जबलपुर। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद सभी प्रत्याशियों का भविष्य ईवीएम में कैद है. जिन्हें जबलपुर के कृषि विश्वविद्यालय में बने स्ट्रांग रूम में रखा गया है. जिसकी भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था लगाई गई है. ईवीएम मशीनों को तीन सुरक्षा घेरे में रखा गया है. जिसमें पैरामिलिट्री फोर्सेस के जवान एसएफ के जवान और जिला पुलिस के साथ-साथ हाईटेक सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं.
कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं को किया EVM की सुरक्षा में तैनात: जबलपुर में EVM से छेड़छाड़ और सुरक्षा को लेकर कांग्रेस पार्टी में अब भी संशय बना हुआ है. यही वजह है कि जिला निर्वाचन आयोग द्वारा कृषि विश्वविद्यालय में बनाए गए स्ट्रांग रूम के बाहर कांग्रेस के तमाम प्रत्याशियों द्वारा अपने एजेंटो को सुरक्षा की दृष्टि तैनात किया गया है. सबसे खास बात यह है कि EVM की सीसीटीवी से निगरानी 24 घंटे कांग्रेस प्रत्याशियों द्वारा की जा रही है. वहीं प्रशासन भी EVM मशीनों की सुरक्षा को लेकर सख्त है. जहां EVM मशीनों को तीन सुरक्षा घेरे में रखा गया है और हर स्तर पर जांच पड़ताल की जा रही है. EVM की सुरक्षा के लिए पैरामिलिट्री के जवान, एसएफ के जवान और जिला पुलिस को तैनात किया गया है.
निर्वाचन आयोग की पुख्ता सुरक्षा के बाद भी निगरानी: इसके साथ ही जिस जगह पर EVM रखी गई है. उसके चारों तरफ भी हाईटेक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. जिनकी निगरानी तीन दिसंबर तक जिला प्रशासन के साथ-साथ तमाम प्रत्याशियों के एजेंट भी कर रहे हैं. दरअसल, कांग्रेस पार्टी द्वारा कृषि विश्वविद्यालय में बने स्ट्रांग रूम को लेकर सवाल खड़े किए गए थे. कांग्रेस का आरोप था कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के ससुर प्रभात मिश्रा वॉइस चांसलर के रूप में पदस्थ हैं. इसके साथ ही उनकी पत्नी डॉक्टर स्तुति शर्मा भी कृषि विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर पदस्थ हैं, फिलहाल स्तुति शर्मा भोपाल में अटैच हैं. वही कांग्रेस प्रत्याशियों के कार्यकर्ताओं का कहना है कि निर्वाचन आयोग की सुरक्षा पुख्ता है, लेकिन फिर भी निगरानी तो रखनी ही पड़ेगी.
चौथी रिंग में प्रत्याशी कर रहे निगरानी: वहीं पूरे मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी सौरव कुमार का कहना है कि 'भारत निर्वाचन आयोग भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के तहत सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है. स्ट्रांग रूम के दो रिंग बनाई गई थी. इसके साथ ही अब तीसरी रिंग भी बनाई गई है. इसके साथ साथ सभी प्रत्याशियों के एजेंट भी चौथी रिंग के रूप में निगरानी कर रहे है.