जबलपुर। बिशप पीसी सिंह ने जबलपुर के नेपियर टाउन मे साल 2009 में 5700 स्क्वायर फीट जमीन जिसकी सरकारी कीमत करीब 2 करोड रुपए थी. उसे खुद ही बेचते हुए स्वयं महज 80 लाख रुपए में खरीद लिया. बिशप ने 4000 स्क्वायर फीट जमीन के ठीक बगल में स्थित 1700 स्क्वायर फीट जमीन जिसकी कीमत 1 करोड़ थी, उसे भी 40 लाख रुपए में खरीद ली. इसके अलावा पूछताछ में उसके 174 बैंक खाते के दस्तावेज मिले. जिसमे 128 बैंक खाते परिजन और रिश्तेदारों के नाम दर्ज हैं. फिलहाल ईओडब्लू को कोर्ट से बिशप पीसी सिंह से पूछताछ के लिए 4 दिन की रिमांड मिली है.
केवल 36 घंटे की पूछताछ में अहम खुलासे : बताया जा रहा है कि महज 36 घंटे की पूछताछ में ही पीसी सिंह से कई अहम खुलासे हुए हैं. जानकारी के मुताबिक पीसी सिंह के साथ उसके कई साथी और परिवार वाले भी हैं, जिन्होंने मिशनरी की जमीन बेचकर करोड़ों रुपए कमाए हैं. ईसाई धर्मगुरु के पास से EOW को जांच में 1 करोड़ 65 लाख रुपए नगद एवं 18 हजार डॉलर विदेशी मुद्रा सहित 90 लाख रुपये की लक्जरी कार सहित 9 कार, एवं दो किलो सोना मिला है. उसने विजय नगर मे काली कमाई से खुद का स्कूल भी बनाया है. साथ ही आफिस से संस्थाओं के दस्तावेजों के अतिरिक्त कुल 17 सम्पत्तियों के दस्तावेज, 48 बैंक खातों की जानकारी भी मिली है. इसके बाद बैंकों से डिटेल निकाली जा रही है.
ईडी ने ईओडब्लू से दस्तावेज मांगे : सूत्रों के अनुसार परिवर्तन निदेशालय ने बिशप पी.सी सिंह मामले में केस दर्ज करते हुए ईओडब्ल्यू से संबंधित दस्तावेज और एफआईआर भी तलब की है. बताया जा रहा है कि ईडी अब बिशप पीसी सिंह को मिलने वाले तमाम फंड की भी जांच करेगा. ईडी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि आखिर कितने देशों से पीसी सिंह को फंडिंग की गई है और उसका उपयोग कहां- कहां किया गया है. बता दें कि फर्जी दस्तावेजों से संस्था का चेयरमैन बनकर करोड़ों की रकम की हेराफेरी करने वाले ईसाई धर्म गुरु पीसी सिंह के घर पर EOW की टीम ने छापा मारा था. इस दौरान उप निरीक्षक विशाखा तिवारी द्वारा मामले में विवेचना के दौरान प्रकरण से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों एवं गबन की राशि से अर्जित संपत्तियों की जानकारी जुटाने के लिये न्यायालय से विधिवत सर्च वारंट प्राप्त किया गया.
कई राज्यों में आपराधिक केस दर्ज हैं : पीसी सिंह उर्फ प्रेमचंद सिंह के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में दिल्ली में तीन, यूपी में 42, राजस्थान में 24, झारखंड में तीन, मध्यप्रदेश में चार, छत्तीसगढ़ में तीन, महाराष्ट्र में 11, पंजाब में छह, पश्चिम बंगाल में एक, हरियाणा में एक सहित अन्य चार मिलाकर करीब 107 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, जिनमें ज्यादातर मामले अमानत में खयानत के हैं. इनमें छेड़छाड़, अवैध वसूली, फर्जी दस्तावेज बनाने सहित अन्य प्रकरण भी शामिल हैं. यह भी आरोप लगाए गए थे कि ईसाई धर्म गुरु पीसी सिंह ने अपने सहयोगी पीटर बलदेव से मिलीभगत कर मिर्जापुर में दस करोड़ रुपये कीमती जमीन को बेच दी थी.
बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला : बताया जाता है की ईसाई धर्म गुरु पीसी सिंह मूलत: बिहार के समस्तीपुर के ग्राम चंदसुररी का रहने वाला है. उसने वर्ष 1986 में जबलपुर सूबा में एक डायोकेसन कार्यकर्ता के रूप में काम शुरू किया. उसका विवाह नोरा सिंह से हुआ.उसके दो बच्चे पीयूष और प्रियंका हैं. पीसी सिंह को 8 अप्रैल 1988 को क्राइस्ट चर्च कैथेड्रल, जबलपुर में एक डीकन के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके बाद 10 अप्रैल 1990 को सेंट आगस्टीन चर्च बिलासपुर में एक प्रेस्बिटर के रूप में नियुक्त किया. वर्ष 1995-1999 तक चेस्ट चर्च आफ क्राइस्ट, सीएनआई जबलपुर का प्रेस्बिटर प्रभारी रहा. वर्ष 1999-2004 तक सेंट पॉल चर्च, घमापुर के प्रेस्बिटर प्रभारी रहा. 13 अप्रैल 2004 को जबलपुर के सूबा के चौथे बिशप के रूप में चुना गया था. 25 अप्रैल 2004 को क्राइस्ट चर्च कैथेड्रल सीएनआई, जबलपुर में बिशप बनाया गया था.
कई धाराओं में केस दर्ज : ईओडब्ल्यू एसपी देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जांच में शैक्षणिक संस्थाओं से वर्ष 2004-05 से वर्ष 2011-12 के बीच लगभग 2 करोड़ 70 लाख रुपये की राशि धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर स्वयं के उपयोग में लेकर गबन करने के आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाये गये. जाँच में आये साक्ष्यों के आधार पर आरोपी ईसाई धर्म गुरु पीसी सिंह, बीएस सोलंकी, तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म एण्ड संस्थाएं, जबलपुर के विरुद्ध धारा 406, 420, 468, 471, 120 बी का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है.
जानिए करोड़पति ईसाई धर्म गुरु के यहां क्या - क्या मिला :
● 1 करोड़ 65 लाख रुपए नकद ● करीब 18 हजार विदेशी मुद्रा● 32 इंपॉर्टेंट हाथ की घड़ी ● 2 किलो सोना, कीमत करीब 90 लाख रुपये● 9 लग्जरी कार,● 90 लाख की डिस्कवरी कार भी मिली ● विजय नगर में स्कूल के नाम से ली जमीन ● काली कमाई से खुद का स्कूल भी बनाया ● शिक्षकों की सैलरी से भी लेता था कटअप ● स्कूल के नाम पर मिली जमीन का कमर्शियल इस्तेमाल होता था● 17 सम्पत्तियों के दस्तावेज, ● 48 बैंक खातों की जानकारी ● 174 बैंक खाते की जानकारी पूछताछ में हुआ खुलासा जिसमे 128 परिजनों के नाम ● ट्रस्ट की 4 करोड़ रुपए की जमीन ओने पौने दामों में खरीदकर निर्माण