जबलपुर। दमोह के बहुचर्चित देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड मामले में जिला न्यायालय ने बीएसपी विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. जिसके बाद गोविंद सिंह ने गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की. हाईकोर्ट के जस्टिस मोहम्मद फहीम अनवर की एकलपीठ ने शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई की, लेकिन याचिकाकर्ता और अनावेदक की तरफ से तर्क पूर्ण दलील पेश नहीं करने के चलते एकलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 15 अप्रैल को तय कर दी.
- हाई कोर्ट ने आगे बढ़ाई सुनवाई
जिला न्यायालय ने 8 जनवरी को प्रकरण में गोविंद सिंह को आरोपी बनाते हुए एक सप्ताह में आत्म समर्पण के आदेश दिए थे. जिला न्यायालय के आदेश के खिलाफ गोविंद सिंह ने उच्च न्यायायल की शरण ली. जिसकी सुनवाई उच्च न्यायालय में प्रकरण के संबंध में दायर अन्य याचिकाओं के साथ की गई. प्रकरण की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता महेश चौरसिया की तरफ से आपत्ति दर्ज कराते हुए जवाब पेश किया गया. जिसमें कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय ने दायर एसएलपी की सुनवाई करते हुए गोविंद सिंह को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा जिला तथा उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला भी दिया गया है.
जवाब में कहा गया कि राजनीतिक संरक्षण के कारण बहुचर्चित हत्याकांड में विधायक पति गिरफ्तारी से बचते रहे. याचिकाकर्ता की तरफ से एकलपीठ को बताया गया कि विवेचना के बाद पुलिस ने उन्हे क्नीलचिट देते हुए न्यायालय में खात्मा रिपोर्ट पेश की थी. दोनों पक्षों के तर्क पूर्ण नहीं होने के कारण एकलपीठ ने यह आदेश जारी किए. अनावेदक की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे, अधिवक्ता आनंद कुमार शर्मा और अधिवक्ता मनीष कुमार मुखारिया ने पैरवी की.
- ये था पूरा घटना क्रम
15 मार्च 2019 को दमोह जिले में कांग्रेस नेता द्रेवेन्द्र चैरसिया की हत्या कर दी गई थी, हत्या के आरोप में पथरिया से बहुजन समाज पार्टी की विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह नामजद मुख्य आरोपी थे. पुलिस ने दूसरे पक्ष के खिलाफ भी हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था. प्रकरण की सुनवाई के दौरान पुलिस ने हत्या के आरोप में अन्य आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट पेश की. मुख्य आरोपी गोविंद सिंह के खिलाफ प्रकरण को विवेचना में लेने के बाद पुलिस ने विधायक पति के खिलाफ खात्मा रिपोर्ट पेश की.