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MP में लगातार बेमौसम बारिश से बिजली कंपनियां उत्साहित, जानिए..इस खुशी का कारण

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Published : May 4, 2023, 1:25 PM IST

मध्यप्रदेश में भीषण गर्मी के मौसम में हो रही बारिश व ओलावृष्टि से भले ही सब्जी व फसलों को नुकसान हुआ हो. लेकिन मौसम की इस बदली चाल ने ऊर्जा विभाग के साथ ही बिजली कंपनियों को खुश कर दिया है. हर साल की तरह इस बार बिजली की डिमांड कम है. इसका लाभ यह होगा कि अब बिजली कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा. बिजली कंपनियों के पास पर्याप्त बिजली उपलब्ध रहेगी.

Electricity Demand decreased in MP
MP लगातार हो रही बेमौसम बारिश से बिजली कंपनियां उत्साहित
MP लगातार हो रही बेमौसम बारिश से बिजली कंपनियां उत्साहित

जबलपुर। बदले हुए मौसम की वजह से सबसे ज्यादा खुशी मध्य प्रदेश के ऊर्जा विभाग को है, क्योंकि पिछले साल मई माह में बिजली की मांग 11700 मेगामाट थी, जो इस साल घटकर मात्र 6900 मेगावाट रह गई है. बता दें कि गर्मी की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी बिजली विभाग को उठानी पड़ती है. क्योंकि कूलर और एसी चलने की वजह से बिजली की मांग बढ़ जाती है. इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में सिंचाई की वजह से मांग बढ़ जाती है. लेकिन इस साल मौसम की बदली चाल के कारण बिजली डिमांड हर साल की अपेक्षा काफी कम है.

शहरों के साथ ही गांवों में डिमांड घटी : बारिश के कारण शहरी क्षेत्र में भी बिजली की मांग घट गई है और ग्रामीण इलाकों में भी सिंचाई बंद हो गई है. इसलिए खेतों के लिए मिलने वाली बिजली की भी कम जरूरत पड़ रही है. बिजली की खपत घटने से ऊर्जा विभाग को इसलिए फायदा होता है, क्योंकि किसानों को बड़े पैमाने पर बिजली रियायती दरों पर दी जाती है और यदि यहां मांग कम होती है तो इसका सीधा फायदा विद्युत वितरण कंपनियों को मिलता है. ऊर्जा विभाग के अधिकारी एमएस पटेल ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल फिलहाल बिजली की मांग में भारी कमी आई है.

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नहीं करनी पड़ेगी बिजली कटौती : बिजली की डिमांड कम होने से मध्य प्रदेश के पास पर्याप्त कोटा उपलब्ध है, जिससे आगे इसका इस्तेमाल किया जाएगा. गर्मी के मौसम में बिजली की कमी के चलते कई बार कटौती की जाती थी, लेकिन इस साल नहीं होगी. मध्य प्रदेश ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे का कहना है कि पिछले 1 साल से मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी लगातार फायदे में जा रही है. इस साल उन्होंने अपने सिस्टम को सुधार कर लगभग 12000 करोड़ की बचत की है और अब मौसम की मेहरबानी से फिर बड़ी बचत हो गई है. इस बचत का इस्तेमाल विद्युत वितरण के सुधार में किया जाएगा और लोगों को पूरे लोड वाली गुणवत्ता युक्त बिजली देने की कोशिश की जाएगी.

MP लगातार हो रही बेमौसम बारिश से बिजली कंपनियां उत्साहित

जबलपुर। बदले हुए मौसम की वजह से सबसे ज्यादा खुशी मध्य प्रदेश के ऊर्जा विभाग को है, क्योंकि पिछले साल मई माह में बिजली की मांग 11700 मेगामाट थी, जो इस साल घटकर मात्र 6900 मेगावाट रह गई है. बता दें कि गर्मी की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी बिजली विभाग को उठानी पड़ती है. क्योंकि कूलर और एसी चलने की वजह से बिजली की मांग बढ़ जाती है. इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में सिंचाई की वजह से मांग बढ़ जाती है. लेकिन इस साल मौसम की बदली चाल के कारण बिजली डिमांड हर साल की अपेक्षा काफी कम है.

शहरों के साथ ही गांवों में डिमांड घटी : बारिश के कारण शहरी क्षेत्र में भी बिजली की मांग घट गई है और ग्रामीण इलाकों में भी सिंचाई बंद हो गई है. इसलिए खेतों के लिए मिलने वाली बिजली की भी कम जरूरत पड़ रही है. बिजली की खपत घटने से ऊर्जा विभाग को इसलिए फायदा होता है, क्योंकि किसानों को बड़े पैमाने पर बिजली रियायती दरों पर दी जाती है और यदि यहां मांग कम होती है तो इसका सीधा फायदा विद्युत वितरण कंपनियों को मिलता है. ऊर्जा विभाग के अधिकारी एमएस पटेल ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल फिलहाल बिजली की मांग में भारी कमी आई है.

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नहीं करनी पड़ेगी बिजली कटौती : बिजली की डिमांड कम होने से मध्य प्रदेश के पास पर्याप्त कोटा उपलब्ध है, जिससे आगे इसका इस्तेमाल किया जाएगा. गर्मी के मौसम में बिजली की कमी के चलते कई बार कटौती की जाती थी, लेकिन इस साल नहीं होगी. मध्य प्रदेश ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे का कहना है कि पिछले 1 साल से मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी लगातार फायदे में जा रही है. इस साल उन्होंने अपने सिस्टम को सुधार कर लगभग 12000 करोड़ की बचत की है और अब मौसम की मेहरबानी से फिर बड़ी बचत हो गई है. इस बचत का इस्तेमाल विद्युत वितरण के सुधार में किया जाएगा और लोगों को पूरे लोड वाली गुणवत्ता युक्त बिजली देने की कोशिश की जाएगी.

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