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Drone in Election Campaign: प्रहलाद पटेल के चुनाव प्रचार में उड़ा ड्रोन, BJP ने सोशल मीडिया के साथ लिया Drone का सहारा - एमपी बीजेपी चुनाव प्रचार ड्रोन का इस्तेमाल

इस बार एमपी चुनाव में प्रचार के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. बीजेपी प्रत्याशी प्रहलाद पटेल के चुनाव प्रचार के दौरान एक बड़े ड्रोन का इस्तेमाल किया गया.

MP Assembly Election 2023
प्रहलाद पटेल के चुनाव प्रचार में उड़ा ड्रोन
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 22, 2023, 3:16 PM IST

जबलपुर। चुनाव प्रचार के पारंपरिक तरीके बदल रहे हैं. अब चुनाव प्रचार में ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. नरसिंहपुर में प्रहलाद पटेल के चुनाव प्रचार के दौरान एक बहुत बड़ा ड्रोन प्रचार के लिए इस्तेमाल में लाया गया. ड्रोन के जरिए न केवल फूल बरसाए गए, बल्कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी की तस्वीर लगाकर पूरे सभा स्थल के ऊपर इसे उड़ाया गया.

चुनाव प्रचार के पुराने तरीके: चुनाव की बात हो और टीएन शेषन का जिक्र ना हो तो बात अधूरी रह जाती है. टीएन शेषन भारत के दसवीं चुनाव आयुक्त थे. 1990 से 1996 तक चुनाव आयुक्त रहे, लेकिन भारतीय लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया पर अभूतपूर्व परिवर्तन करने का काम टीएन शेषन ने ही किया था. यह चुनाव सुधारों का दौर था. जब टीएन शेषन ने उम्मीदवारों के खर्चों पर लगाम लगाई थी. इसके बाद ही चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवारों के खर्चे पर सीमा तय कर दी गई थी. उसके पहले तक चुनाव प्रचार में खर्च की कोई सीमा नहीं थी. इसलिए चुनाव इतना रंगीन हो जाता था कि केवल वॉल पेंटिंग के ही जरिए पूरे शहर रंग दिए जाते थे. हर जगह झंडा बैनर नजर आते थे.

सोशल मीडिया के बाद नया तरीका: अब अब झंडा बैनर इन सब की गिनती होती है और खर्च का हिसाब चुनाव आयोग लेता है. इसलिए उम्मीदवारों को अपने प्रचार प्रसार का तरीका भी बदलना पड़ा है. इन दिनों सबसे ज्यादा जोर सोशल मीडिया पर चल रहा है. सोशल मीडिया का विज्ञापन अपेक्षाकृत सरल और सस्ता होता है. इसलिए ज्यादातर चुनावी उम्मीदवार सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात कह रहे हैं.

MP Assembly Election 2023
चुनाव प्रचार में उड़ा ड्रोन

ड्रोन फूल बरसाए और रंगीन रोशनी छोड़ी: नरसिंहपुर में प्रहलाद पटेल के चुनाव प्रचार के दौरान प्रचार में सभा के ऊपर उड़ते हुए ड्रोन ने लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित किया. यह एक बड़ा सा ड्रोन है, जिसने फूल भी बरसाए और रात में रंगीन रोशनी के साथ यह सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था. ड्रोन का इस्तेमाल कई कामों में किया जा रहा है, लेकिन चुनाव प्रचार में ऐसा प्रयोग पहली बार देखने को मिला.

कृषि उपयोग वाला ड्रोन: ड्रोन ऑपरेटर करने वाली संस्था के सदस्य पीयूष श्रीवास्तव का कहना है कि "ड्रोन के जरिए लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना एक आधुनिक तरीका है. मध्य प्रदेश में एक ड्रोन 10 किलो वजन का सामान उठाकर उड़ने की अनुमति है. दरअसल ड्रोन का इस्तेमाल खेती में दवा डालने के लिए किया जा रहा है, लेकिन इसी ड्रोन को थोड़ा सा मॉडिफाई करके अब इस चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया गया.

यहां पढ़ें...

खर्च अभी तय नहीं: ड्रोन के जरिए चुनाव प्रचार करने पर चुनाव आयोग इसे कितना खर्चीला मानेगा यह तय नहीं है, क्योंकि चुनाव आयोग की मौजूदा लिस्ट में ड्रोन के जरिए चुनाव प्रचार के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन यह तरीका बहुत प्रभावित होगा, क्योंकि आज भले ही आसमान में बड़े-बड़े हवाई जहाज उड़ते हों लेकिन आज भी बड़ी आबादी आसमान में उड़ती हुई चीजों को कोतूहल की नजर से देखती है.

जबलपुर। चुनाव प्रचार के पारंपरिक तरीके बदल रहे हैं. अब चुनाव प्रचार में ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. नरसिंहपुर में प्रहलाद पटेल के चुनाव प्रचार के दौरान एक बहुत बड़ा ड्रोन प्रचार के लिए इस्तेमाल में लाया गया. ड्रोन के जरिए न केवल फूल बरसाए गए, बल्कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी की तस्वीर लगाकर पूरे सभा स्थल के ऊपर इसे उड़ाया गया.

चुनाव प्रचार के पुराने तरीके: चुनाव की बात हो और टीएन शेषन का जिक्र ना हो तो बात अधूरी रह जाती है. टीएन शेषन भारत के दसवीं चुनाव आयुक्त थे. 1990 से 1996 तक चुनाव आयुक्त रहे, लेकिन भारतीय लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया पर अभूतपूर्व परिवर्तन करने का काम टीएन शेषन ने ही किया था. यह चुनाव सुधारों का दौर था. जब टीएन शेषन ने उम्मीदवारों के खर्चों पर लगाम लगाई थी. इसके बाद ही चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवारों के खर्चे पर सीमा तय कर दी गई थी. उसके पहले तक चुनाव प्रचार में खर्च की कोई सीमा नहीं थी. इसलिए चुनाव इतना रंगीन हो जाता था कि केवल वॉल पेंटिंग के ही जरिए पूरे शहर रंग दिए जाते थे. हर जगह झंडा बैनर नजर आते थे.

सोशल मीडिया के बाद नया तरीका: अब अब झंडा बैनर इन सब की गिनती होती है और खर्च का हिसाब चुनाव आयोग लेता है. इसलिए उम्मीदवारों को अपने प्रचार प्रसार का तरीका भी बदलना पड़ा है. इन दिनों सबसे ज्यादा जोर सोशल मीडिया पर चल रहा है. सोशल मीडिया का विज्ञापन अपेक्षाकृत सरल और सस्ता होता है. इसलिए ज्यादातर चुनावी उम्मीदवार सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात कह रहे हैं.

MP Assembly Election 2023
चुनाव प्रचार में उड़ा ड्रोन

ड्रोन फूल बरसाए और रंगीन रोशनी छोड़ी: नरसिंहपुर में प्रहलाद पटेल के चुनाव प्रचार के दौरान प्रचार में सभा के ऊपर उड़ते हुए ड्रोन ने लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित किया. यह एक बड़ा सा ड्रोन है, जिसने फूल भी बरसाए और रात में रंगीन रोशनी के साथ यह सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था. ड्रोन का इस्तेमाल कई कामों में किया जा रहा है, लेकिन चुनाव प्रचार में ऐसा प्रयोग पहली बार देखने को मिला.

कृषि उपयोग वाला ड्रोन: ड्रोन ऑपरेटर करने वाली संस्था के सदस्य पीयूष श्रीवास्तव का कहना है कि "ड्रोन के जरिए लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना एक आधुनिक तरीका है. मध्य प्रदेश में एक ड्रोन 10 किलो वजन का सामान उठाकर उड़ने की अनुमति है. दरअसल ड्रोन का इस्तेमाल खेती में दवा डालने के लिए किया जा रहा है, लेकिन इसी ड्रोन को थोड़ा सा मॉडिफाई करके अब इस चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया गया.

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खर्च अभी तय नहीं: ड्रोन के जरिए चुनाव प्रचार करने पर चुनाव आयोग इसे कितना खर्चीला मानेगा यह तय नहीं है, क्योंकि चुनाव आयोग की मौजूदा लिस्ट में ड्रोन के जरिए चुनाव प्रचार के बारे में कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन यह तरीका बहुत प्रभावित होगा, क्योंकि आज भले ही आसमान में बड़े-बड़े हवाई जहाज उड़ते हों लेकिन आज भी बड़ी आबादी आसमान में उड़ती हुई चीजों को कोतूहल की नजर से देखती है.

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