जबलपुर में भारी बारिश: 48 घंटों में जबलपुर में लगभग 11 इंच बारिश दर्ज की गई है इसमें 2 अगस्त की शाम से शुरू हुई बारिश बुधवार तक 168 मिलीमीटर हो चुकी थी मौसम विभाग का कहना है कि यह इस सीजन की अब तक की 24 घंटे में हुई सबसे ज्यादा बारिश थी और 3 अगस्त में अब तक लगभग 111 मिलीमीटर बारिश हुई है. इस तरह 2 दिनों में 280 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है लगातार हुई. इस साल अभी तक लगभग 33 इंच बारिश हो चुकी है जो मौसम विभाग के प्रभारी अधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव का कहना है कि जबलपुर में अब तक औसत बारिश से 5% ज्यादा बारिश हो चुकी है.
नदी नाले उफान पर: यह बारिश पूरे महाकौशल इलाके में हो रही है खासतौर पर बरगी बांध के कैचमेंट एरिया में लगातार हो रही बारिश की वजह से एक बार फिर बरगी बांध का जलस्तर बढ़ गया है और यह संभावना है कि आज या कल बरगी बांध के गेट दोबारा खोले जा सकते हैं. अभी कुछ दिनों पहले ही बरगी बांध के पांच गेट खोले गए थे जिन्हें 4 दिन पहले ही बंद किया गया था. अभी लगातार हो रही बारिश की वजह से जबलपुर के ग्वारीघाट में जलस्तर लगभग 10 फीट ऊपर हो गया है. इसलिए नर्मदा के किनारों पर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. ताकि कोई हादसा ना हो सके खास तौर पर सावन किस महीने में बहुत से लोग नर्मदा स्नान करने जाते हैं और इस समय नर्मदा नदी उफान पर है इसलिए दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. जबलपुर में हिरण गौर जैसी नदियों में भी पानी का स्तर बढ़ गया है.
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खेती के लिए फायदेमंद: पूरे महाकौशल इलाके में धान, मक्का, सोयाबीन और उड़द, मूंग की फसल इस समय खेतों में लगी हुई है. किसानों के लिए यह बारिश इसलिए हितकारी है क्योंकि बीते लगभग 10 दिनों से जबलपुर में बारिश नहीं हुई थी. इसकी वजह से खरीफ की सभी फसलों के लिए जर्मनी सन का अच्छा मौका मिल गया था. साथ ही नवजात पौधों ने अपनी जड़ें भी जमा ली थी यह बारिश इन पौधों के लिए अमृत वर्षा के रूप में आई यदि 4 तारीख के बाद बारिश रुक जाती है तो खरीफ की फसल 50% तक तैयार हो जाएगी. खेती के लिए और रुक रुक कर होने वाली बारिश ज्यादा फायदेमंद होती है.
हालांकि लगातार हुई इस बारिश की वजह से शहरी इलाकों में लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जबलपुर शहर में बन रहे ओवरब्रिज की वजह से रानीताल दमोह नाका मदन महल चौक जैसे कई चौक और चौराहों पर बड़े-बड़े गड्ढों में पानी भर गया है जिसकी वजह से आम आदमियों को आवागमन में बहुत परेशानी हो रही है. शहर के कई निचले इलाकों में भी पानी भर गया है हालांकि अभी तक किसी जन धन हानि की सूचना नहीं है.