जबलपुर। हाई कोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि उक्त जुर्माने की राशि अनावेदक निजी तौर पर जमा करेंगे, विभागीय कोष से नहीं. क्योंकि विभागीय कोष में जमा धन आम जनता का है, जोकि टैक्स के रूप में जमा किया जाता है. दस दिनों में जवाब न दिये जाने की स्थिति में नरसिंहपुर कलेक्टर को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने के निर्देश भी न्यायालय ने दिये हैं.
मामला चार साल पुराना है : यह मामला वर्ष 2018 में नरसिंहपुर के गोटेगांव के विक्रमपुर निवासी छोटेलाल अहिरवार सहित 11 किसानों की ओर से दायर किया गया था. इसमें कहा गया था कि वर्ष 2015-16 में भारतीय स्टेट बैंक खमरिया गोटेगांव ने किसानों के खाते से फसल बीमा की राशि काटी थी, लेकिन राज्य शासन द्वारा प्राकृतिक आपदा घोषित होने के बावजूद फसल बर्बाद होने पर एसबीआई ने कुछ किसानों को फसल बीमा की राशि प्रदान की, लेकिन याचिकाकर्ता व अन्य किसानों को नष्ट हुई फसल बीमा की दावा राशि नहीं दी.
जवाब दाखिल क्यों नहीं किया : याचिका में कहा गया कि उनके खातों में फसल बीमा की प्रीमियम राशि बिना उनकी सहमति के विधि विरुद्ध तरीके से जमा कर दी गई. इसको लेकर कई अभ्यावेदन दिये गये, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई है. मामले में सुनवाई दौरान न्यायालय ने पाया कि मामले में कई अवसर देने के बावजूद भी अनावेदकों की ओर से जवाब नहीं दिया गया और पुन: जवाब के लिये समय की राहत चाही गई. इस पर न्यायालय ने 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाते हुए उक्त निर्देश दिये हैं. मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आशीष पोद्दार ने पक्ष रखा. MP Narsinghpur crop insurance, Collector and SBI manager fined, Crop insurance amount farmers, Not file reply