जबलपुर। प्रदेश के निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों से इलाज की मनमानी फीस वसूलने पर हाईकोर्ट ने मरीजों के लिए राहत भरा आदेश दिया है. जबलपुर हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि प्राइवेट अस्पताल कोरोना महामारी के पहले से तय इलाज की दर से सिर्फ 40 फीसदी अधिक दाम ले सकते हैं. कोर्ट ने इस संबंध में प्रदेश सरकार को दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया है. जबलपुर हाईकोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि सभी निजी अस्पतालों को कोरोना मरीज के इलाज की रेट लिस्ट सार्वजनिक करनी होगी और राज्य सरकार को इसका प्रचार करना होगा.
मनमानी राशि वसूली पर लगेगी रोक
हाईकोर्ट ने साफ किया है कि अगर कोई भी निजी अस्पताल कोरोना मरीजों के इलाज के लिए तय दर से ज्यादा पैसा वसूल करता है तो उस पर कार्रवाई भी की जाएगी. प्रदेश भर के प्राइवेट हॉस्पिटल में कोविड के नाम पर मनमानी राशि वसूलने के मामले देखने को मिले हैं. ऐसे में हाईकोर्ट का ये आदेश राहत भरा माना जा रहा है.
हाईकोर्ट ने लिया था स्वतः संज्ञान
निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों से इलाज के नाम पर मनमाना पैसा वसूला जा रहा था. हाईकोर्ट ने ये आदेश उस स्वतः संज्ञान याचिका पर दिया है, जिसमें शाजापुर के एक निजी अस्पताल में बिल न चुका पाने पर एक बुजुर्ग मरीज को पलंग से बांधकर बंधक बना लिया गया था.
इस मामले में अमीकस क्यूरी यानि अदालत मित्र नियुक्त किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने कोरोना मरीजों से मनमानी वसूली का मुद्दा उठाया था. हाईकोर्ट ने इंदौर जिला प्रशासन द्वारा तय किए गए 40 फीसदी फॉर्मूले को उचित मानकर इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का आदेश दिया है.