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MP High Court: श्रीजी कंस्ट्रक्शन के MD व NHAI के DRM सहित चार लोगों की जमानत याचिका खारिज, CBI ने रखा पक्ष

मध्यप्रदेश हाईकर्ट ने श्रीजी कंस्ट्रक्शन के एमडी ज्ञानेद्र सिंह, एनएचएआई के डीआरएम सहित चार लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कटनी में सड़क व रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण को क्लीयरेंस देने के एवज में 50 हजार की रिश्वत लेने के आरोप में इनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया था. सीबीआई ने जमानत देने का विरोध किया.

MP High Court
श्रीजी कंस्ट्रक्शन के MD व NHAI के DRM जमानत याचिका खारिज
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 26, 2023, 6:49 PM IST

जबलपुर। कटनी में सड़क व रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण को लेकर रिश्वत के मामले में मुख्य आरोपी ज्ञानेंद्र सिंह ने अग्रिम जमानच के साथ ही एनएचएआई के डीआरएम और प्रोजेक्ट अधिकारी राम राम दाढें सहित श्रीजी कंस्ट्रक्शन के दो कर्मचारियों ने जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी. आरोपी ज्ञानेंद्र सिंह ने अग्रिम जमानत याचिका में उम्र तथा बीमारियों का उल्लेख किया था. यह भी तर्क दिया गया था कि वह कंपनी के एमडी नहीं हैं. सीबीआई ने जमानत याचिका का विरोध किया.

50 हजार की रिश्वत लेने का आरोप : सीबीआई की तरफ से एकलपीठ को बताया गया कि कटनी बायपास फोरलेन रोड तथा रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण का ठेका कंपनी को मिला था. एनएचएआई व रेलवे अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर गुणवत्ता से समझौता करते हुए लेन-देन की शिकायतें सामने आईं थीं. जिसके बाद श्रीजी कंस्ट्रक्शन के जबलपुर, कटनी व भोपाल के कार्यालयों में छापे मारे गये थे. 50 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई ने 26 जुलाई को डब्ल्यूसीआर के डिप्टी चीफ मैनेजर, एनएचएआई के डीआरएम,कंपनी के दो कर्मचारियों तथा एक रेलवे कर्मचारी को गिरफ्तार किया था.

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सीबीआई ने किया जमानत का विरोध : कोर्ट को बताया गया कि श्रीजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के एमडी ज्ञानेंद्र सिंह फरार है. सीबीआई ने उन्हें उपस्थित होने के लिए नोटिस भेजा था. वह रिश्वत देने वाले कर्मचारियों तथा रिश्वत लेने वाले अधिकारियों से संपर्क था. प्रकरण में उनसे पूछताछ करना आवश्यक है. प्रकरण की जांच जारी है. इसलिए अन्य आरोपियों को जमानत का लाभ नहीं प्रदान किया जाए. जमानत का लाभ मिलने पर वह साक्ष्य प्रभावित कर सकते हैं. एकलपीठ ने सभी याचिकाओं पर सुनवाई के बाद 21 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सीबीआई की तरफ से अधिवक्ता पंकज दुबे ने पैरवी की.

जबलपुर। कटनी में सड़क व रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण को लेकर रिश्वत के मामले में मुख्य आरोपी ज्ञानेंद्र सिंह ने अग्रिम जमानच के साथ ही एनएचएआई के डीआरएम और प्रोजेक्ट अधिकारी राम राम दाढें सहित श्रीजी कंस्ट्रक्शन के दो कर्मचारियों ने जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी. आरोपी ज्ञानेंद्र सिंह ने अग्रिम जमानत याचिका में उम्र तथा बीमारियों का उल्लेख किया था. यह भी तर्क दिया गया था कि वह कंपनी के एमडी नहीं हैं. सीबीआई ने जमानत याचिका का विरोध किया.

50 हजार की रिश्वत लेने का आरोप : सीबीआई की तरफ से एकलपीठ को बताया गया कि कटनी बायपास फोरलेन रोड तथा रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण का ठेका कंपनी को मिला था. एनएचएआई व रेलवे अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर गुणवत्ता से समझौता करते हुए लेन-देन की शिकायतें सामने आईं थीं. जिसके बाद श्रीजी कंस्ट्रक्शन के जबलपुर, कटनी व भोपाल के कार्यालयों में छापे मारे गये थे. 50 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई ने 26 जुलाई को डब्ल्यूसीआर के डिप्टी चीफ मैनेजर, एनएचएआई के डीआरएम,कंपनी के दो कर्मचारियों तथा एक रेलवे कर्मचारी को गिरफ्तार किया था.

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सीबीआई ने किया जमानत का विरोध : कोर्ट को बताया गया कि श्रीजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के एमडी ज्ञानेंद्र सिंह फरार है. सीबीआई ने उन्हें उपस्थित होने के लिए नोटिस भेजा था. वह रिश्वत देने वाले कर्मचारियों तथा रिश्वत लेने वाले अधिकारियों से संपर्क था. प्रकरण में उनसे पूछताछ करना आवश्यक है. प्रकरण की जांच जारी है. इसलिए अन्य आरोपियों को जमानत का लाभ नहीं प्रदान किया जाए. जमानत का लाभ मिलने पर वह साक्ष्य प्रभावित कर सकते हैं. एकलपीठ ने सभी याचिकाओं पर सुनवाई के बाद 21 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सीबीआई की तरफ से अधिवक्ता पंकज दुबे ने पैरवी की.

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