जबलपुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कड़े तेवरों के बाद हरकत में आए कृषि विभाग ने आनन-फानन में छापेमारी कर हुए सैकड़ों टन उस यूरिया की खोज निकाला, जिसके गायब होने से सरकार से लेकर प्रशासनिक तंत्र में हड़कंप मचा हुआ था. एक दिन पहले ही सहकारी समितियों में जाने वाले सैकड़ों टन यूरिया के गायब होने की खबर से खलबली मच गई थी. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार की सुबह 7 बजे आपात बैठक बुलाकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जबलपुर के संभाग आयुक्त, आईजी, एसपी, कलेक्टर और कृषि विभाग के आला अधिकारियों को यूरिया गायब होने के मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री के सख्त तेवरों के बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आया और जिले के वेयरहाउसों की ताबड़तोड़ जांच की गई.
कुल 2666 मीट्रिक टन यूरिया जबलपुर आया: दरअसल, 25 अगस्त को ट्रेन के जरिए करीब 2666 मीट्रिक टन यूरिया जबलपुर आया था. नियमों के मुताबिक कुल यूरिया का 70 फ़ीसदी हिस्सा यानी करीब 1853 मीट्रिक टन यूरिया मंडला, डिंडोरी जिले के लिए रवाना किया जाना था लेकिन तय मात्रा के बदले 10 से 25 प्रतिशत यूरिया ही इन जिलों में पहुंचाया गया. बाकी यूरिया के गायब होने की आशंका के बीच इसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंची. सीएम की फटकार के बाद प्रशासनिक अमले ने कई वेयरहाउसों की जांच की. वहां से करीब 130 मीट्रिक टन यूरिया बरामद किया.
गायब हुआ और यूरिया कहां है : दरअसल, यह यूरिया निजी गोदामों में रखवाया गया था. पाटन रोड स्थित डीपीएमके फर्टिलाइजर्स और खजरी खिरिया के गायत्री वेयरहाउस में भी सैकड़ों टन यूरिया का भंडारण किया गया था. अधिकारियों के मुताबिक इसी तरह सिवनी , छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में भी गायब यूरिया के मिलने का अनुमान है. सरकार ने यूरिया के हैंडलर के तौर पर श्याम कृभको को अधिकृत किया था. मुख्यमंत्री की फटकार के बाद इस कंपनी पर अब एफआईआर की तलवार लटकी हुई है. MP Fertilizer distribution scam, CM angry Fertilizer missing, CM Shivraj emergency meeting, After action CM recovered, missing 890 metric tons urea, Recovered Jabalpur warehouse