जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आदिपुरुष फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग को अस्वीकार कर दिया है. चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने याचिका को इस टिप्पणी के साथ निरस्त कर दिया कि किसी फिल्म का समर्थन या विरोध करना जनता का अधिकार है. इसी तरह किसी फिल्म को टैक्स फ्री करना या न करना भी सरकार के क्षेत्राधिकार का विषय है, जिसमें हाईकोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता. बता दें कि कुछ संगठनों ने इस फिल्म का जोरदार तरीके से विरोध किया था.
लंकेश लिखी टोपी पहने पहुंचे : याचिकाकर्ता सागर निवासी सुबोध शुक्ला की ओर से यह मामला दायर किया गया था. इस पर हाईकोर्ट में बुधवार को सनवाई हुई. याचिकाकर्ता बाकायदा जय लंकेश लिखी टोपी पहनकर स्वयं पैरवी करने पहुंचा. याचिका में कहा गया है कि आदिपुरुष फिल्म को लेकर पैदा हुआ विवाद बेमानी है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह फिल्म भगवान श्रीराम के चरित्र पर नहीं बल्कि लंकाधिपति रावण पर आधारित है. दरअसल, सनातन धर्म में देवाधिदेव महादेव को आदिदेव माना गया है.
याचिका में ये भी दलील : याचिका में ये भी कहा गया था कि रावण का संबंध भारत के 12 करोड़ से अधिक आदिवासी यानि द्राविण समुदाय से है. इस द्राविण समुदाय का आर्य समुदाय से संघर्ष रहा है. आदिपुरुष फिल्म के निर्माता-निर्देशक ने रामायण व श्रीराम चरितमानस से हटकर सर्वथा मौलिक प्रयोग के जरिए फिल्म बनाई है. इसे ठीक से समझे बिना विरोध शुरू कर दिया गया है, जोकि अनुचित है. मामले में उक्त फिल्म को टैक्स फ्री किये जाने की राहत चाही गई थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया.