MP Ggovernment MSP Plan: मध्य प्रदेश के किसानों को धान पर मिलने वाले बोनस के लिए अभी कम से कम बजट तक इंतजार करना होगा, क्योंकि राज्य सरकार के खजाने में इतना पैसा नहीं है कि वह फिलहाल धान पर किसानों को बोनस दे सके, लेकिन ₹3100 प्रति क्विंटल की धान खरीदने की बात भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव के पहले कही थी. मोदी गारंटी के चलते किसानों को इस बात की उम्मीद है कि राज्य सरकार उन्हें ₹3100 के पैसे जरूर देगी.
8 लाख किसानों को बोनस का इंतजार: साल 2022 और 23 में मध्य प्रदेश में लगभग 46 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी की गई थी. इस साल भी मध्य प्रदेश में इसी लक्ष्य के साथ धान की खरीदी की जा रही है. इस साल लगभग 8 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है.
₹3100 क्विंटल खरीदने का वादा: भारतीय जनता पार्टी ने अपनी घोषणा पत्र में कहा था कि धान पर समर्थन मूल्य के अलावा ₹900 प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस दिया जाएगा, लेकिन अब जबकि धान खरीदी शुरू हो गई है. किसानों ने धान बेचना भी शुरू कर दिया है, लेकिन किसानों को फिलहाल मात्र 2183 रुपए ही समर्थन मूल्य के हिसाब से मोटे धान का भुगतान किया जा रहा है. किसानों को उम्मीद थी कि इसी के साथ उन्हें ₹900 प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस भी मिल जाएगा, लेकिन फिलहाल बोनस नहीं मिला है. जबलपुर के शाहपुरा इलाके के रहने वाले किसान धर्मचंद पटेल बताते हैं कि उन्होंने बीते दिनों अपनी धान बेची, उन्हें भुगतान तो मिला लेकिन वह समर्थन मूल्य का ही था. उसमें बोनस जुड़कर नहीं आया.
राज्य सरकार ने नहीं किया फिलहाल कोई फैसला: खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के संचालक दीपक सक्सेना को जबलपुर कलेक्टर बनाया गया है. कलेक्ट्रेट में उन्होंने पदभार ग्रहण करने के दौरान बताया कि फिलहाल धान खरीदी पर मिलने वाले बोनस को लेकर सरकार ने कोई आदेश जारी नहीं किया है. इसलिए अभी केवल समर्थन मूल्य पर ही किसानों की धान खरीदी जा रही है.
लगभग 400 करोड़ का अतिरिक्त खर्चा: हालांकि पड़ोस के ही राज्य छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने धान खरीदी के साथ ही किसानों को बोनस का भुगतान भी शुरू कर दिया है. मध्य प्रदेश में वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए हो सकता है कि किसानों को बोनस के लिए बजट के बाद तक इंतजार करना पड़े, क्योंकि लगभग 46 लाख टन धान खरीदने के बाद यदि ₹900 प्रति क्विंटल के हिसाब से सरकार किसानों को बोनस देगी, तो राज्य सरकार के खजाने पर लगभग 400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
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मध्य प्रदेश सरकार हर महीने बाजार से कर्ज उठा रही है, ऐसी स्थिति में अपना चुनावी वादा डॉक्टर मोहन यादव सरकार कैसे पूरा करेगी. यह है बता पाना बड़ा कठिन है. चुनावी घोषणा पत्र मोदी गारंटी के तहत जारी किया गया था. इसलिए जनता को इस बात पर भरोसा है कि सरकार हर हाल में चुनाव के दौरान किए गए वादे पूरे करेगी. ऐसी स्थिति में यदि केंद्र सरकार मदद करती है, तो ही यह वादा पूरा किया जा सकता है.