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आत्महत्या के मामले में देश में चौथे स्थान पर MP, नागरिक उपभोक्ता मंच ने सीएम शिवराज से की ये मांग - जबलपुर में आत्महत्या

मध्यप्रदेश की संस्कराधानी जबलपुर आत्महत्या के मामले में प्रदेश में तीसरे नंबर पर है. लगातार बढ़ रहे आत्महत्या के मामलों को लेकर नागरिक उपभोक्ता मंच ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को एक पत्र लिखा है, जिसमें आत्महत्या की घटना को देखते हुए उच्च स्तरीय समिति गठन किए जाने की मांग की गई है. पढ़िए पूरी खबर...

NCRB
एनसीआरबी
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Published : Sep 3, 2020, 7:00 PM IST

Updated : Sep 3, 2020, 7:10 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आत्महत्या के मामलों में एमपी का देश में चौथा स्थान है, जबकि मध्यप्रदेश की संस्कराधानी कहा जाने वाला जबलपुर आत्महत्या के मामले में मध्यप्रदेश में तीसरे नंबर पर है. प्रदेश में लगातर बढ़ती आत्महत्या की घटना को लेकर नागरिक उपभोक्ता मंच ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को एक पत्र लिखा है, जिसमें आत्महत्या की घटना को देखते हुए उच्च स्तरीय समिति का गठन किए जाने की मांग की गई है. समिति में विशेषज्ञों को शमिल करने की बात भी कही गई है.

आत्महत्या के मामले में एमपी का चौथा स्थान
नागरिक उपभोक्ता मंच के मुताबिक पूरे देश मे साल 2019 में 1 लाख 39 हजार 123 लोगों ने आत्महत्या की है. आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश इस मामले में चौथे स्थान पर है. सरकारी योजनाओं का अंतिम व्यक्ति तक न पहुंचना और प्रदेश में जीवन स्तर पिछड़ापन आत्महत्या का एक प्रमुख कारण बन गया है. मध्यप्रदेश में साल 2019 में 12,457 लोगों ने आत्महत्या की है, जिसमें 8,107 पुरुष, जबकि महिलाओं की संख्या 4,348 है.

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में आत्महत्या करने वाले 12,457 लोग हैं, जिसमें औसतन प्रतिदिन 34 से 35 लोगों ने आत्मघाती कदम उठाया है. बीते 2018 की तुलना में 2019 में आत्महत्या के मामले में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. आत्महत्या को लेकर मध्यप्रदेश से ज्यादा मामले महाराष्ट्र में 18196, तमिलनाडु में 13493 एवं पश्चिम बंगाल में 12663 दर्ज किए गए हैं.

जबलपुर। मध्यप्रदेश में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. आत्महत्या के मामलों में एमपी का देश में चौथा स्थान है, जबकि मध्यप्रदेश की संस्कराधानी कहा जाने वाला जबलपुर आत्महत्या के मामले में मध्यप्रदेश में तीसरे नंबर पर है. प्रदेश में लगातर बढ़ती आत्महत्या की घटना को लेकर नागरिक उपभोक्ता मंच ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को एक पत्र लिखा है, जिसमें आत्महत्या की घटना को देखते हुए उच्च स्तरीय समिति का गठन किए जाने की मांग की गई है. समिति में विशेषज्ञों को शमिल करने की बात भी कही गई है.

आत्महत्या के मामले में एमपी का चौथा स्थान
नागरिक उपभोक्ता मंच के मुताबिक पूरे देश मे साल 2019 में 1 लाख 39 हजार 123 लोगों ने आत्महत्या की है. आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश इस मामले में चौथे स्थान पर है. सरकारी योजनाओं का अंतिम व्यक्ति तक न पहुंचना और प्रदेश में जीवन स्तर पिछड़ापन आत्महत्या का एक प्रमुख कारण बन गया है. मध्यप्रदेश में साल 2019 में 12,457 लोगों ने आत्महत्या की है, जिसमें 8,107 पुरुष, जबकि महिलाओं की संख्या 4,348 है.

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश में आत्महत्या करने वाले 12,457 लोग हैं, जिसमें औसतन प्रतिदिन 34 से 35 लोगों ने आत्मघाती कदम उठाया है. बीते 2018 की तुलना में 2019 में आत्महत्या के मामले में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. आत्महत्या को लेकर मध्यप्रदेश से ज्यादा मामले महाराष्ट्र में 18196, तमिलनाडु में 13493 एवं पश्चिम बंगाल में 12663 दर्ज किए गए हैं.

Last Updated : Sep 3, 2020, 7:10 PM IST
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