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हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा - सेवानिवृत्त अधिकारी को कैसे बना दिया चीफ इंजीनियर और वित्त सदस्य - एमपी हाई कोर्ट न्यूज

सेवानिवृत्ति के बाद भी एक अधिकारी को फिर से चीफ इंजीनियर के पद संविदा पर नियुक्त कर दिया गया. उन्हें सदस्य वित्त भी बना दिया. इस मामले में हाई कोर्ट ने जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी किया है. MP High Court news

MP High Court notice to Principal Secretary
सेवानिवृत्त अधिकारी को कैसे बना दिया चीफ इंजीनियर
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 10, 2024, 6:52 PM IST

जबलपुर। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में सेवानिवृत्त अधिकारी को सदस्य वित्त तथा चीफ इंजीनियर बनाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने नोटिस जारी की जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता समता समाधान पार्टी की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा जारी लिस्ट के अनुसार प्रमोद कुमार शर्मा को 31 दिसंबर 2022 को सेवानिवृत्त होना था.

संविदा के आधार किया नियुक्त : याचिका में बताया गया कि निर्धारित तिथि को सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के पद से प्रमोद कुमार शर्मा सेवानिवृत्त हुए थे. इसके बाद उन्हे 13 जनवरी 2023 को संविदा के आधार पर नियुक्त किया गया. उन्हें सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के पद पर संविदा नियुक्ति प्रदान की गयी थी. उसी दिन चीफ इंजीनियर का दायित्व प्रदान कर दिया. इसके बाद उन्हें सदस्य वित्त तथा इंजीनियर नियुक्ति कर दिया गया. इसके लिए विभागीय स्तर पर किसी प्रकार की डीपीसी नहीं की गयी.

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याचिका में ये भी कहा : याचिका में कहा गया कि संविदा नियुक्ति प्रदान किये जाने के खिलाफ उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. जिस पद से वह सेवानिवृत्त हुए थे, सेवानिवृत्त के बाद उन्हें उससे उच्च पद की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. उससे वरिष्ठ अधिकारी की अनदेखी कर उन्हें अवैधानिक तरीके से उक्त पद पर नियुक्ति किया है, जो इंजीनियर इन चीफ पद के समकक्ष है. याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव से इस संबंध में व्यक्तिगत हलफनामा पेश करने के निर्देश जारी करते हुए अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी किये हैं.

जबलपुर। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में सेवानिवृत्त अधिकारी को सदस्य वित्त तथा चीफ इंजीनियर बनाये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने नोटिस जारी की जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता समता समाधान पार्टी की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा जारी लिस्ट के अनुसार प्रमोद कुमार शर्मा को 31 दिसंबर 2022 को सेवानिवृत्त होना था.

संविदा के आधार किया नियुक्त : याचिका में बताया गया कि निर्धारित तिथि को सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के पद से प्रमोद कुमार शर्मा सेवानिवृत्त हुए थे. इसके बाद उन्हे 13 जनवरी 2023 को संविदा के आधार पर नियुक्त किया गया. उन्हें सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के पद पर संविदा नियुक्ति प्रदान की गयी थी. उसी दिन चीफ इंजीनियर का दायित्व प्रदान कर दिया. इसके बाद उन्हें सदस्य वित्त तथा इंजीनियर नियुक्ति कर दिया गया. इसके लिए विभागीय स्तर पर किसी प्रकार की डीपीसी नहीं की गयी.

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याचिका में ये भी कहा : याचिका में कहा गया कि संविदा नियुक्ति प्रदान किये जाने के खिलाफ उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. जिस पद से वह सेवानिवृत्त हुए थे, सेवानिवृत्त के बाद उन्हें उससे उच्च पद की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. उससे वरिष्ठ अधिकारी की अनदेखी कर उन्हें अवैधानिक तरीके से उक्त पद पर नियुक्ति किया है, जो इंजीनियर इन चीफ पद के समकक्ष है. याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव से इस संबंध में व्यक्तिगत हलफनामा पेश करने के निर्देश जारी करते हुए अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी किये हैं.

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