जबलपुर। जबलपुर, महू और रीवा में वेटरनरी कॉलेज के छात्र हड़ताल पर हैं. इन छात्रों की मांग है कि उन्हें मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट की तरह ₹25000 की मानदेय हर महीने दिया जाए. इन मांगों को लेकर जबलपुर के पशु चिकित्सा महाविद्यालय के सामने वेटरनरी के स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्रों ने हंगामा मचाया और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप है कि सरकार ने उनके साथ वादाखिलाफी की है. वे लगातार कई वर्षों से अपना स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन भी दिया था कि पशु चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले छात्रों का मानदेय बढ़ाया जाएगा.
25 हजार मानदेय की मांग : छात्रों का कहना है कि डेढ़ सौ रुपया दिन मतलब ₹4600 महीना दिया जाता है, जबकि हमारी मांग है कि उन्हें ₹25000 प्रति माह और महंगाई भत्ता दिया जाए, जिस तरीके से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को दिया जा रहा है. मध्य प्रदेश के अलावा गुजरात केरल, यहां तक कि छत्तीसगढ़ में भी वेटरनरी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को ₹10000 से ₹25000 प्रति माह तक मानदेय दिया जाता है. मध्यप्रदेश सरकार ऐसा नहीं कर रही है. इसलिए छात्र हड़ताल पर हैं. छात्रों की दूसरी महत्वपूर्ण मांग पशु चिकित्सालय में भर्ती को लेकर है.
Jabalpur News: वेटनरी मेडिकल छात्रों की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी, इलाज के लिए भटके पशु मालिक
पद बढ़ाने की मांग : मध्यप्रदेश में फिलहाल वेटनरी असिस्टेंट सर्जन के 1671 पद हैं. छात्रों की मांग है कि इन्हें 3481 किया जाए ताकि वेटरनरी कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को राज्य में ही नौकरी मिल सके. छात्रों का आरोप है की वेटरनरी कॉलेजों में लगातार सीट बढ़ाई जा रही हैं लेकिन सरकारी पशु चिकित्सालय में पद नहीं बढ़ाए जा रहे जबकि पदों को बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि जितना पशुधन राज्य में है उसके हिसाब से पशु चिकित्सालय में भर्तियां नहीं हो रही हैं. इसकी वजह से किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और महंगा इलाज लेना पड़ रहा है. वेटरनरी के छात्रों के सामने रोजगार का संकट हमेशा रहता है. क्योंकि सरकारी पशु चिकित्सालय में यदि नौकरी नहीं मिली तो फिर काम का संकट खड़ा हो जाता है.