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MP High Court आपराधिक प्रकरण की जानकारी छिपाकर कैसे बने मुख्य कोच, नोटिस जारी - आपराधिक प्रकरण की जानकारी छिपाई

मध्यप्रदेश राज्य तीरंदाजी एकेडमी के मुख्य कोच रिचपाल सिंह सलारिया की नियुक्ति को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की जानकारी छिपाकर वह शासकीय नौकरी पर काबिज है, जोकि अवैधानिक है. हाईकोर्ट जस्टिस आनंद पाठक ने याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

Hiding information criminal case became chief coach
आपराधिक प्रकरण की जानकारी छिपाई तीरंदाजी एकेडमी के मुख्य कोच
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Published : Jan 12, 2023, 8:09 PM IST

जबलपुर। जबलपुर निवासी विनय जी.डेविड की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि मध्यप्रदेश राज्य तीरंदाजी अकादमी जबलपुर में तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया पर आपराधिक प्रकरण दर्ज है. प्रकरण की जानकारी छिपाकर रिचपाल शासकीय नौकरी पर काबिज हैं. खेल एवं युवा कल्याण अनुबंध सेवा भर्ती (नियोजन एवं सेवा की शर्ते ) नियम 2017 शासकीय नियमों के खिलाफ है. याचिका में कहा गया है कि आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी छिपाकर उन्होंने विभाग के साथ अनुबंध किया.

याचिका में तर्क दिया : याचिका में कहा गया है कि संविदा नियम के अनुसार खेल विभाग को नियुक्ति दिनांक से 15 दिवस के अंदर कोच रिचपाल सिंह सलारिया का चरित्र सत्यापन करवाना अनिवार्य था, जोकि नहीं किया गया. संविदा नियम में ऐसे अपराधिक प्रकरण वाले आरोपियों को नौकरी से बर्खास्त किए जाने का प्रावधान है. उनके खिलाफ लॉर्डगंज थाने में 12 जनवरी 2021 को धारा 294, 223, 506 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. इसके बाद रिछपाल सिंह सलारिया की गिरफ्तारी हुई एवं उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया. उक्त अपराधिक मामला न्यायालय में विचाराधीन है. याचिका में सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की गई है. एकलपीठ ने राज्य खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक, आर्चरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया, मप्र तीरंदाजी संघ के सचिव व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने पैरवी की.

MP High Court पोस्टमॉर्टम व फॉरेसिंक रिपोर्ट की टाइप व डिजिटल कॉपी मामले में सरकार ने अपना पक्ष रखा

... तो एनजीओ पर होगी कार्रवाई : बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर कुछ गैर सरकारी संगठन चंदा इकट्ठा करने के लिए सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, रेडियो आदि के माध्यम से विज्ञापन जारी कर रहे हैं. इस आशय की शिकायत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को प्राप्त हुई है. आयोग ने जिला प्रशासन को इस प्रकार के एनजीओ के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल ने बताया कि गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा अनेकों योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं. जिनके माध्यम से इन बच्चों को स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन- पोषण जैसी सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है.

जबलपुर। जबलपुर निवासी विनय जी.डेविड की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि मध्यप्रदेश राज्य तीरंदाजी अकादमी जबलपुर में तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया पर आपराधिक प्रकरण दर्ज है. प्रकरण की जानकारी छिपाकर रिचपाल शासकीय नौकरी पर काबिज हैं. खेल एवं युवा कल्याण अनुबंध सेवा भर्ती (नियोजन एवं सेवा की शर्ते ) नियम 2017 शासकीय नियमों के खिलाफ है. याचिका में कहा गया है कि आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी छिपाकर उन्होंने विभाग के साथ अनुबंध किया.

याचिका में तर्क दिया : याचिका में कहा गया है कि संविदा नियम के अनुसार खेल विभाग को नियुक्ति दिनांक से 15 दिवस के अंदर कोच रिचपाल सिंह सलारिया का चरित्र सत्यापन करवाना अनिवार्य था, जोकि नहीं किया गया. संविदा नियम में ऐसे अपराधिक प्रकरण वाले आरोपियों को नौकरी से बर्खास्त किए जाने का प्रावधान है. उनके खिलाफ लॉर्डगंज थाने में 12 जनवरी 2021 को धारा 294, 223, 506 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. इसके बाद रिछपाल सिंह सलारिया की गिरफ्तारी हुई एवं उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया. उक्त अपराधिक मामला न्यायालय में विचाराधीन है. याचिका में सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की गई है. एकलपीठ ने राज्य खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक, आर्चरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया, मप्र तीरंदाजी संघ के सचिव व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने पैरवी की.

MP High Court पोस्टमॉर्टम व फॉरेसिंक रिपोर्ट की टाइप व डिजिटल कॉपी मामले में सरकार ने अपना पक्ष रखा

... तो एनजीओ पर होगी कार्रवाई : बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर कुछ गैर सरकारी संगठन चंदा इकट्ठा करने के लिए सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, रेडियो आदि के माध्यम से विज्ञापन जारी कर रहे हैं. इस आशय की शिकायत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को प्राप्त हुई है. आयोग ने जिला प्रशासन को इस प्रकार के एनजीओ के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल ने बताया कि गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा अनेकों योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं. जिनके माध्यम से इन बच्चों को स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन- पोषण जैसी सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है.

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