जबलपुर। मध्य प्रदेश के लगभग 19 हजार पटवारी बीते 28 अगस्त से हड़ताल पर चल रहे हैं. इसी क्रम में शहर के मालवीय चौक पर जबलपुर जिले के पटवारी इकट्ठा हुए. इनमें पुरुष और महिला पटवारी दोनों ही शामिल थे. इन लोगों ने अपनी वेतन वृद्धि को लेकर नारे लगाए और तख्तियों में इन लोगों ने अपनी मांगें लिखकर प्रदर्शन किया. नारेबाजी के बाद इन लोगों ने सड़क पर झाड़ू लगाना शुरू कर दिया. कुछ पटवारी घर से कोड़े लेकर आए थे. आंदोलन करने वाले पटवारियों ने अपने शरीर पर कोडे़ बरसाना शुरू कर दिया.
28 अगस्त से हड़ताल पर पटवारी : जबलपुर जिले के पटवारी संघ के अध्यक्ष जागेंद्र पिपरी का कहना है कि राज्य सरकार उनकी मांगें नहीं मान रही है. वे लोग 28 अगस्त से हड़ताल पर चल रहे हैं. पटवारी संघ समयमान वेतनमान की मांग कर रहा है. इन लोगों का कहना है कि अभी भी उन्हें 25 साल पुराना वेतन मान दिया जा रहा है, जो लगभग 2200 ग्रेड का है. पटवारियों की मांग है कि उन्हें 2800 ग्रेड का वेतनमान दिया जाए. इस वेतनमान के अनुसार इन्हें अभी 25 से ₹30 हजार की तनख्वाह मिलती है. पटवारियों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में इतने पैसे में गुजारा नहीं होता. इसलिए उनका वेतनमान बढ़ाया जाए.
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पदोन्नति की मांग : पटवारियों की मांग है कि वह अपनी नौकरी की शुरुआत जिस पद से करते हैं. पूरे जीवन इस पद पर बने रहते हैं और उन्हें पदोन्नति नहीं दी जाती, जबकि बाकी सभी विभागों में प्रमोशन होते हैं. खुद उनके राजस्व विभाग में तहसीलदार डिप्टी कलेक्टर के पद पर पहुंच कर रिटायर होता है लेकिन पटवारी को बीते कुछ सालों से प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है. पटवारी राजस्व की व्यवस्था में सबसे महत्वपूर्ण कर्मचारी है. खसरा जमीन की माप, जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, स्थाई निवासी प्रमाण पत्र जैसे तमाम प्रमाण पत्रों के लिए पटवारी की जरूरत राजस्व विभाग को पड़ती है.