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जबलपुर उत्तर मध्य सीट में अभिलाष पांडे का विरोध, टिकट बंटवारे पर नहीं थम रही बगावत, क्या कर रहे हैं नेता

मध्य प्रदेश की संस्कारधानी में भी बीजेपी में अंतर्कलह देखने मिल रही है. जबलपुर उत्तर मध्य सीट को लेकर कार्यकर्ताओं में काफी रोष है. कई ऐसे नेता हैं जो खुले तौर पर विरोध जता रहे हैं, तो कई नेता जो खुलकर नाराजगी जाहिर नहीं कर पा रहे हैं, वे गुप्त बैठक कर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिख रहे हैं.

MP Assembly Election 2023
बीजेपी में बगावत
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 23, 2023, 10:27 PM IST

जबलपुर उत्तर मध्य सीट में अभिलाष पांडे का विरोध

जबलपुर। जिले की उत्तर मध्य विधानसभा की गुप्त रणनीति भारतीय जनता पार्टी के लगभग 24 नेताओं ने अभिलाष पांडे का टिकट बदलने के लिए केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिखा. वहीं धीरज पटेरिया ने एक बार फिर कहा कि उनके साथ विश्वासघात हुआ है. दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने भी नामांकन फार्म खरीदा है. जबलपुर नगर अध्यक्ष प्रभात साहू ने भी पद छोड़ने की इच्छा जताई है.

क्या कर रहे हैं धीरज पटेरिया: राजनीति में कैरियर बनाना आम मध्यम वर्गीय परिवार के युवा के लिए बहुत कठिन है. धीरज पटेरिया जबलपुर के ऐसे ही आम मध्यवर्गी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने लगभग 30 साल पहले भारतीय जनता पार्टी की राजनीति शुरू की थी. धीरज ने फैसला लिया था कि जब तक विधायक नहीं बनेंगे, तब तक शादी नहीं करेंगे. उनके कामकाज को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया था, लेकिन कभी टिकट नहीं दिया. पहली बार उन्हें 2008 में उम्मीद थी कि बीजेपी उन्हें टिकट देगी, लेकिन शरद जैन को उत्तर मध्य विधानसभा से उम्मीदवार बना दिया था.

2018 आते-आते धीरज पटेरिया का सब्र जवाब दे गया और उन्होंने 2018 में बीजेपी से बगावत कर ली. प्रत्याशी के रूप में फॉर्म भर दिया और उत्तर मध्य विधानसभा से बीजेपी चुनाव हार गई. हालांकि उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी, लेकिन एक बार फिर बीते दिनों उन्हें बीजेपी ने दोबारा वापस बुला लिया. अभी धीरज पटेरिया भारतीय जनता पार्टी में हैं और उन्हें उम्मीद थी की पार्टी उन्हें 2023 के विधानसभा चुनाव में टिकट देगी, लेकिन उत्तर मध्य विधानसभा से युवा मोर्चा के ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडे को विधानसभा का उम्मीदवार बनाया गया है. धीरज पटेरिया एक बार फिर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

MP Assembly Election 2023
बीजेपी नेताओं में नाराजगी

उनका कहना है कि बीते 5 सालों से भी लगातार चुनाव की तैयारी कर रहे थे. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने उनसे वादा किया था कि उन्हें टिकट देंगे, लेकिन अंतिम वक्त में दूसरे उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार दिया गया. वे इसे अपने साथ राजनीतिक धोखा मान रहे हैं. धीरज पटेरिया का कहना है कि उनके समर्थक लगातार उन्हें फोन लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया है. हालांकि वे पार्टी के फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं. उनका कहना है कि पार्टी के लोगों से भी उनकी बात चल रही है.

कमलेश अग्रवाल ने फार्म खरीदा: जबलपुर में बीजेपी में कमलेश अग्रवाल का नाम भी चर्चित चेहरों में से एक है. कमलेश अग्रवाल भी लगभग 30 सालों से बीजेपी की राजनीति कर रहे हैं. नगर निगम में अलग-अलग मोहल्ले से जीतकर पार्षद रह चुके हैं. उन्होंने भी आज विधानसभा के लिए नामांकन पत्र खरीदे हैं. हालांकि उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की, लेकिन जबलपुर की कैंट विधानसभा और जबलपुर की मध्य विधानसभा से नामांकन पत्र खरीदे हैं. कमलेश अग्रवाल फिलहाल नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष हैं. उन्हें पिछली बार उम्मीद थी कि नगर निगम के महापौर के लिए उन्हें टिकट मिल सकता है, लेकिन उनकी जगह डॉक्टर जितेंद्र जानदार को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था. कमलेश अग्रवाल को उम्मीद थी कि उन्हें विधानसभा का टिकट मिलेगा. लेकिन इस बार भी उन्हें टिकट नहीं मिला. अभी उन्होंने नामांकन पत्र खरीदे हैं. हो सकता है वे भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतर सकते हैं.

गुप्त बैठक: बीजेपी के टिकट के कुछ दावेदार तो खुलकर सामने आ गए और उन्होंने विरोध जताया. बहुत से ऐसे भी लोग हैं, जो खुलकर भारतीय जनता पार्टी का विरोध नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए उन्होंने एक गुप्त बैठक रखी थी. इसमें एक पत्र तैयार किया है जो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा गया है. इसमें जबलपुर उत्तर मध्य के उम्मीदवार को बदलने की मांग की गई है. जिसमें उम्मीद जताई जा रही है कि अभिलाष पांडे की जगह किसी और स्थानीय उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा जाए.

यहां पढ़ें...

अभिलाष पांडे ने चुनाव प्रचार शुरू किया: वहीं अभिलाष पांडे ने बगलामुखी मंदिर से पूजा पाठ शुरू करके प्रचार भी शुरू कर दिया है. राजनीति में अभिलाष पांडे वीडी शर्मा के करीबी माने जाते हैं. अभिलाष पर बीजेपी के ही सदस्य आरोप लगा रहे हैं कि वे मंडला के रहने वाले हैं और जबलपुर में भी पश्चिम विधानसभा में दावेदारी कर रहे थे. ऐसे में अचानक से उन्हें मध्य विधानसभा में चुनाव में उतार कर पार्टी ने गलत फैसला लिया है. उन पर बाहरी प्रत्याशी होने की बात कही जा रही है. हालांकि अभिलाष ने इसके जवाब में कहा है कि वह पाकिस्तान या फिलिस्तीन से नहीं आए हैं, बल्कि उनकी पूरी राजनीति जबलपुर से ही शुरू हुई थी.

जबलपुर के नगर अध्यक्ष प्रभात साहू भी खफा: ऐसी चर्चा है कि जबलपुर महानगर के अध्यक्ष प्रभात साहू भी अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच में ऐसी बात रखी थी, हालांकि उन्होंने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन उन्होंने कुछ वरिष्ठ नेताओं के सामने अपनी परेशानी खुलकर रखी थी कि यदि कार्यकर्ताओं की बात नहीं मानी जाएगी तो कार्यकर्ता चुनाव में साथ नहीं देंगे.

जबलपुर उत्तर मध्य सीट में अभिलाष पांडे का विरोध

जबलपुर। जिले की उत्तर मध्य विधानसभा की गुप्त रणनीति भारतीय जनता पार्टी के लगभग 24 नेताओं ने अभिलाष पांडे का टिकट बदलने के लिए केंद्रीय नेतृत्व को पत्र लिखा. वहीं धीरज पटेरिया ने एक बार फिर कहा कि उनके साथ विश्वासघात हुआ है. दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने भी नामांकन फार्म खरीदा है. जबलपुर नगर अध्यक्ष प्रभात साहू ने भी पद छोड़ने की इच्छा जताई है.

क्या कर रहे हैं धीरज पटेरिया: राजनीति में कैरियर बनाना आम मध्यम वर्गीय परिवार के युवा के लिए बहुत कठिन है. धीरज पटेरिया जबलपुर के ऐसे ही आम मध्यवर्गी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने लगभग 30 साल पहले भारतीय जनता पार्टी की राजनीति शुरू की थी. धीरज ने फैसला लिया था कि जब तक विधायक नहीं बनेंगे, तब तक शादी नहीं करेंगे. उनके कामकाज को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया था, लेकिन कभी टिकट नहीं दिया. पहली बार उन्हें 2008 में उम्मीद थी कि बीजेपी उन्हें टिकट देगी, लेकिन शरद जैन को उत्तर मध्य विधानसभा से उम्मीदवार बना दिया था.

2018 आते-आते धीरज पटेरिया का सब्र जवाब दे गया और उन्होंने 2018 में बीजेपी से बगावत कर ली. प्रत्याशी के रूप में फॉर्म भर दिया और उत्तर मध्य विधानसभा से बीजेपी चुनाव हार गई. हालांकि उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी, लेकिन एक बार फिर बीते दिनों उन्हें बीजेपी ने दोबारा वापस बुला लिया. अभी धीरज पटेरिया भारतीय जनता पार्टी में हैं और उन्हें उम्मीद थी की पार्टी उन्हें 2023 के विधानसभा चुनाव में टिकट देगी, लेकिन उत्तर मध्य विधानसभा से युवा मोर्चा के ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडे को विधानसभा का उम्मीदवार बनाया गया है. धीरज पटेरिया एक बार फिर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

MP Assembly Election 2023
बीजेपी नेताओं में नाराजगी

उनका कहना है कि बीते 5 सालों से भी लगातार चुनाव की तैयारी कर रहे थे. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने उनसे वादा किया था कि उन्हें टिकट देंगे, लेकिन अंतिम वक्त में दूसरे उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार दिया गया. वे इसे अपने साथ राजनीतिक धोखा मान रहे हैं. धीरज पटेरिया का कहना है कि उनके समर्थक लगातार उन्हें फोन लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया है. हालांकि वे पार्टी के फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं. उनका कहना है कि पार्टी के लोगों से भी उनकी बात चल रही है.

कमलेश अग्रवाल ने फार्म खरीदा: जबलपुर में बीजेपी में कमलेश अग्रवाल का नाम भी चर्चित चेहरों में से एक है. कमलेश अग्रवाल भी लगभग 30 सालों से बीजेपी की राजनीति कर रहे हैं. नगर निगम में अलग-अलग मोहल्ले से जीतकर पार्षद रह चुके हैं. उन्होंने भी आज विधानसभा के लिए नामांकन पत्र खरीदे हैं. हालांकि उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की, लेकिन जबलपुर की कैंट विधानसभा और जबलपुर की मध्य विधानसभा से नामांकन पत्र खरीदे हैं. कमलेश अग्रवाल फिलहाल नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष हैं. उन्हें पिछली बार उम्मीद थी कि नगर निगम के महापौर के लिए उन्हें टिकट मिल सकता है, लेकिन उनकी जगह डॉक्टर जितेंद्र जानदार को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था. कमलेश अग्रवाल को उम्मीद थी कि उन्हें विधानसभा का टिकट मिलेगा. लेकिन इस बार भी उन्हें टिकट नहीं मिला. अभी उन्होंने नामांकन पत्र खरीदे हैं. हो सकता है वे भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतर सकते हैं.

गुप्त बैठक: बीजेपी के टिकट के कुछ दावेदार तो खुलकर सामने आ गए और उन्होंने विरोध जताया. बहुत से ऐसे भी लोग हैं, जो खुलकर भारतीय जनता पार्टी का विरोध नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए उन्होंने एक गुप्त बैठक रखी थी. इसमें एक पत्र तैयार किया है जो बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजा गया है. इसमें जबलपुर उत्तर मध्य के उम्मीदवार को बदलने की मांग की गई है. जिसमें उम्मीद जताई जा रही है कि अभिलाष पांडे की जगह किसी और स्थानीय उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा जाए.

यहां पढ़ें...

अभिलाष पांडे ने चुनाव प्रचार शुरू किया: वहीं अभिलाष पांडे ने बगलामुखी मंदिर से पूजा पाठ शुरू करके प्रचार भी शुरू कर दिया है. राजनीति में अभिलाष पांडे वीडी शर्मा के करीबी माने जाते हैं. अभिलाष पर बीजेपी के ही सदस्य आरोप लगा रहे हैं कि वे मंडला के रहने वाले हैं और जबलपुर में भी पश्चिम विधानसभा में दावेदारी कर रहे थे. ऐसे में अचानक से उन्हें मध्य विधानसभा में चुनाव में उतार कर पार्टी ने गलत फैसला लिया है. उन पर बाहरी प्रत्याशी होने की बात कही जा रही है. हालांकि अभिलाष ने इसके जवाब में कहा है कि वह पाकिस्तान या फिलिस्तीन से नहीं आए हैं, बल्कि उनकी पूरी राजनीति जबलपुर से ही शुरू हुई थी.

जबलपुर के नगर अध्यक्ष प्रभात साहू भी खफा: ऐसी चर्चा है कि जबलपुर महानगर के अध्यक्ष प्रभात साहू भी अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच में ऐसी बात रखी थी, हालांकि उन्होंने अब तक कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन उन्होंने कुछ वरिष्ठ नेताओं के सामने अपनी परेशानी खुलकर रखी थी कि यदि कार्यकर्ताओं की बात नहीं मानी जाएगी तो कार्यकर्ता चुनाव में साथ नहीं देंगे.

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