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MP Doctor: इलाज के लिए जा रहे हैं तो हो जाएं सावधान! हड़ताल पर हैं जयारोग्य अस्पताल के डॉक्टर - हड़ताल पर हैं जयारोग्य अस्पताल के डॉक्टर

मध्यप्रदेश और खासकर ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में इलाज के लिए जा रहे हैं तो हो जाएं सावधान. जयारोग्य अस्पताल के डॉक्टर इस समय हड़ताल पर हैं. उन्होंने चेताया है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो पूरे प्रदेश में डॉक्टर हड़ताल पर जा सकते हैं.

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हड़ताल पर हैं जयारोग्य अस्पताल के डॉक्टर
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Published : Feb 16, 2023, 3:50 PM IST

हड़ताल पर हैं जयारोग्य अस्पताल के डॉक्टर

ग्वालियर। पूरे मध्यप्रदेश के साथ-साथ ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बडे़ जयारोग्य अस्पताल में इलाज के लिए जा रहे हैं तो एक बार यह खबर जरूर पढ़ लिजिएगा. इस समय अपनी मांगों को लेकर सभी डॉक्टर हड़ताल पर है. यही कारण है कि आने वाले मरीज हॉस्पिटल में दर-दर भटक रहे है.ये डॉक्टर्स वेतन, पदोन्नति और पेंशन सहित अन्य मांगों को लेकर 17 फरवरी से हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं. ऐसा पहली बार होगा जब डॉक्टर रूटीन से लेकर इमरजेंसी सेवाएं बंद रखेंगे.

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प्रदेश स्तर पर आंदोलन की तैयारी में डॉक्टरः पूरे मध्यप्रदेश में अगर यह सभी डॉक्टर हड़ताल पर जाते हैं तो इसका सीधा असर अस्पतालों में आने वाले मरीजों पर पड़ेगा. अस्पतालों में जो डॉक्टर तैनात हैं वह इस समय अपनी मांगों को लेकर विरोध में उतरे और प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी से नाराज डॉक्टर प्रदेश स्तर पर आंदोलन की तैयारी करने का मन बना चुके हैं. ग्वालियर में सभी सरकारी डॉक्टरों ने आज अपने हाथों में काली पट्टी बांधकर सिर्फ दो घंटे काम किया है और उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि वह 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.

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डॉक्टरों ने डीन को ज्ञापन सौंपाः जिला और जयारोग्य अस्पताल के लगभग एक हजार डॉक्टरों ने हड़ताल पर अपनी सेवाएं बंद रखीं. मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ. एमएल माहौर ने कहा कि हमारी लंबित मांगों को सरकार ने नहीं माना तो 17 फरवरी को पूरी तरह से रूटीन सेवाओं के साथ-साथ इमरजेंसी सेवाएं भी बंद रखेंगे. हड़ताल पर जाने से पहले डॉक्टरों ने ग्वालियर GRMC के डीन डॉक्टर अक्षय निगम को एक ज्ञापन भी सौंपा है. आपको बता दें कि प्रदेश में वेतन प्रमोशन,पेंशन सहित अन्य मांगों को लेकर डॉक्टर्स की सरकार से कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन बात नहीं बनी. इसलिए डॉक्टरों ने चुनावी साल में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी दिशा में एक कदम बढ़ा दिया है. ग्वालियर चंबल अंचल की सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल में 1 दिन में लगभग 5000 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं. यही कारण है कि अब जैसे ही डॉक्टर हड़ताल पर जाएंगे तो स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी.

हड़ताल पर हैं जयारोग्य अस्पताल के डॉक्टर

ग्वालियर। पूरे मध्यप्रदेश के साथ-साथ ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बडे़ जयारोग्य अस्पताल में इलाज के लिए जा रहे हैं तो एक बार यह खबर जरूर पढ़ लिजिएगा. इस समय अपनी मांगों को लेकर सभी डॉक्टर हड़ताल पर है. यही कारण है कि आने वाले मरीज हॉस्पिटल में दर-दर भटक रहे है.ये डॉक्टर्स वेतन, पदोन्नति और पेंशन सहित अन्य मांगों को लेकर 17 फरवरी से हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं. ऐसा पहली बार होगा जब डॉक्टर रूटीन से लेकर इमरजेंसी सेवाएं बंद रखेंगे.

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प्रदेश स्तर पर आंदोलन की तैयारी में डॉक्टरः पूरे मध्यप्रदेश में अगर यह सभी डॉक्टर हड़ताल पर जाते हैं तो इसका सीधा असर अस्पतालों में आने वाले मरीजों पर पड़ेगा. अस्पतालों में जो डॉक्टर तैनात हैं वह इस समय अपनी मांगों को लेकर विरोध में उतरे और प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी से नाराज डॉक्टर प्रदेश स्तर पर आंदोलन की तैयारी करने का मन बना चुके हैं. ग्वालियर में सभी सरकारी डॉक्टरों ने आज अपने हाथों में काली पट्टी बांधकर सिर्फ दो घंटे काम किया है और उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि वह 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे.

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डॉक्टरों ने डीन को ज्ञापन सौंपाः जिला और जयारोग्य अस्पताल के लगभग एक हजार डॉक्टरों ने हड़ताल पर अपनी सेवाएं बंद रखीं. मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ. एमएल माहौर ने कहा कि हमारी लंबित मांगों को सरकार ने नहीं माना तो 17 फरवरी को पूरी तरह से रूटीन सेवाओं के साथ-साथ इमरजेंसी सेवाएं भी बंद रखेंगे. हड़ताल पर जाने से पहले डॉक्टरों ने ग्वालियर GRMC के डीन डॉक्टर अक्षय निगम को एक ज्ञापन भी सौंपा है. आपको बता दें कि प्रदेश में वेतन प्रमोशन,पेंशन सहित अन्य मांगों को लेकर डॉक्टर्स की सरकार से कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन बात नहीं बनी. इसलिए डॉक्टरों ने चुनावी साल में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी दिशा में एक कदम बढ़ा दिया है. ग्वालियर चंबल अंचल की सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल में 1 दिन में लगभग 5000 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं. यही कारण है कि अब जैसे ही डॉक्टर हड़ताल पर जाएंगे तो स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाएगी.

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