जबलपुर। नगर-निगम के वकील को सार्वजनिक मंच से धमकी देने के मामले में कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया ने हाईकोर्ट से माफी मांगी है. माफी मांगने के बाद कोर्ट ने नसीहत देते कहा वह सार्वजनिक जीवन में भी न्यायालय की इज्जत करे.
बीते दिनों मंत्री लखन घनघोरिया ने सार्वजनिक मंच से नगर-निगम के वकील अंशुमान सिंह को धमकी दी थी. जिसके लिए उन्होंने लिखित शपथ पत्र के जरिए माफी मांगी है. जिस पर कोर्ट का कहना है कि सिर्फ लिखित माफी मांग लेने से मामला खत्म नहीं हो जाता बल्कि लखन घनघोरिया को अपने कामकाज से भी ऐसा साबित करना होगा कि वे कोर्ट की इज्जत करते हैं.
जबलपुर में पहाड़ियों पर अतिक्रमण को हटाने के लिए एक जनहित याचिका लगाई गई थी. जिससे सिद्ध बाबा पहाड़ी के लोग परेशान थे और अपनी परेशानियों को हल करने के लिए उन्होंने सभा आयोजित कर स्थानीय विधायक और मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया को आमंत्रित किया.
इस सभा में मंत्री लखन घनघोरिया ने अपने भाषण में नगर-निगम के वकील अंशुमान सिंह को धमकी भरे लहजे में समझाइश दी थी. इसी को मुद्दा बनाकर अंशुमान सिंह की तरफ से हाईकोर्ट में एक इंटरवेंशन पेश किया गया था और कहा गया था कि लखन घनघोरिया कोर्ट की कार्यवाही में दखल कर रहे हैं.जिस पर कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा गया था.
सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में जवाब पेश किया गया. जिसमें कहा गया कि लखन घनघोरिया से गलती हो गई थी उनकी मंशा कोर्ट की अवमानना करना या किसी वकील को धमकाना नहीं था और वे माफी चाहते हैं. इस पर हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मंत्री सरकार का हिस्सा होते हैं और उन्हें संयम बरतना चाहिए.