जबलपुर। याचिकाकर्ता की ओर से तर्क दिया गया कि चीफ जस्टिस के उक्त आदेश का फायदा उठाते हुए कई अधिवक्ता बेंच हंटिंग का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने दलील दी कि जो अधिवक्ता अपना प्रकरण चीफ जस्टिस की कोर्ट में नहीं लगवाना चाहते, वे मामले में अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह का वकालतनामा पेश कर देते हैं. इस तरह उक्त आदेश को न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग का हथियार बना लिया गया है. ऐसा करना न्यायिक प्रशासन के लिए उचित नहीं है. Bench hunting order recalled
कोर्ट ने दलीलें उचित ठहराईं : इस मामले में सुनवाई के बाद न्यायालय ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में बेंच हंटिंग के संबंध में दी गई दलीलें उचित हैं. युगलपीठ ने कहा कि इस याचिका में भी जिन अधिवक्ताओं ने वकालतनामा पेश किये हैं, वे स्वयं बेंच हंटिंग में शामिल हैं. इसलिए पूर्व में लगाए गए प्रतिबंधात्मक आदेश को वापस लिया जाना उचित है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक शाह ने पक्ष रखा. Bench hunting order recalled
छिंदवाड़ा कलेक्टर को अवमानना नोटिस : हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने भूमि स्वामी अधिकार मामले में पूर्व आदेश का पालन होने के मामले को गंभीरता से लिया है. युगलपीठ ने उक्त आरोप पर छिंदवाड़ा कलेक्टर को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं. यह अवमानना का मामला छिंदवाड़ा अमरवाड़ा निवासी विनिया बाई डेहरिया की ओर से दायर किया गया है. जिसमें कहा गया कि 2017 में भूमि स्वामी अधिकार को लेकर याचिका दायर की गई थी. Bench hunting order recalled
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रिट अपील दायर : इस मामले का न्यायालय ने 2021 में पटाक्षेप कर दिया. आगे चलकर इसी मामले में रिट अपील दायर की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने पूर्व आदेश को निलंबित करते हुए कलेक्टर के समक्ष अपील के लिए स्वतंत्र कर दिया. साथ ही व्यवस्था दी कि अपील लंबित रहने के दौरान संबंधित भूमि पर यथास्थिति बनाये रखी जाये. कलेक्टर समय-सीमा के भीतर अपील का निराकरण करें. किंतु डेढ़ वर्ष बीतने के बावजूद कलेक्टर ने अपील निराकृत नहीं की, जोकि अवमानना की श्रेणी में आता है. Bench hunting order recalled