जबलपुर। कोरोना का बढ़ता संक्रमण और उसकी जांच के लिए सरकारी व्यवस्था पर निर्भरता खत्म हो चुकी है. अब घर बैठे कोई भी रैपिड टेस्ट किट (corona rapid test kit) द्वारा भी कोविड की जांच आसानी से कर लेता है, लेकिन यह व्यवस्था कहीं-ना-कहीं लापरवाही को जन्म दे रही है. यही वजह है कि अब स्वास्थ्य महकमे ने कमर कसते हुए बिना जानकारी घर में कोविड टेस्ट करने के खिलाफ नए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं.
बगैर जानकारी के रैपिड टेस्ट किट नहीं (No Rapid test kit without information)
स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्रीय संचालक डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि वे इसके लिए विस्तृत आदेश जारी कर रहे हैं और सभी दवा दुकान संचालकों को निर्देशित किया जा रहा है कि किसी भी व्यक्ति के आधार कार्ड समेत उसके घर के पता और मोबाइल नंबर की जानकारी लिए बगैर किसी को भी रैपिड टेस्ट किट नहीं दी जाए. इसके साथ-ही-साथ दवा दुकानदार को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उस टेस्ट किट की रिपोर्ट की भी जानकारी एकत्रित करें और प्रशासन को सूचना देने का भी काम भी दवा दुकानदार को करना होगा.
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संक्रमितों के आंकड़े की सही जानकारी जरूरी
कहने को प्रशासन अब सिर्फ आरटी-पीसीआर टेस्ट को ही मान्यता दे रहा है, लेकिन तीसरी लहर के दौरान बढ़ते संक्रमण के बीच आम लोग सरकारी जांच को किनारा करते हुए घर पर ही रैपिड टेस्ट किट का इस्तेमाल कर रहे हैं. ऐसे में 90 फ़ीसदी ऐसे मरीज भी हैं जो चुपचाप घर बैठे ही इलाज ले रहे हैं और उनका रिकॉर्ड सरकारी आंकड़ों में दर्ज नहीं हो पा रहा है. फिलहाल जबलपुर जिले में 1808 एक्टिव कोरोना के केस (Jabalpur corona update) हैं और रोजाना आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. सरकारी जांच यानी सैंपलिंग का आंकड़ा रोजाना का औसत 5000 है, जबकि रैपिड एंटीजन किट के आंकड़े नहीं जोड़े गए हैं. अगर कोरोना से लड़ाई लड़नी है तो पॉजिटिव आ रहे मरीजों का सही आंकड़ा प्रशासन के पास होना जरूरी है, ताकि कोविड प्रोटोकॉल का पालन सही ढंग से कराया जा सके.