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MP का पहला हाई-टेक ड्राइविंग स्कूल, क्लास के साथ हॉस्टल भी उपलब्ध

मध्य प्रदेश के पहले ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का काम जल्द ही रफ्तार पकड़ने वाला है. जबलपुर में सर्वसुविधायुक्त सरकारी ड्राइविंग स्कूल बनाया जा रहा है.

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Published : Feb 11, 2021, 4:38 PM IST

Updated : Feb 11, 2021, 5:16 PM IST

jabalpur RTO
जबलपुर RTO

जबलपुर। शहर में मध्य प्रदेश का एकलौता सर्वसुविधा युक्त सरकारी ड्राइविंग स्कूल खोलने की कवायद तेज हो गई है. एक ओर सड़क दुर्घटनाओं में हर साल हजारों लोगों की जान जा रही है. जिसका सबसे बड़ा कारण है अनुभवी वाहन चालकों की कमी. आमतौर पर लोग अपने परिचित या परिजन के मार्गदर्शन में वाहन चलाना सीखते हैं, लेकिन वाहन चलाने की तकनीक और बारीकियों के बारे में उन्हें मालूम नहीं होता है. वाहनों की क्षमता और तमाम तकनीक से भी वे वाकिफ नहीं होते, जिसका नतीजा सड़क हादसों के रूप में देखने को मिलता है.

MP का पहला हाई-टेक ड्राइविंग स्कूल

कम समय में ज्यादा कमाई

यूं तो शहर में कई निजी संस्थाएं लोगों को वाहन चलाने की तकनीक सिखाती हैं, लेकिन वे भी कम समय में ज्यादा कमाई के चक्कर में गियर, स्टेयरिंग, ब्रेक और क्लिच के उपयोग तक ही प्रशिक्षण देकर वाहन चलाने में माहिर घोषित कर देते हैं. जबकि वाहन चलाने के लिए मानसिक और शारीरिक संतुलन के अलावा जानकारी सबसे अहम होती है.

ये भी पढ़ेंः एमपी में जल्द कमर्शियल वाहन चलाती नजर आएंगी महिलाएं

MP का पहला ड्राइविंग स्कूल

जबलपुर में प्रदेश का सबसे हाईटेक, विशाल और सर्वसुविधायुक्त ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाया जा रहा है, जिसके लिए कलेक्टर ने परिवहन विभाग को जमीन आवंटित कर दी है. RTO ने बरगी विधानसभा के घाट पिपरिया गांव से जुड़ी करीब 8 एकड़ शासकीय भूमि पर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाने की योजना तैयार की है.

परिवहन मंत्रालय को भेजा प्रस्ताव

RTO संतोष पॉल ने बताया कि वे करीब एक साल से इस योजना पर काम कर रहे हैं. उन्होंने जगह का चयन कर प्रस्ताव तैयार किया है. ये प्रस्ताव सरकार और परिवहन मंत्रालय को भेज दिया गया है. परिवहन मंत्रालय से जैसे ही प्रस्ताव पास होगा तुरंत ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का काम शुरू हो जाएगा. इस इंस्टीट्यूट में ड्राइविंग ट्रैक, ड्राइविंग क्लासेस और हॉस्टल की सुविधा ट्रेनिंग करने वालों को मिलेगी. जहां लोगों को हर तरह के वाहन चलाने का कुशल प्रशिक्षण दिया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः क्या इन स्कूलों के जरिये ड्राइविंग सीखना सेफ?

RTO संतोष पॉल ने बताया कि जितने दिन का ड्राइविंग कोर्स होगा उतने दिनों तक अगर प्रशिक्षण लेने वाला हॉस्टल सुविधा का उपयोग करना चाहता है, तो उसे यह सुविधा परिवहन विभाग के नियम और शर्तों को पूरा करने पर दी जाएगी. ड्राइविंग सीखने और हॉस्टल की सुविधा प्राप्त करने के लिए ट्रेनी को कुल कितनी फीस चुकाना होगा अब तक यह तय नहीं हो पाया है. फिलहाल, माना जा रहा है कि ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाने के काम की शुरूआत मार्च महीने के बाद हो जाएगी.

जबलपुर। शहर में मध्य प्रदेश का एकलौता सर्वसुविधा युक्त सरकारी ड्राइविंग स्कूल खोलने की कवायद तेज हो गई है. एक ओर सड़क दुर्घटनाओं में हर साल हजारों लोगों की जान जा रही है. जिसका सबसे बड़ा कारण है अनुभवी वाहन चालकों की कमी. आमतौर पर लोग अपने परिचित या परिजन के मार्गदर्शन में वाहन चलाना सीखते हैं, लेकिन वाहन चलाने की तकनीक और बारीकियों के बारे में उन्हें मालूम नहीं होता है. वाहनों की क्षमता और तमाम तकनीक से भी वे वाकिफ नहीं होते, जिसका नतीजा सड़क हादसों के रूप में देखने को मिलता है.

MP का पहला हाई-टेक ड्राइविंग स्कूल

कम समय में ज्यादा कमाई

यूं तो शहर में कई निजी संस्थाएं लोगों को वाहन चलाने की तकनीक सिखाती हैं, लेकिन वे भी कम समय में ज्यादा कमाई के चक्कर में गियर, स्टेयरिंग, ब्रेक और क्लिच के उपयोग तक ही प्रशिक्षण देकर वाहन चलाने में माहिर घोषित कर देते हैं. जबकि वाहन चलाने के लिए मानसिक और शारीरिक संतुलन के अलावा जानकारी सबसे अहम होती है.

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MP का पहला ड्राइविंग स्कूल

जबलपुर में प्रदेश का सबसे हाईटेक, विशाल और सर्वसुविधायुक्त ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाया जा रहा है, जिसके लिए कलेक्टर ने परिवहन विभाग को जमीन आवंटित कर दी है. RTO ने बरगी विधानसभा के घाट पिपरिया गांव से जुड़ी करीब 8 एकड़ शासकीय भूमि पर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाने की योजना तैयार की है.

परिवहन मंत्रालय को भेजा प्रस्ताव

RTO संतोष पॉल ने बताया कि वे करीब एक साल से इस योजना पर काम कर रहे हैं. उन्होंने जगह का चयन कर प्रस्ताव तैयार किया है. ये प्रस्ताव सरकार और परिवहन मंत्रालय को भेज दिया गया है. परिवहन मंत्रालय से जैसे ही प्रस्ताव पास होगा तुरंत ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का काम शुरू हो जाएगा. इस इंस्टीट्यूट में ड्राइविंग ट्रैक, ड्राइविंग क्लासेस और हॉस्टल की सुविधा ट्रेनिंग करने वालों को मिलेगी. जहां लोगों को हर तरह के वाहन चलाने का कुशल प्रशिक्षण दिया जाएगा.

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RTO संतोष पॉल ने बताया कि जितने दिन का ड्राइविंग कोर्स होगा उतने दिनों तक अगर प्रशिक्षण लेने वाला हॉस्टल सुविधा का उपयोग करना चाहता है, तो उसे यह सुविधा परिवहन विभाग के नियम और शर्तों को पूरा करने पर दी जाएगी. ड्राइविंग सीखने और हॉस्टल की सुविधा प्राप्त करने के लिए ट्रेनी को कुल कितनी फीस चुकाना होगा अब तक यह तय नहीं हो पाया है. फिलहाल, माना जा रहा है कि ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनाने के काम की शुरूआत मार्च महीने के बाद हो जाएगी.

Last Updated : Feb 11, 2021, 5:16 PM IST
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