जबलपुर। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा चुनावी दौरा करने संस्कारधानी जबलपुर पहुंचे. जहां उन्होंने प्रेस वार्ता कर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. वीडी शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह अपने बेटों को राजनीति में स्थापित करने के प्रयास कर रहे हैं, इसलिए कांग्रेस के दूसरे नेताओं को सतर्क हो जाना चाहिए. यहां तक कि वीडी शर्मा ने अरुण यादव को इस बात का इशारा भी किया है कि वह भारतीय जनता पार्टी से ज्यादा दूरी ना बनाएं.
एमपी कांग्रेस में पुत्रों की लड़ाई: वीडी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को भ्रम में नहीं रहना चाहिए, क्योंकि दिग्विजय अपने बेटे तो कमलनाथ अपने बेटे को सेट करने में लगे हुए हैं. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एमपी में कांग्रेस में पुत्रों की लड़ाई चल रही है. कांग्रेस के हर नेता यहां वहां घूम रहे हैं, चाहे दिग्विजय सिंह, अजय सिंह हो या राजस्थान में सचिन पायलट हो. वीडी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस का हमेशा यही रहा है, एक परिवार की राजनीति चलती है. परिवार का जो दरबारी है उसे ही मौका मिलेगा. (MP Mai Chunav Hai)
बीजेपी का माइक्रोमैनेजमेंट: प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बीजेपी के माइक्रोमैनेजमेंट का खुलासा करते हुए बताया कि पार्टी का फोकस है कि हर बूथ पर वह 51% वोट लेकर आए. इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर बूथ लेवल के कार्यकर्ता तक तैयारी की जा रही है. इसका सुखद परिणाम छिंदवाड़ा में देखने को मिला. जहां एक छोटे से चुनाव में हमें 4 बूथों पर 62% तक वोट मिला है. यदि इसी तरीके से माइक्रोमैनेजमेंट चलता रहा तो मध्य प्रदेश में चुनाव जीतने में समस्या नहीं होगी. वाडी शर्मा का कहना है कि 27 जून को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहडोल आ रहे हैं. देश के 10 लाख से ज्यादा बूथ प्रभारियों को यहां से संबोधित करेंगे.
कॉमन सिविल कोड: बीजेपी हमेशा ही समान नागरिक संहिता की बात करती रही है. ऐसी खबरें सुनने में मिली थी कि इस बार बीजेपी के पास कोई ऐसा जादुई मुद्दा नहीं है. जिससे प्रदेश और देश की सरकार को फिर से स्थापित किया जा सके. इसलिए बीजेपी नए मुद्दों को हवा दे रही है. इनमें पहला मुद्दा लव जिहाद का था और अब कॉमन सिविल कोर्ट पर चर्चा शुरू हो गई है. वीडी शर्मा का कहना है कि यदि देश की जरूरत होगी तो देश में कॉमन सिविल कोड लागू किया जाएगा. मध्यप्रदेश में भी इस पर विचार किया जा रहा है.
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कर्नाटक हमसे दूर है: वीडी शर्मा का तर्क है कि कर्नाटक में कांग्रेस की जीत को मध्य प्रदेश के चुनाव से जोड़कर नहीं देखना चाहिए, क्योंकि मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश के करीब है. इन दोनों प्रदेश में बीजेपी ने पिछले चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था. ऐसी स्थिति में एमपी के विधानसभा चुनाव में ज्यादा असर गुजरात और उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणामों का पड़ेगा, ना कि कर्नाटक के चुनाव का. हालांकि वीडी शर्मा यहां भूल रहे हैं कि मध्य प्रदेश से जुड़े हुए दो प्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान कांग्रेस के पास है. ऐसी स्थिति में असर तो इन प्रदेशों का भी मध्यप्रदेश की राजनीति पर पड़ेगा. वीडी शर्मा का दावा है कि बीजेपी इस बार 200 पार के नारे को लेकर चुनाव मैदान में उतर रही है. (MP Assembly Election 2023)