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MP Election 2023: विधानसभा चुनाव के 'युद्ध' में उतरेंगे पूर्व सैनिक, कैंट इलाकों पर किया फोकस, उम्मीदार उतारने का फैसला - बीजेपी पर गंभीर आरोप

मध्य प्रदेश इस समय विधानसभा चुनाव 2023 की दहलीज पर खड़ा है. चुनाव में राजनीतिक दलों के प्रत्याशी तो मैदान में उतरेंगे ही. लेकिन इस बार जिन इलाकों में पूर्व सैनिकों की तादाद या उनके परिवारों की तादाद ज्यादा है, वहां सेना के रिटायर्ड जवान भी चुनाव मैदान में उतर रहे हैं. MP Election 2023

MP Election 2023
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उतरेंगे पूर्व सैनिक
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 14, 2023, 2:19 PM IST

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उतरेंगे पूर्व सैनिक

जबलपुर। पूर्व सैनिकों का आरोप है कि पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उनके साथ धोखा किया. जबलपुर के पूर्व सैनिकों ने 'सरहद से समाज की ओर' नाम से एक संगठन बनाया था. इस संगठन के अध्यक्ष नितेश पांडे का कहना है कि वे भारतीय सेना में काम कर रहे थे. लेकिन इसी दौरान दुश्मनों से मुठभेड़ में उन्हें गोलियां लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गए. इस घटना के बाद जब भी ठीक हुए तो सेना ने उन्हें मेडिकल इतना फिट नहीं पाया कि वह आगे सेना के लिए काम कर सकें. इसलिए उन्हें रिटायरमेंट दे दिया गया. अब वह जबलपुर में रहते हैं

समाज में सेना को तवज्जो क्यों नहीं : नितेश पांडे और उनके कई साथी लंबे समय से अनुभव कर रहे थे कि वह जब सेना में जाते हैं तो उनके अंदर देशप्रेम की भावना इतनी अधिक होती है कि देश के लिए जान की बाजी लगा देते हैं लेकिन जब यही सैनिक समाज में आता है तो वह देखता है कि यहां सेना के लोगों की बहुत इज्जत नहीं है. जो लोग समाज को लूट रहे हैं, ऐसे नेताओं की मूर्तियां गली-चौराहों पर लगी हुई हैं. इन लोगों का कहना है कि मौजूदा राजनीतिक दल देश की जरूरी मुद्दों से ध्यान हटाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं और बेरोजगारी-महंगाई जैसे मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हो रही है, बल्कि लोगों को भावनात्मक रूप से गुमराह किया जा रहा है. इसलिए वे जनता से जुड़े हुए मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में उतर रहे हैं.

बीजेपी पर गंभीर आरोप : इन पूर्व सैनिकों का कहना है कि पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने धोखा दिया. इसी के चलते इन लोगों ने तय किया कि वह अब राजनीति में भी हाथ आजमाएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्व सैनिकों ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ बनाया था लेकिन कुछ दिन काम करने के बाद इन्हें इस बात का एहसास हुआ कि भारतीय जनता पार्टी केवल इनका इस्तेमाल कर रही है और इन्हें केवल बैनर और झंडा लगाने के लिए ही कम पर लगाया जाता है. इसलिए इन लोगों ने भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ दिया.

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कई विधानसभा सीटों पर खड़े करेंगे प्रत्याशी : अब ये सभी पूर्व सैनिक मध्य प्रदेश की जबलपुर, महू, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, सागर जैसे स्थानों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इनका दावा है कि केवल जबलपुर की कैंटोनमेंट इलाके में ही लगभग 60 हजार की आबादी पूर्व सैनिकों की है. यही स्थिति प्रदेश के कई कैंट इलाकों की है. हालांकि ये लोग किसी एक राजनीतिक दल के बैनर तले नहीं आएंगे, क्योंकि इनका कहना है कि राजनीतिक दल इनका उपयोग करता है. वहीं यदि निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में यह फॉर्म भरते हैं तो इन्हें राजनीतिक दल बनाने की पूरी शर्तों को नहीं मानना होगा. इसलिए पूर्व सैनिक अलग-अलग स्थान पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में फॉर्म भरेंगे और चुनाव मैदान में उतरेंगे.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में उतरेंगे पूर्व सैनिक

जबलपुर। पूर्व सैनिकों का आरोप है कि पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उनके साथ धोखा किया. जबलपुर के पूर्व सैनिकों ने 'सरहद से समाज की ओर' नाम से एक संगठन बनाया था. इस संगठन के अध्यक्ष नितेश पांडे का कहना है कि वे भारतीय सेना में काम कर रहे थे. लेकिन इसी दौरान दुश्मनों से मुठभेड़ में उन्हें गोलियां लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गए. इस घटना के बाद जब भी ठीक हुए तो सेना ने उन्हें मेडिकल इतना फिट नहीं पाया कि वह आगे सेना के लिए काम कर सकें. इसलिए उन्हें रिटायरमेंट दे दिया गया. अब वह जबलपुर में रहते हैं

समाज में सेना को तवज्जो क्यों नहीं : नितेश पांडे और उनके कई साथी लंबे समय से अनुभव कर रहे थे कि वह जब सेना में जाते हैं तो उनके अंदर देशप्रेम की भावना इतनी अधिक होती है कि देश के लिए जान की बाजी लगा देते हैं लेकिन जब यही सैनिक समाज में आता है तो वह देखता है कि यहां सेना के लोगों की बहुत इज्जत नहीं है. जो लोग समाज को लूट रहे हैं, ऐसे नेताओं की मूर्तियां गली-चौराहों पर लगी हुई हैं. इन लोगों का कहना है कि मौजूदा राजनीतिक दल देश की जरूरी मुद्दों से ध्यान हटाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं और बेरोजगारी-महंगाई जैसे मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हो रही है, बल्कि लोगों को भावनात्मक रूप से गुमराह किया जा रहा है. इसलिए वे जनता से जुड़े हुए मुद्दों को लेकर चुनाव मैदान में उतर रहे हैं.

बीजेपी पर गंभीर आरोप : इन पूर्व सैनिकों का कहना है कि पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने धोखा दिया. इसी के चलते इन लोगों ने तय किया कि वह अब राजनीति में भी हाथ आजमाएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्व सैनिकों ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ बनाया था लेकिन कुछ दिन काम करने के बाद इन्हें इस बात का एहसास हुआ कि भारतीय जनता पार्टी केवल इनका इस्तेमाल कर रही है और इन्हें केवल बैनर और झंडा लगाने के लिए ही कम पर लगाया जाता है. इसलिए इन लोगों ने भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ दिया.

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