जबलपुर/भोपाल। अगले साल मध्यप्रदेश में विधासनभा चुनाव होने हैं. बीजेपी व कांग्रेस दोनों दल चुनाव जीतने के लिए मतदाताओं को प्रभावित करने वाले मुद्दे तलाश रहे हैं. ऐसे में मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने बिजली 3.02% महंगी करने की अनुमति मांगी है. कंपनी चुनावी साल में बिजली की दरें बढ़ाने की तैयारी में दिख रही है. कंपनी ने टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग में दिया है.
कंपनी ने 1500 करोड़ का घाटा दिखाया : पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने इस साल भी 1500 करोड़ रुपए का घाटा दिखाते हुए बिजली की दरों में बढ़ोतरी की अनुमति आयोग से मांगी है. याचिका में कहा गया है कि मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनियों को साल 2023-24 में बिजली कंपनियों को 49 हजार 500 करोड़ रुपए के राजस्व की जरूरत है, जिसमें कुल आय और व्यय के लिए 1500 करोड़ों रुपए की और जरूरत पड़ेगी. यानी बिजली कंपनियों को आने वाले साल में 1500 करोड़ का घाटा लगेगा. हालांकि पिछले साल बिजली के रेट 8.71 प्रतिशत बढ़ाने की अनुमति मांगी गई थी.
कंपनी के प्रस्ताव पर सुनवाई 6 दिसंबर को : इस बार के प्रस्ताव में इंडस्ट्री की सालों पुरानी मांग को पूरा करते हुए बिलों की रीडिंग केवीएच की जगह केएवीएच से करने का प्रस्ताव शामिल किया गया है. बढ़ोतरी की मांग पर विद्युत नियामक आयोग में सुनवाई 6 दिसंबर को होनी है. 1500 करोड़ रुपये वसूलने के लिए बिजली की दर 3.2 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव पावर मैनेजमेंट कंपनी ने आयोग को दिया है. वर्ष-2023-24 के लिए बिजली दर निर्धारण के लिए याचिका लगाई गई है. नियमों के मुताबिक सुनवाई के बाद विद्युत नियामक आयोग आम उपभोक्ता से याचिका पर आपत्ति भी मंगाएगा.